जिले में 1900 सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल

‘बाप्पा’ के स्वागत की जमकर चल रही तैयारियां

अमरावती /दि.19 – दस दिवसीय सार्वजनिक गणेशोत्सव का प्रारंभ होने में अब केवल 10 दिनों की अवधि शेष है. जिसके चलते जहां एक ओर मुर्तिकारों द्वारा गणेश प्रतिमाओं के निर्माण को बडी तेजी के साथ पूरा किया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर प्रशासन भी गणेशोत्सव को लेकर युद्धस्तर पर काम में जुट गया है. इसी बीच यह जानकारी सामने आई है कि, जिले में कुल 1900 सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल है तथा 384 स्थानों पर ‘एक गांव एक गणपति’ की संकल्पना पर अमल किया जा रहा है.
इस संदर्भ में प्राप्त जानकारी के मुताबिक शहर पुलिस आयुक्तालय के 10 पुलिस थाना क्षेत्रों के तहत वर्ष 2024 में कुल 582 सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल अस्तित्व में थे. चूंकि इस वर्ष स्थानीय स्वायत्त निकायों के चुनाव भी होने है, जिसके चलते सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडलों की संख्या में और भी अधिक वृद्धि होने की पूरी संभावना है. वहीं शहर की सीमा से सटे ग्राम पंचायत क्षेत्रं के 37 गांवों में गत वर्ष ‘एक गांव, एक गणपति’ की संकल्पना को अमल में लाया गया था. इसके अलावा ग्रामीण पुलिस अधीक्षक कार्यालय अंतर्गत 14 तहसीलों के 31 पुलिस थाना क्षेत्र अंतर्गत गत वर्ष 1318 सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडलों का पंजीयन हुआ था. जिसमें से 347 गांवों में ‘एक गांव, एक गणपति’ की संकल्पना साकार की गई थी. वहीं अब जारी वर्ष के दौरान चुनावी धामधूम के बीच गणेशोत्सव का रुप और स्वरुप क्या रहता है, इस ओर सभी का ध्यान लगा हुआ है.
बता दें कि, इस वर्ष आगामी 27 अगस्त से 6 सितंबर के दौरान 10 दिवसीय गणेशोत्सव मनाया जाना है. प्रतिवर्ष ही 10 दिवसीय गणेशोत्सव के दौरान कानून व व्यवस्था को अबाधित रखना पुलिस विभाग के लिए काफी चुनौतीपूर्ण मामला रहता है. जिसकी दृष्टि से पुलिस ने थानानिहाय सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडलो के पदाधिकारियों के साथ संपर्क कर बैठके करना शुरु कर दिया है. जिसके तहत शहर पुलिस व ग्रामीण पुलिस द्वारा अपने-अपने क्षेत्रों में थानानिहाय व उपविभागनिहाय बैठकों व चर्चाओं का काम किया जा रहा है.

* 80 फीसद मनुष्यबल सुरक्षा हेतु तैनात
दस दिवसीय गणेशोत्सव काल के दौरान सुरक्षा की दृष्टि से संवेदनशील परिसर की सूची पुलिस के गोपनीय विभाग द्वारा तैयार की गई है. साथ ही इस दौरान असामाजिक तत्वों से सर्वसामान्यों को कोई तकलीफ न हो, इस बात के मद्देनजर शहर व ग्रामीण पुलिस द्वारा अपने-अपने कार्यक्षेत्र अंतर्गत प्रतिबंधात्मक कार्रवाई भी की जा रही है. इसके अलावा सार्वजनिक गणेशोत्सव के दौरान शहर एवं ग्रामीण पुलिस का लगभग 80 फीसद मनुष्यबल कानून व व्यवस्था बनाए रखने हेतु सुरक्षा व बंदोबस्त में तैनात रहेगा.

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