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सरपंच देशमुख की हत्या पर संतप्त हुआ बीड

सर्वपक्षीय आक्रोश मोर्चा में उमडी हजारों की भीड

* राज्य के कई बडे नेता भी पहुंचे बीड
* आरोपियों के खिलाफ फूटा लोगों का गुस्सा
* सत्तापक्ष के विधायकों ने अपनी ही सरकार को घेरा
बीड /दि.28- विगत दिनों मस्साजोग के सरपंच संतोष देशमुख की निर्ममतापूर्वक की गई हत्या के बाद आज बीड जिले में लोगों का गुस्सा फूट पडा तथा बीड शहर में सर्वपक्षीय आक्रोश मोर्चा निकाला गया. जिसमें स्वयंस्फूर्त रुप से हजारों लोग अपने चेहरे पर काली पट्टी बांधकर और हाथों में संतोष देशमुख के बैनर लेकर सहभागी हुए. साथ ही साथ संतोष देशमुख हत्याकांड मामले में वाल्मिक कराड को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग उठाते हुए विगत कुछ वर्षों के दौरान बीड शहर सहित जिले में हुई राजनीतिक हत्याओं पर चिंता भी जतायी गई. इसके साथ ही आज राज्य के कई बडे नेता भी इस सर्वपक्षीय आक्रोष मोर्चा में शामिल होने के लिए बीड पहुंचे तथा विशेष उल्लेखनीय यह भी रहा कि, सत्तापक्ष से जुडे विधायकों व नेताओं ने भी संतोष देशमुख हत्याकांड को लेकर अपने ही सरकार को घेरते हुए पंकजा मुंडे व धनंजय मुंडे से इस मामले में जवाब मांगे.
बीड जिले में आज निकाले गये सर्वपक्षीय आक्रोश मोर्चा में शामिल होने के लिए शरद पवार गुट वाले राकांपा के नेता जीतेंद्र आव्हाड सहित अंजलि दमानिया भी बीड पहुंच गये. साथ ही मराठा आंदोलक मनोज जरांगे पाटिल ने भी मराठा समाज बंधुओं से इस मोर्चे में बडी संख्या में शामिल होने का आवाहन किया. इसी दौरान राकांपा नेता शरद पवार सहित राज्य के कई बडे नेता ने सरपंच संतोष देशमुख के परिजनों से भेंट की. वहीं दूसरी ओर आक्रोश मोर्चा में शामिल संतप्त नागरिकों ने जिलाधीश कार्यालय पहुंचकर वाल्मिक कराड की गिरफ्तारी की मांग उठाई. इस आक्रोश मोर्चा को देखते हुए पूरे बीड शहर में पुलिस का काफी तगडा बंदोबस्त लगाया गया था. साथ ही वाल्मिक कराड की पत्नी से गत रोज ही सीआईडी ने दो घंटे तक पूछताछ की.
बता दें कि, संतोष देशमुख की हत्या हुए करीब 19 दिन हो चुके है तथा संतोष देशमुख का मुख्य हमलावर पुलिस के कब्जे में है. लेकिन अन्य आरोपी अब भी फरार है. जिनकी गिरफ्तारी हेतु आज बीड में विशालकाय आक्रोष मोर्चा निकाला गया.

* पहले के मामलों में कार्रवाई नहीं हुई, तो हिम्मत बढ गई
– भाजपा विधायक सुरेश धस ने अपनी ही सरकार को घेरा
बीड जिलांतर्गत आष्टी निर्वाचन क्षेत्र के भाजपा विधायक सुरेश धस के मुताबिक विगत कुछ वर्षों के दौरान बीड जिले में राजनीतिक कारणों के चलते कई लोगों की हत्याएं हुई. उन मामलों में अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. जिसके चलते कुछ लोगों की हिम्मत बढ गई और उन्होंने तीन बार सरपंच निर्वाचित होने वाले संतोष देशमुख की निमर्मतापूर्वक हत्या कर दी. इसके साथ ही विधायक

सुरेश धस ने महायुति की सरकार में मंत्री रहनेवाले राकांपा नेता धनंजय मुंडे पर बोगस वोटींग व बूथ कैप्चरिंग के जरिए विजयी होने का आरोप लगाते हुए देशमुख हत्याकांड के मुख्य आरोपी वाल्मिक कराड को धनंजय मुंडे का ही चेला बताया. साथ ही कहा कि, बीड जिले में 1200 से अधिक लाईसेंसी हथियार दिये गये है. जिसके चलते इस मामले में पूर्व पुलिस अधीक्षक की भी जांच होनी चाहिए. इसके अलावा विधायक धस ने भाजपा नेत्री व महायुति सरकार में मंत्री रहने वाली पंकजा मुंडे पर भी निशाना साधते हुए जानना चाहा कि, पंकजा मुंडे अब तक संतोष देशमुख के घर पर क्यों नहीं गयी. इसके साथ ही विधायक धस ने निसार पट्टेदार, संगीत दिघोले, वसंत गित्ते, किशोर फड, काका गर्जे, पांडुरंग गायकवाड, बंडु मुंडे व बापू आंधले हत्याकांडों का उल्लेख करते हुए कहा कि, यदि इन मामलों में ठोस कार्रवाई हुई होती, तो आज संतोष देशमुख हत्याकांड घटित नहीं होता.

* तब तक धनंजय मुंडे को मंत्री पद से हटाया जाये
– राकांपा विधायक सोलंके की फडणवीस व अजीत पवार से मांग
बीड में निकाले गये सर्वपक्षीय आक्रोष मोर्चा में अजीत पवार गुट वाले राकांपा के विधायक प्रकाश सोलंके भी शामिल हुए थे. उन्होंने भी इस मामले में अपनी ही पार्टी के नेता व मंत्री धनंजय मुंडे को घेरते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के समक्ष मांग उठाई थी. जब तक इस मामले की जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक राकांपा नेता धनंजय मुंडे को मंत्री पद से हटा दिया जाये. इसके साथ ही विधायक सोलंके ने याद दिलाया कि, जब इससे पहले धनंजय मुंडे बीड के जिला पालकमंत्री थे, तब खुद भाजपा नेत्री व उनकी चचेरी बहन पंकजा मुंडे ने आरोप लगाया था कि, धनंजय मुंडे द्वारा बीड का जिला पालकमंत्री पद वाल्मिक कराड को किराए पर दे दिया गया है तथा वाल्मिक कराड ने नियमबाह्य सत्ता केंद्र व पालकमंत्री के अधिकार मिलने के बाद बीड जिले में जमकर मनमानी करनी शुरु कर दी थी. ऐसे में चूंकि अब धनंजय मुंडे एक बार फिर मंत्रिमंडल में शामिल है, तो संतोष देशमुख हत्याकांड की निष्पक्ष जांच होने व इस मामले में न्याय मिलने को लेकर संदेह है. अत: इस मामले की निष्पक्ष जांच और सुनवाई होने तक धनंजय मुंडे को मंत्रिमंडल से बाहर रखा जाना चाहिए.

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