300 कॉलेजेस में नहीं विद्यार्थी, हाईकोर्ट में अर्जी
जनहित याचिका दायर करने के निर्देश

* वेतन, भत्तों का करोडों का अनुदान हडपा
नागपुर/ दि. 16- प्रदेश में एक भी विद्यार्थी न रहनेवाली 300 कनिष्ठ महाविद्यालयों के कर्मचारियों को वेतन हेतु नियमित करोडों का अनुदान दिया जा रहा है. यह बात एक वकील ने बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ के ध्यान में ला दी. जिसके बाद कोर्ट ने खुद होकर प्रकरण की दखल ली और जनहित याचिका दायर करने के निर्देश दिए हैं. एड. राहुल घुगे को कोर्ट का मित्र भी न्या. नितिन सांबरे और न्या. सचिन देशमुख की खंडपीठ ने नियुक्त किया है. समाचार पत्रों में प्रसिध्द समाचारों के आधार पर वकीलों ने कोर्ट को जानकारी दी.
वकीलों ने अदालत से कहा कि प्रदेश की 300 कनिष्ठ महाविद्यालयों में एक भी विद्यार्थी के प्रवेश न लेने के बावजूद वहां के कर्मचारियों को सरकार वेतन हेतु अनुदान दे रही है. यह बात सार्वजनिक फंड का सरासर अपव्यय दर्शा रही है. शिक्षा संस्थाओं के प्रबंधन का गंभीर घालमेल उजाकर करती है.
कोर्ट में यह भी कहा गया कि यदि किसी संस्था में विद्यार्थी एडमिशन नहीं ले रहे हो तो ऐसी परिस्थिति में महाराष्ट्र निजी शाला कर्मचारी (सेवा शर्ते) नियमन कानून 1981, माध्यमिक शाला संहिता और शिक्षा का अधिकार कानून 2009 में प्रावधान है. कॉलेजेस के कर्मचारियों को वेतन दिया जा रहा है. इसकी पुष्टि राज्य स्तर पर हो रही है. उच्च न्यायालय ने एड. राहुल घुगे को अदालत का मित्र अमायस क्यूरी नियुक्त करते हुए दो सप्ताह में याचिका तैयार करने कहा है. उसी प्रकार मुख्य सरकारी वकील देवेन्द्र चौहान को सभी प्रकार की सहायता करने के निर्देश दिए गये है. अगली सुनवाई 4 अगस्त को मुकर्रर की गई है.





