शुन्य प्रतिशत ब्याज सुविधा कायम
तीन लाख तक कर्जदार किसानों को सहकार आयुक्त का दिलासा
अमरावती/दि.15– किसानों की फसलों पर शून्य प्रतिशत ब्याज की सुविधा मिलने के लिए किसानों ने पहले छह प्रतिशत ब्याज सहित कर्ज भरने के आदेश सरकार व्दारा दिए गए थे. जिसके विरुध्द किसानों में भारी रोष देखा गया. जिसके बाद गुरुवार को ब्याज के अलावा कर्ज की मुद्दल जमा करने के आदेश सहकार आयुक्त, नाबार्ड के सरव्यवस्थापक की उपस्थिती में राज्य के सभी जिला बैंको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी से विडियो कॉफ्रेसिंग के व्दारा बैठक ली गई. जिसमें लिए गए निर्णय से किसानों को थोडा दिलासा मिला है.
राष्ट्रीयकृत बैंक से फसल कर्ज लेने वाले किसानों को ब्याजमाफी की सहुलियत मिलने के लिए मुद्दत में छह प्रतिशत ब्याज के साथ रकम बैंक में जमा करनी पडती थी. जिसके बाद ब्याज की यह रकम भी वापस किसानों के खाते में जमा की जाती है. मगर राज्य के जिला बैंकों की ओर से किसानों को मदद के रुप में निर्धारित मुद्दत में कर्ज जमा करने पर ब्याज की माफी की सुविधा देना शुरु किया है. केंद्र व राज्य सरकार के बाद बैंक के खाते में ब्याज की रकम जमा करते थे.
समय पर फसल कर्ज की वापसी करने वाले किसानों को छह प्रतिशत ब्याज की सुविधा का लाभ मिलता था. किसानों को केवल कर्ज की मुद्दल भरनी पडती थी. तीन लाख रुपयो तक फसल कर्ज लेने वाले किसानों को यह लाभ मिलता था. पिछले महिने सकार आयुक्त ने आदेश निकाल कर 2023-24 में जिला बैंक की खरीप व रब्बी हंगामी का वितरण किए गए कर्ज छह प्रतिशत ब्जाय की रकम सहित जमा करने के आदेश दिए. जिसके बाद केंद्र व राज्य सरकार की ओर से उनके बैंक खाते में ब्याज की रकम जमा होने वाली थी. सहकार आयुक्त के निर्णय के विरुद्ध किसानों की संतप्त प्रतिक्रिया उमडी. जिसके बाद सहकार आयुक्त ने बैठक लेकर इस मामले पर चर्चा की. इस बैठक में अमरावती जिला बैंक अध्यक्ष विधायक बच्चू कडू, जिला बैंक मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरविंद देशपांडे सहभागी हुए. विधायक कडू ने किसानों की समस्या को सामने रखा. जिसके बाद सहकार आयुक्त ने अन्य जिलों के बैंक अध्यक्ष से भी चर्चा की. सभी का मत जानने के बाद परिस्थिती देखकर निर्णय लिया व ब्याज के बदले कर्ज की मुद्दल जमा करने के आदेश दिए. ऐन चुनाव के मुहाने पर होने से छह प्रतिशत ब्याज की सुविधा का निर्णय लिया गया. चुनाव के बाद अगले वर्ष यह निर्णय नये सिरे से लागू किया जा सकता है. ऐसा आरोप कॉग्रेस से देवानंद पवार ने लगाया.
योजना का विषय
तीन लाख रुपये तक फसल कर्ज लेने वाले किसानों को समय पर कर्ज भरने पर छह प्रतिशत ब्याज की सुविधा मिलती है.
किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर कर्ज मिलता है.
छह प्रतिशत में तीन प्रतिशत ब्याज केंद्र सरकार भरती है.
डॉ.पंजाबराव देशमुख योजना में राज्य सरकार तीन प्रतिशत ब्याज भरती है.