* अदालत ने जारी किये थे आदेश
यवतमाल/ दि.29 – शहर में जलापूर्ति करने वाली अमृत योजना अंतर्गत 33 केवी के एक्सप्रेस फिडर लगाए गए. इस काम में लापरवाही व हेराफेरी किये जाने का आरोप अदालत के आदेश पर लगाया गया. इस मामले में ठेकेदार व बिजली वितरण के अभियंता के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया. इस मामले से संबंध रहने वाले तत्कालीन कार्यकारी अभियंता संजय चितले को आर्थिक अपराध शाखा पुलिस के दल ने कल मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया.
संजय चितले को अपराध शाखा पुलिस के दल न्यायालय के समक्ष पेश किया. अदालत ने उसे दो दिन पुलिस कस्टडी में रखने के आदेश दिये है. यवतमाल शहर में जलापूर्ति करने वाली अमृत योजना के काम पर लगातार भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए. उसी योजना पर बिजली आपूर्ति करने के लिए बिजली वितरण कंपनी की ओर से 33 केवी एक्सप्रेस फिडर का काम किया गया. 6 करोड 54 लाख के इस काम में हेराफेरी की गई, ऐसा आरोप लगाया गया. सूचना के अधिकार के तहत अजिंक्य पाटील ने इस हेराफेरी का पर्दाफाश किया. इस मामले में पात्रता न रहने वाले ठेकेदार को काम दिये गए, ऐसा आरोप लगाया गया. यह हेराफेरी का मामला विधिमंडल में गुंजा. विरोधी पार्टी के नेता अजित पवार ने कार्रवाई के बारे में पूछा. इसके बाद इस मामले की तहकीकात को गति मिली.
विधि मंडल के पहले न्यायालय के आदेश पर इस मामले में तत्कालीन कार्यकारी अभियंता संजय चितले दोषी होने की बात जांच में उजागर हुई. इसके आधार पर ठेकेदार अतुल आसरकर, प्रमोद डोंबले, विजय दंडे के खिलाफ भी दफा 420, 465, 467, 468, 477, 34 के तहत अपराध दर्ज किया गया. इस मामले की तहकीकात आर्थिक अपराध शाखा पुलिस कर रही है. थानेदार पितांबर जाधव के मार्गदर्शन में सहायक पुलिस निरीक्ष सुनील पाटील, मिलिंद गोफणे, दीपक आसरकर ने कार्यकारी अभियंता चिखले को गिरफ्तार किया. गिरफ्तार किया गया कार्यकारी अभियंता संजय चितले फिलहाल हिंगोली में कार्यरत है, वहां दो उपविभाग का कारोबार उसे सौंपा गया है. इस कार्रवाई से महावितरण महकमे में खलबली मच गई.