नई प्रारुप रचना से सलिम बेग, प्रशांत डवरे व प्रदीप हिवसे ‘डिस्टर्ब’

निर्वाचन क्षेत्र के कई इलाके ‘इधर से उधर’, वोटों का गडबडाएगा गणित

अमरावती/दि.4 – अमरावती मनपा के आगामी चुनाव हेतु मनपा प्रशासन द्वारा घोषित प्रारुप प्रभाग रचना यद्यपि सरसरी तौर पर वर्ष 2017 की प्रभाग रचना की ट्रू-कॉपी दिखाई दे रही है, परंतु हकीकत यह है कि, वर्ष 2017 की प्रभाग रचना को 80 फीसद ही जस का तस रखा गया है और इसमें लगभग 20 फीसद बदलाव किए गए है. जिसके तहत कई प्रभागों के परिसीमन में फेरबदल करते हुए कुछ इलाकों को पहले के प्रभागों से हटाकर नए प्रभागों के साथ जोडा गया है. जिसके चलते संबंधित क्षेत्रों के निवर्तमान पार्षदों के वोटों का गणित व समिकरण गडबडाने की पूरी संभावना देखी जा रही है.
विशेष उल्लेखनीय है कि, छायानगर-गवलीपुरा नाम रहनेवाले प्रभाग क्रमांक 15 से गवलीपुरा परिसर को काटकर विलास नगर प्रभाग के साथ जोड दिया गया है. जिसके चलते छायानगर-गवलीपुरा प्रभाग के पूर्व पार्षद सलिम बेग युसूफ बेग का घर अब विलास नगर प्रभाग में चला गया है. जिसकी वजह से पूर्व पार्षद सलिम बेग का ‘डिस्टर्ब’ होना स्वाभाविक है. इसी तरह अब तक स्वामी विवेकानंद-रुक्मिणी नगर प्रभाग रहनेवाले प्रभाग से स्वामी विवेकानंद कॉलोनी व रुक्मिणी नगर को अलग-अलग करते हुए दो स्वतंत्र प्रभाग बनाए गए है. जिसके तहत रुक्मिणी नगर को फ्रेजरपुरा प्रभाग के साथ जोड दिया गया है और स्वामी विवेकानंद प्रभाग का नए सिरे से परिसीमन करते हुए इसमें पुराने राजापेठ व कंवर नगर प्रभाग के कुछ इलाकों को जोडा गया है. जिससे इस क्षेत्र के निवर्तमान पार्षद प्रदीप उर्फ बंडू हिवसे का निर्वाचन क्षेत्र ‘डिस्टर्ब’ होता दिखाई दे रहा है. क्योंकि स्वामी विवेकानंद कॉलनी परिसर में रहनेवाले पूर्व पार्षद बंडू हिवसे का रुक्मिणी नगर परिसर में भी अच्छा-खासा जनाधार रहा. वहीं अब उन्हें नए क्षेत्र में अपने लिए वोटरों की तलाश करनी होगी. इसके अलावा प्रभाग क्रमांक 3 नवसारी में भी कुछ हद तक फेरबदल हुआ है और इस परिसर में करीब 7 हजार मतदाता इधर से उधर हुए है. जिसके चलते इस क्षेत्र के निवर्तमान पार्षद व राकांपा के शहराध्यक्ष प्रशांत डवरे के लिए आगामी चुनाव की राह थोडी ‘डिस्टर्ब’ करनेवाली रह सकती है.
इन सबके अलावा विलास नगर, जवाहर स्टेडियम, राजापेठ-संत कंवरराम प्रभागों में हुए बडे बदलाव तथा अन्य कुछ प्रभागों में हुए छिटपूट बदलाओं के चलते इस बार कई बडे-बडे दावेदारों के वोटों से संबंधित गणित व समिकरण गडबडाते हुए दिखाई दे सकते है, ऐसी संभावना राजनीतिक जानकारों द्वारा जताई जा रही है.

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