* सांसद अनिल बोंडे भी तुरंत लौटे
* रैली का ’सूखा’ दूर करने पहुंचे सिर्फ कोरडे
परतवाडा/अचलपुर/दि.31 – कल 30 मार्च, गुरुवार को रामनवमी के उपलक्ष्य मे पेंशनपुरा के संकटमोचन हनुमान मंदिर से निकाली गई शोभायात्रा में भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारियो और सदस्यों की संख्या नगण्य नजर आई. अचलपुर भाजपा मंडल से जुड़े सदस्यों में व्याप्त तीव्र नाराजी को भांपते हुए भाजपा के जनप्रतिनिधियों ने भी इस रैली से दूर रहना ही उचित समझा था. इस रैली में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले पहुंचे ही नहीं और राज्यसभा सांसद अनिल बोंडे महज कुछ मिनट के भीतर एक तरह से मूंह दिखाई की रस्म पूरी करते हुए यहां से निकल लिए.
गौरतलब है कि शक्ति फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष एड श्यामसिंह जियालाल गड़रेल द्वारा आर्थिक रूप से प्रायोजित इस रैली का विगत दो माह से लार्ज लेवल पर प्रचार किया जा रहा था. जिसमें कहा जा रहा था कि, इस रैली में बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले, उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस, सांसद अनिल बोंडे, बीजेपी जिलाध्यक्ष निवेदिता चौधरी सहित बीजेपी के टॉपमोस्ट लीडर शामिल होंगे. जबकि हकीकत यह थी कि, यह पूरा प्रचार अचलपुर और अमरावती भाजपा इकाई को विश्वास में लिए बिना किया जा रहा था. साथ ही रामनवमी से चार दिन पूर्व पूरे शहर में बिना अनुमति के बड़े-बड़े होर्डिंग लगाए गए थे. इन होर्डिंग्स पर प्रमोदसिंह और श्यामसिंह गडरेल के साथ चंद्रशेखर बावनकुले की तस्वीर लगाई गई थी. इसके बाद रामनवमी पर्व पर लोगो की सहानुभूति हासिल करने के लिए गड़रेल ने पुलिस और नगर पालिका द्वारा रैली को अनुमतीं नही दिए जाने का भी षडयंत्र रच दिया था. गड़रेल की सारी कोशिश यह थी कि परतवाडा के अंडर-20 युवकों की भावनाएं भड़काई जाए, ताकि लोग उन्हें भाजपा का सुपरस्टार समझने लगें, लेकिन कल की रैली देखने के बाद अचलपुर तहसील के लोगो को अच्छी तरह से समझ मे आ गया कि असली हीरो और रियल विलेन कौन है.
शक्ति फाउंडेशन द्वारा जिस तरह से रामनवमी के प्रचार किया गया था, वैसा कुछ भी देखने को नही मिला. रैली में रामभक्त कम और तमाशबीन ज्यादा नजर आए. लोगो की आंखे बावनकुले को ढूंढ-ढूंढ कर थक गई, लेकिन ना तो चंद्रशेखर दिखे और ना ही बोंडे के दर्शन हो पाए. स्थानीय भाजपा के सभी कार्यकर्ता सदर बाजार राम मंदिर की रैली में सहभागी होने चले गए थे. कल सांसद अनिल बोंडे चंद मिनटों के लिए दुराणी चौक पर जरूर पधारे, किंतु उन्हें भी कार्यकर्ताओं ने अपनी नाराजी का अहसास करा दिया था. भारतीय जनता पार्टी से संबंधित साधारण बूथ कार्यकर्ता से लेकर तो प्रदेश कार्यकारणी पदाधिकारी तक हरेक ने गड़रेल को कल टाटा-बाय-बाय कर दिखाया. अपनी झूठी शान को बचाने के लिए उन्हें सिर्फ कोरडे का सहारा मिला. भाजपा के पूर्व विधायक स्व.विनायकराव कोरडे के सुपुत्र प्रमोद कोरडे यह प्रमोदसिंह और श्यामसिंह के साथ वाहन पर खड़े नजर आए. पेंशनपुरा की रैली में आये सूखे को दूर करने का काम कोरडे ने किया. ऐसे में शक्ति फाउंडेशन पेंशनपुरा की शक्ति प्रदर्शन की यह रैली कल अपने निर्धारित समय से भी पहले समापन भी कर दी गई थी.
