अंतत: प्रोमार्क हुई ब्लैकलिस्टेड
-
विद्यापीठ प्रशासन ने लिया निर्णय
-
तकनिकी दोष निवारण समिति की रिपोर्ट पर कार्रवाई
-
प्रोमार्क की वजह से विद्यापीठ की जमकर हुई है किरकिरी
प्रतिनिधि/दि.२३ अमरावती – स्थानीय संत गाडगे बाबा अमरावती विद्यापीठ में ग्रीष्मकालीन २०२० ऑनलाइन व ऑफलाइन परीक्षा में लगातार तकनिकी गडबडीया उत्पन्न होने के मामले में विद्यापीठ प्रशासन ने नागपुर की प्रोमार्क एजेन्सी को ब्लैकलिस्टेड करने का निर्णय लिया. इस आशय की जानकारी विद्यापीठ के प्र. कुलगुुरु डॉ. राजेश जयपुरकर ने दी है. यह फैसला गुरुवार की शाम ६.३० बजे लिया गया तथा इस एजेन्सी को ब्लैकलिस्ट करते हुए कंपनी के साथ किये गये ठेका करार को रद्द कर दिया गया.
बता दें कि, प्रोमार्क एजेन्सी की वजह से संत गाडगे बाबा अमरावती विद्यापीठ की संभाग सहित समूचे राज्य में जमकर किरकिरी हुई है.ज्ञात रहे कि, सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय पश्चात व यूजीसी निर्देशानुसार विद्यापीठ द्बारा लॉकडाउन काल के बाद पदवी पाठ्यक्रमों के अंतिम वर्ष की परीक्षा लेने का नियोजन किया गया. यह परीक्षाएं १ अक्टूबर से शुरु होने वाली थी किंतु विद्यापीठ के शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की हडताल के चलते इसे स्थगित किया गया और हडताल खत्म होने के बाद १२ अक्टूबर से परीक्षा लेने का निर्णय लिया गया. लेकिन ११ अक्टूबर की शाम इस परीक्षा को इस बार फिर १ सप्ताह के लिए स्थगित किया गया और २० अक्टूबर से परीक्षा लेने की घोषणा की गई. लेकिन २० अक्टूबर को परीक्षा शुरु होने पर भी कई तकनिकी समस्या देखी गई और २१ अक्टूबर को यह परीक्षा पहले एक दिन के लिए और फिर अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई. एक के बाद एक लगातार चार बार परीक्षाएं स्थगित होने के चलते जहां एक ओर विद्यापीठ की जमकर किरकीरी हुई और उसे छात्रों संगठनों के रोष का सामना करना पडा. वहीं दूसरी ओर विद्यापीठ प्रशासन ने इस पूरे मामले के लिए प्रोमार्क एजेन्सी को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि, मैपिंग व पेपर सेटींग में जबर्दस्त गलतियां रहने के चलते विद्यार्थियों को परीक्षा से वंचित रहना पडा. ऐसे में अब प्रोमार्क एजेन्सी को इस काम से हटाया जा रहा है.
आज बैठक, व्यवस्थापन परिषद के सामने होगा निर्णय
जानकारी के मुताबिक परीक्षा की अगली तारीख के नियोजन संदर्भ में आज शुक्रवार २३ अक्टूबर को व्यवस्थापन परिषद, परीक्षा मंडल व विद्बत परिषद की ऑनलाइन बैठक बुलाई गई है. जिसमें परीक्षा की नई तारीख घोषित की जाएगी. वहीं दूसरी ओर व्यवस्थापन परिषद की जल्द ही होने वाली बैठक में प्रोमार्क एजेन्सी के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई का स्वरुप निश्चित किया जाएगा. क्योंकि विद्यापीठ अधिनियम के अनुसार इस एजेन्सी ने विद्यार्थियों का शैक्षणिक नुकसान करने के साथ ही विद्यापीठ की बदनामी भी की है. इस आशय की जानकारी देते हुए प्र. कुलगुरु डॉ. राजेश जयपुरकर ने बताया कि, प्रोमार्क एजेन्सी द्बारा विद्यापीठ ने डिपॉझिट के तौर पर जमा करायी गई ५० हजार रुपयों की रकम को जप्त करने का भी निर्णय लिया गया है.
डेटा ट्रान्सफर में जबर्दस्त गलतिया
परीक्षा की दृष्टि से प्रश्न पत्रिका, हॉल टिकट, लॉगइन आईडी, विषय निहाय पेपर आदि डेटा ट्रान्सफर करने के मामले में भी इस एजेन्सी ने बडे पैमाने पर गलतिया की. परीक्षा शुरु रहने के दौरान एजेन्सी की सर्वर डाउन हो गया तथा एजेन्सी के हैदराबाद स्थित डेटा सेंटर में भी जबर्दस्त गडबडिया हुई आदि बातें विद्यापीठ के ध्यान में आयी और ऐसी विभिन्न वजह के चलते प्रोमार्क को विद्यापीठ से ‘हदपार‘ करने का निर्णय लिया गया.
