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राज्य में पैरोल पर छूटे 595 कैदी फरार

अमरावती जेल के सर्वाधिक 126 कैदियों का समावेश

अमरावती/प्रतिनिधि दि.6 – राज्य के विभिन्न जेलों से संचित अवकाश व अभिवचन अवकाश पर छोडे जाने के बाद करीब 595 कैदी फरार हो गये तथा अवकाश की निर्धारित अवधि खत्म होने के बाद जेल वापिस नहीं लौटे. ऐसे में इन फरार कैदियों की वजह से विभिन्न स्थानों पर अपराधिक वारदातों में इजाफा होने की संभावना व्यक्त की जा रही है. इसमें भी यह विशेष उल्लेखनीय है कि, इन फरार कैदियों में सर्वाधिक 126 कैदी अमरावती मध्यवर्ती कारागार से अवकाश पर रिहा किये गये थे. वहीं नागपुर मध्यवर्ती कारागार के भी 116 कैदी पैरोल की निर्धारित अवधि पूर्ण होने के बाद जेल वापिस नहीं लौटे.
बता दें कि, जेल में रहकर सजा भुगतनेवाले कैदियों को पैरोल व फर्लो ऐसे दो प्रकार के अवकाश दिये जाते है. परिवार में किसी सदस्य की बीमारी, निधन अथवा विवाह जैसे कारणों के लिए पैरोल यानी संचित अवकाश मंजूर किया जाता है. इसके लिए कैदी द्वारा किया गया आवेदन जेल महानिरीक्षक के पास जाता है. जहां से उसे विभागीय आयुक्त के पास भेजा जाता है और विभागीय आयुक्त इस बारे में संबंधित पुलिस थाने से कैदी की रिपोर्ट व जानकारी मंगाकर उसके अवकाश को मंजूर अथवा नामंजूर करते है. वहीं फर्लो यानी अभिवचन अवकाश प्रत्येक कैदी का अधिकार होता है. सजा की विशिष्ट कालावधि पूर्ण करने के बाद उसके व्यवहार तथा स्थानीय पुलिस की रिपोर्ट के बाद कैदी को यह अवकाश प्राप्त होता है. किंतु पाया गया है कि, दोनों ही तरह का अवकाश मिलने के बाद जेल से छूटने पर कई कैदी अवकाश अवधि पूर्ण होने के बावजूद जेल में वापिस नहीं लौटते और फरार हो जाते है.
अप्रैल 2021 तक उपलब्ध आंकडों के मुताबिक इस समय राज्य में करीब 595 कैदी अवकाश पर छूटने के बाद फरार हो गये है. ऐसे फरार कैदियों के खिलाफ पहले भादंवि की धारा 124 के अनुसार अपराध दर्ज करते हुए उन्हें खोजा जाता था और पकडे जाने के बाद उन्हें केवल 500 रूपये दंड व छह माह के अधिकतम कारावास की सजा होती थी. जिसकी वजह से कैदियों में इस अपराध को लेकर कोई खास भय नहीं होता था. जिसके बाद बीते दिनोें फरार कैदियों के खिलाफ भादंवि की धारा 224 के अनुसार कार्रवाई करनी शुरू की गई. इस दखलपात्र धारा के तहत दो वर्ष की सजा का प्रावधान है. लेकिन इसके बावजूद भी अवकाश पर छूटने के बाद फरार होनेवाले कैदियों का प्रमाण कम नहीं हुआ है. ऐसा उपलब्ध आंकडो को देखने के बाद कहा जा सकता है.

  • कोविड का भी कैदी खोजने पर असर

समूचे राज्य के 14 कारागृहों से फिलहाल595 कैदी फरार है. जिनमें संचित अवकाश पर छूटे 333 व अभिवचन अवकाश पर छूटे 262 कैदियों का समावेश है. अवकाश पर छोडे गये कैदी यदि तय समय पर जेल में वापिस हाजिर नहीं होते है, तो उनके खिलाफ स्थानीय पुलिस थाने में अपराध दर्ज करते हुए उनकी तलाश शुरू की जाती है. किंतु अपने दैनिक कामकाज में व्यस्त रहनेवाले पुलिस थानों द्वारा फरार कैदियों के मामलों की कुछ हद तक अनदेखी होती है. वहीं इन दिनों कोविड संक्रमण के खतरे तथा लॉकडाउन के बंदोबस्त को देखते हुए फरार कैदियों को खोजने में पुलिस को काफी हद तक समस्याओें व दिक्कतों का सामना करना पडा.

  • किस जेल से कितने कैदी फरार

जेल                            पैरोल         फर्लो
अमरावती सेंट्रल जेल         83            40
मोर्शी ओपन जेल              01            00
नागपुर सेंट्रल जेल            76            40
येरवडा सेंट्रल जेल            48             57
कोल्हापुर सेंट्रल जेल         20             24
येरवडा ओपन जेल           02             00
औरंगाबाद सेंट्रल जेल       29              32
नासिक रोड सेंट्रल जेल      55              58
पैठण ओपन जेल            16              01
धुले जिला जेल               00              02
मुुंबई सेंट्रल जेल             00               03
ठाणे सेंट्रल जेल             01               01
रत्नागिरी विशेष जेल       01               01
गडचिरोली ओपन जेल    01               00

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