उल्लेखनीय है कि, परतवाडा के थानेदार पर निराधार आरोप लगाकर धरना और अनशन करने की घोषणा गड़रेल बंधुओ ने की थी. दूसरे ही दिन उन्होंने सोशल मीडिया पर अवतरित होकर लोगो को बताया कि नामालूम कारणों से हम थानेदार के खिलाफ अनशन रद्द कर रहे है. फिर वो रामनवमी से जुड़े. उन्होंने सभी रामभक्तों से कहा कि अचलपुर नगर प्रशासन और पुलिस ने उन्हें प्रभु की भक्ति दिखाने की अनुमति नही दी है. इसलिए मन मसोसकर उन्हें रामनवमी की रैली रद्द करनी पड़ रही है. इसके दो घंटे बाद प्रमोदसिंह पुनः सोशल मीडिया पर आए. उन्होंने अपने खालिस धांसू अंदाज में लोगो को जानकारी दी और बताया कि अमरावती के एक जनप्रतिनिधि ने सीधे उपमुख्यमंत्री फडणवीस से बात करके शक्ति को रैली निकलवाने की अनुमति दिला दी है. अब कोई दिक्कत नही. अब डीजे भी बजेंगा और झंडे भी गड़ेंगे. कल इस मामले की सारी हकीकत लोगो के सामने आने के बाद शक्ति प्रदर्शन का रायता फैल चुका है.
* क्या वाकई प्रमोदसिंह गड़रेल भाजपा के जिला उपाध्यक्ष है?
श्यामसिंह के भाई प्रमोदसिंह गड़रेल स्वयं को हर जगह पर भारतीय जनता पार्टी अमरावती जिला का उपाध्यक्ष बताते हुए घूमते रहते है. प्रस्तुत प्रतिनिधि ने इस संदर्भ में अमरावती महानगर से लेकर अचलपुर के हर भाजपाई से संपर्क कर जानकारी लेने की कोशिश की. भाजपा का कोई भी पदाधिकारी इस बारे में स्पष्ट कहने को तैयार नही हुआ. बड़ी खोजबीन और मशक्कत के बाद इस प्रतिनिधि के हाथ मे भाजपा अमरावती जिला की अधिकृत कार्यकारिणी हाथ लगी. यह वो कार्यकारिणी है, जिसे भाजपा के प्रदेश मुख्यालय मुंबई को भेजा गया है. इस सूची में प्रमोदसिंह अथवा श्यामसिंह का नाम कहीं भी नजर नही आया है, जिसका सीधा मतलब है कि, भाजपा की जिला ईकाई से गडरेल बंधुओं का कोई लेना-देना नहीं है. इसके बावजूद वे भाजपा जैसे राष्ट्रीय दल के नाम का खुलेआम दुरुपयोग कर रहे है. इसे खुद भाजपा पदाधिकारियों द्बारा गंभीरता से लिए जाने की जरुरत है.
* अचलपुर भाजपा में चिंतन-मनन का दौर
जुड़वाशहर में विगत एक वर्ष का कार्यकाल यदि देखा जाए, तो भाजपा के नाम के सहारे ही शासन-प्रशासन पर मिथ्या आरोप लगाने का कार्य किया जा रहा है. इससे निष्ठावान भाजपा कार्यकर्ताओं में खासी नाराजी है. आज महाराष्ट्र में भाजपा की ही सरकार और बीजेपी का ही प्रशासन है. अपने ही प्रशासन के खिलाफ थानेदार हटाव, नगर पालिका में गड़बड़ी, एसडीओ कार्यालय में अनियमितता, अतिक्रमण का विरोध आदि स्टंटबाजी करने का काम कुछ लोग भाजपा के नाम पर कर रहे है. ऐसे नौटंकीबाजों की वजह से जमीन से जुड़े भाजपाई काफी हताश है. अपनी सरकार के खिलाफ ही किये जा रहे कुप्रचार को लेकर अचलपुर भाजपा में चिंतन-मनन का दौर शुरू हो चुका है.
* भाजपा के दो कार्यालय करते है भ्रमित
इतने बड़े अमरावती महानगर में भारतीय जनता पार्टी का सिर्फ एक ही कार्यालय है. वहीं परतवाडा में लाल पुल के पास एक और अचलपुर रोड पर कॉटन मार्केट में दूसरा कार्यालय स्थापित है. इस कारण आम नागरिकों को भ्रम होता कि असली कौनसा और नकली कौनसा है. भाजपा नेताओं से अपेक्षा की जाती है कि वो अपने अधिकृत कार्यालय की स्पष्ट घोषणा करे, ताकि आम लोगबाग बोगस पदाधिकारियों के चंगुल में ना फंसे.