एजेन्सी पर पेपर लिक करने का भी आरोप
प्रोमार्क एजेन्सी द्बारा प्रश्न पत्रिकाओं का ऑनलाइन ट्रान्सफर गलत ढंग से किया गया. जिसकी वजह से पेपर का मैqपग सही ढंग से नहीं हो गया. विद्यार्थियों की प्रश्न पत्रिका बदलने के लिए, विषय में गडबडिया, एवं तारीखों को गलतिया आदि बाते भी सामने आयी. इसके अलावा समिति ने यह भी आरोप लगाया है कि, प्रोमार्क एजेन्सी ने प्रश्न पत्रों को लिक भी किया है.
२९ से होगी परीक्षा !
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बुधवार २१ अक्टूबर को स्थगित की गई विद्यापीठ की परीक्षाएं अब आगामी २९ अक्टूबर से लेने का नियोजन किया जा रहा है. जिसके लिए २४७२ पेपर सेट किये गये है. गुगल फार्म पर नयी प्रणाली के अनुसार ऑनलाइन व ऑफलाइन परीक्षा ली जाएगी. इस संदर्भ में गुरुवार २२ अक्टूबर की रात ९ बजे तक कुलगुरु डॉ. मुलरीधर चांदेकर के कक्ष में बैठक शुरु थी. जिसमें प्र.कुलगुरु डॉ. राजेश जयपुरकर परीक्षा व मूल्यांकन मंडल के संचालक डॉ. हेमंत देशमुख, कुलसचिव डॉ. तुषार देशमुख सहित सभी अधिष्ठाता व प्राचार्य ऑनलाइन उपस्थित थे. पता चला है कि, २० अक्टूबर को ली गई परीक्षा को भी रद्द किया जाएगा और नये सिरे से १ लाख ३५ हजार परीक्षार्थी ऑनलाइन व ५ हजार ५०० परिक्षार्थी ऑफलाइन पद्धति से परीक्षा देंगे.
‘मंडल‘ की पहल रंग लायी
उल्लेखनिय है कि, प्रोमार्क एजेन्सी को इससे पहले गोंडवाणा विद्यापीठ द्बारा ब्लैकलिस्टेड किया गया था. बावजूद इसके नामालूम वजह के चलते इस एजेन्सी को संगाबा अमरावती विद्यापीठ सहित नागपुर के रातुम विद्यापीठ की परीक्षाओं का जिम्मा सौंपा गया. जिसके संदर्भ में विगत १२ अक्टूबर को विस्तुत समाचार प्रकाशित करते हुए दै. अमरावती मंडल ने प्रोमार्क एजेन्सी के चयन पर सवालिया निशान उठाये थे. साथ ही हमने इस बात को लेकर भी अंदेशा जताया था कि, २० अक्टूबर से शुरु होने वाली परीक्षा सुचारु ढंग से संपन्न हो पाएगी, इस लेकर काफी संदेह है. हमारा यह अंदेशा उस समय पूरी तरह सही साबित हुआ. जब तैयारियों के लिए काफी अधिक वक्त लेने के बावजूद २० अक्टूबर से शुरु होने वाली परीक्षा का नियोजन पहले ही दिन गडबडा गया और संभाग के हजारों छात्र-छात्राएं परीक्षा देने से वंचित रहे. उस समय विद्यापीठ प्रशासन द्बारा पहले कहा गया कि, इन दिक्कतों को दूर कर दिया जाएगा. पश्चात २० अक्टूबर को ली गई परीक्षा को कायम रखते हुए २१ अक्टूबर को होने वाली परीक्षा को स्थगित किया गया और २२ अक्टूबर से पुर्व घोषित टाइम-टेबल के अनुसार परीक्षा लेने की बात कहीं गई. लेकिन इसके बाद २१ अक्टूबर की रात घोषणा की गई कि विद्यापीठ की परीक्षाओं को अनिश्चित काल के लिए स्थगित किया जा रहा है. इसलिए यह साफ हो गया कि, प्रोमार्क एजेन्सी के साथ-साथ संगाबा अमरावती विद्यापीठ भी नियोजन शून्यता का शिकार है. ऐसे में यह बेहद जरुरी था कि, गोंडवाणा विद्यापीठ से ब्लैकलिस्टेड की गई प्रोमार्क एजेन्सी को तुरंत प्रभाव के साथ अमरावती विद्यापीठ के परीक्षा लेने के काम से हटाया जाए और ब्लैकलिस्टेड किया जाए तथा अब विद्यापीठ ने लंबे समय बाद यह निर्णय लिया है.