रिसोड की महिला ने पहले गर्भधारण में तीन बच्चों को जन्म दिया

डॉ. खराट के उपचार से बालकों को मिला नवजीवन

वाशिम / दि. 12 – रिसोड की एक महिला ने अपनी पहली गर्भावस्था में तीन बच्चों को जन्म दिया है. जन्म के समय तीनों शिशुओं की नाजुक स्थिति को देखते हुए डॉ. परमेश्वर खरात ने इन शिशुओं को सफलतापूर्वक इलाज करने और नया जीवन देने का हर संभव प्रयास किया. नवजात शिशुओं और माता के उपचार में महात्मा फुले जन आरोग्य योजना का लाभ भी उन्हें प्रदान किया. वर्तमान में शिशुओं और मां का स्वास्थ्य अच्छा है और बच्चे अब 4 माह के हो गये है. इनमें दो लडके और एक लडकी है. डॉक्टर यानी देवदूत, इसका अनुभव रिसोड के खोडके दंपत्ति को आया. रिसोड की अश्विनी अंकित खोडके ने अपनी पहली गर्भावस्था में स्थानीय डॉ. गायकवाड अस्पताल में तीन बच्चों को जन्म दिया. जन्म के समय तीनों शिशुओं की हालत गंभीर थी. इसलिए डॉ. तुषार गायकवाड की सलाह पर इन शिशुओं के आगे के इलाज के लिए डॉ. परमेश्वर खराट के बालाजी चिल्ड्रेन हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. नवजातों की नाजुक स्थिति को देखते हुए डॉ. खराट ने तुरंत अस्पताल में शिशुओं का इलाज शुरू कर दिया. उन्होंने अपने मेडिकल कौशल से तीनों नवजातों केा नया जीवन देने में अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की. तीनों नवजात अब तंदुरूस्त और स्वस्थ है. वे अब चार महीने के हो चुके है. इनमें दो लडके और एक लडकी है.
एक से अधिक शिशुओं का जन्म हमेशा खतरनाक होता है. ऐसे समय में नवजातों में सांस लेने में तकलीफ, कम वजन और कई स्वास्थ्य संबंधी जटिलताए उत्पन्न होती है. लेकिन आधुनिक तकनीक के उचित उपयोग, रोगियों पर निरंतर ध्यान और अपने कौशल के बल पर डॉ. परमेश्वर खरात ने इन सभी कठिनाईयों पर विजय प्राप्त की. इन नवजातों की जान बचाने में सफलता मिलने के बाद माता-पिता, रिश्तेदारों और अस्पतालों में खुशी का माहौल निर्माण हो गया है. इस घटना ने जिले की स्वास्थ्य सेवा में एक प्रेरणादायक आदर्श स्थापित किया है और एक बार फिर यह उजागर हुआ है कि डॉक्टरों ने देवदूत का रूप निभाया है.
डॉ. खराट ने जन आरोग्य योजना में शामिल कर हमें हिम्मत दी. तीनों बच्चे के माता- पिता ने कहा कि हम अपने बच्चों के जन्म के बाद से ही चिंतित थे, लेकिन डॉ. परमेश्वर खराट ने हमें हिम्मत दी और हमारी आर्थिक स्थिति को देखते हुए उन्होंने तुरंत हमें महात्मा ज्योतिराव फुले जन आरोग्य योजना में शामिल किया. बच्चों के अभिभावकों ने कहा कि डॉ. खराट ने वेंटिलेटर उपचार पूरी तरह से नि:शुल्क प्रदान किया. यद्यपि उक्त योजना की अवधि 21 दिन है. लेकिन उन्होंने हमें बिना किसी शुल्क के 28 दिनों तक योजना का सीधा लाभ दिया और हमारे तीनों शिशुओं को नया जीवन दिया. उनके अथक प्रयासों से आज हमारे बच्चे सुरक्षित है. जो कि हमारे लिए भगवान का एक आशीर्वाद है. बच्चों के माता-पिता ने भावुक शब्दों में कहा कि डॉ. परमेश्वर खराट हमारे लिए साक्षात ईश्वर का रूप है.

प्राण बचाना ही डॉक्टर का धर्म है
डॉ. परमेश्वर खराट ने कहा कि रोगी का जीवन बचाना ही डॉक्टर का धर्म है. ईश्वर ने हमें यह कार्य करने की शक्ति दी है. मेरी मेडिकल टीम के सहयोग के बिना यह संभव नहीं होता. मुझे बहुत संतोष है कि मैंने इन बच्चों को बिना देर किए अपने अस्पताल में भर्ती कराया और उनकी जान बचाई. जबकि हमारे घर पर ही कार्यक्रम चल रहे थे.

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