चेचिस क्रमांक बदलने के लिए उपराजधानी बन रही हब
चोरी के ट्रक दौड रहे देशभर में
* आरटीओ फिर एक बार आया चर्चा में
नागपुर/दि.26- चोरी के ट्रक के चेसिस क्रमांक बदलने के बाद उसका पंजीयन कर बेचने का नागपुर हब बनता जा रहा है. ऐसा ही चोरी व धोखाधडी का एक प्रकरण में नई मुंबई की अपराध शाखा ने नागपुर में छापा मारा. इस छापे के बाद आरटीओ अधिकारी व कर्मचारी में खलबली मच गयी.
जानकारी के अनुसार अपराध शाखा पुलिस ने नागपुर ग्रामीण के शील नाम के एक एजंट को अपने ताबे में लिया है. उसकी बारिकी से जांच के बाद आरटीओ के बडे अधिकारी पुलिस के जाल में फसने की आशंका जताई जा रही है. इस कार्रवाई के कारण नागपुर आरटीओ फिर से एक बार चर्चा में है. इसके पूर्व भी शील को ऐसे ही प्रकरण में गिरफ्तार किया गया था. इस कार्रवाई के बाद ग्रामीण के कुछ अधिकारी अपने आका के आश्रय में जाने की भी जानकारी है.
अरुणाचल प्रदेश से एक ट्रक चोरी कर नागपुर में लाया गया. यहां ट्रक का चेसिस क्रमांक बदला गया. नकली दस्तावेज के आधार पर नागपुर प्रादेशिक परिवहन विभाग के ग्रामीण कार्यालय मे पंजीयन किया गया. इस चोरी के ट्रक की मुंबई, महाराष्ट्र सहित मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ व तेलंगाना में बिक्री की गई थी. यह ट्रक चोरी का बडा रैकेट नागपुर में सक्रिय है. मुंबई पुलिस की कार्रवाई के बाद इस रैकेट का पर्दाफाश होने की आशंका विश्वसनीय सुत्रों ने जताई है.
अमरावती पुलिस ने किया था पहली बार मामला उजागर-
विगत अनेक वर्षो से नागपुर आरटीओ चर्चा में है. पंजाब, हरियाणा, नई दिल्ली व मध्य प्रदेश से चोरी के ट्रक की नागपुर में चेसिस क्रमांक बदले जाते है. अमरावती पुलिस की जांच में पहली बार 2018 में जानकारी सामने आई थी. इस समय इस प्रकरण में शहर आरटीओ के कार्यलयीन अधीक्षक पर निलंबन की कार्रवाई की गई थी.
ऐसे खुला मामले का राज
अन्य राज्य से चोरी हुए ट्रक महाराष्ट्र के प्रादेशिक परिवहन कार्यालय में पंजीयन किए गए है. यह ट्रक एपीएमसी ट्रक टर्मिनल परिसर में खडेरहने की जानकारी नई मुंबई अपराध शाखा के मोटर वाहन चोर शोध कक्ष को मिली.4 मार्च को पुलिस ने एमपीएमसी टर्मिनल परिसर में छापा मारा. पुलिस ने एमएच-40 सीएम1567 क्रमांक व एमएच 40 सीएम 3098 इस क्रमांक के दो ट्रक को जप्त किया. 1567 क्रमांक का ट्रक कमलेश व दुसरा ट्रक नीरव के मालकी का होने के चलते दस्तावेज होने का पुलिस को जानकारी मिली. पहले ट्रक का मूल मालक (दस्तावेज के आधार पर) विठ्ठल का मालकी है. सचिन नाम के एजंट के माध्यम से खरीदने की बात कमलेश ने पुलिस को बताई तथा नीरव ने जावेद नाम के एजंट के माध्यम से ट्रक खरीदी करने की बात कबूली. तकनीकी जांच के दौरान दोनों ट्रक टाटा कंपनी ने बनाए है. मूल चेसिस क्रमांक में बदलाव कर नकली दस्तावेज के आधार पर प्रादेशिक परिवहन विभाग के ग्रामीण कार्यालय में पंजीयन किए जाने की बात सामने आई है. इसी तरह ट्रक की बिक्री कर मूल मालक, बिमा कंपनी व शासन के कर्ज डुबाने के लिए धोखाधडी की गई. 7 मार्च मार्च को एपीएमसी पुलिस थाने ने धोखाधडी सहित विभिन्न धाराओं के चलते अपराध दर्ज किया है.