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होटल व्यवसायियों ने कलेक्टर को सौंपी अपने प्रतिष्ठानों की चाबियां

 होटल, बार व रेस्टॉरेंट के खुलने का समय बढाकर देने की मांग

  • शहर में बंद रहे सभी होटल, बार व रेस्टॉरेंट

  • चाबियां सौंपने के साथ ही कलेक्ट्रेट के सामने शुरू हुआ अनशन

अमरावती/प्रतिनिधि दि.6 – कोविड संक्रमण का प्रभाव व असर घट जाने के बाद सरकार द्वारा अनलॉक की प्रक्रिया को आगे बढाया गया. जिसके तहत सभी व्यापारिक प्रतिष्ठानों को रात 8 बजे तक खुले रहने की छूट दी गई है, लेकिन होटल, बार व रेस्टॉरेंट को सोमवार से शुक्रवार तक रोजाना 4 बजे तक खुले रहने तथा शनिवार व रविवार को केवल पार्सल सुविधा उपलब्ध कराने की अनुमति दी गई है. यह सीधे-सीधे होटल, बार व रेस्टॉरेंट व्यवसायियों के साथ अन्याय व दुजाभाव है. इस आशय का आरोप लगाते हुए शहर के सभी होटल, बार व रेस्टॉरेंट संचालकों ने शुक्रवार को अपने-अपने प्रतिष्ठान बंद रखे. साथ ही जिलाधीश कार्यालय पहुंचकर आमरण अनशन करने की शुरूआत करते हुए अपने-अपने प्रतिष्ठानों की चाबियां जिलाधीश के सुपुर्द कर दी.
बता दें कि, इस संदर्भ में अमरावती डिस्ट्रीक्ट परमीट रूम एसो. तथा अमरावती रेस्टॉरेंट व लॉजींग एसो. द्वारा गत रोज ही एक पत्रवार्ता के जरिये तथा जिलाधीश पवनीत कौर को ज्ञापन सौंपते हुए शुक्रवार को किये जानेवाले आंदोलन की घोषणा की गई थी. जिसमें साफ तौर पर कहा गया था कि, राज्य सरकार व जिलाधीश द्वारा जारी अधिसूचना होटल, बार व रेस्टॉरेंट व्यवसाईयों के लिए पूरी तरह से अन्यायकारक है. जिसे अमरावती के होटल, बार व रेस्टॉरेंट संचालक बिल्कूल भी स्वीकार नहीं करनेवाले है. अत: यदि गुरूवार की शाम तक शुक्रवार से होटल, बार व रेस्टॉरेंट को रोजाना रात 8 बजे तक खुले रहने की अनुमति नहीं दी गई, तो इस फैसले के खिलाफ आमरण अनशन करने के साथ-साथ सभी होटल, बार व रेस्टॉरेंट संचालक अपने-अपने प्रतिष्ठानों की चाबियां जिलाधीश के सुपुर्द कर देेंगे. पश्चात शुक्रवार की सुबह शहर सहित जिले के लगभग सभी होटल, बार व रेस्टॉरेंट संचालक जिलाधीश कार्यालय पर इकठ्ठा हुए और उन्होंने जिलाधीश पवनीत कौर से मुलाकात करते हुए उन्हें अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा. साथ ही उन्हें अपने व्यापारिक प्रतिष्ठानों की चाबियां भी सौंप दी. जिसके बाद होटल, बार व रेस्टॉरेंट व्यवसाईयों द्वारा जिलाधीश कार्यालय के सामने आंदोलन व अनशन करना शुरू किया गया.
इस आंदोलन में नितीन मोहोड, आशिष देशमुख, विनोद जयस्वाल, यश जयस्वाल, नितीन कदम, नितीन गुडधे, प्रवीण अलसपुरे, गुड्डू धर्माले, निलेश जयस्वाल, विशाल तरडेजा, रोहित गद्रे, हर्षल देशमुख, सुदामा झांबानी, बबनराव देशमुख, मुकेश साहू, मनोज घोडमारे, सुरेश चांदवानी, राजू झांबानी, निखिल साहू, नरेंद्र देशमुख, सनी शेट्टी, नविन गावंडे, प्रकाश देशमुख, नितीन बाजेवार, आकाश नथिले, वीरेंद्र शहारे, सुशील पाटील, नितीन शेंद्रे, मनीष राजानी, पंकज मोहिते, नंदकिशोर जयस्वाल, मंथन जयस्वाल, निलेश खंडेलवाल, अखिलेश राजपुत, अनुराग तरडेजा, अनिल तरडेजा. किरण ठाकुर, रितेश साहू, सुनील महल्ले, सुनील खुराणा, नितीन देशमुख, भास्कर राउत, संजय शेलके, अजय गुल्हाने, रोहित शेंडे, निलेश गतफणे, प्रवीण घटारे, नरेश जोगे, लता ठाकरे, राजू जाधव, नितेश उके, सचिन कुचे, शैलेश पांडे, दिनेश खत्री, रविंद्र सलुजा, सारंग राउत, मनोज जयस्वाल, आबीद हुसैन, अमित कुकरेजा, सचिन जयस्वाल, समीर देशमुख, अखिलेश राठी, अक्षय ढोके, शक्ति राठोड, चिराग दोशी, अमित तरडेजा, सुमित शर्मा, रूपेश डाफे, दिनेश खत्री, अमित सावरकर, समीर कुबडे, दिलीप बागडे, प्रतिक सोलंके, जीतेन लाठिया, उदय बूब, अखिल चांडक, प्रतीक साहू, इमरान अहमद, आनंद भेले, हर्ष केशरवानी, पीयूष राठी, प्रवेश खंडेलवाल, शेख जाकीर शेख नासीर, कुलदीप भांबुरकर, सरबजीत सलूजा, विजेंद्र पाटील, श्रीजीत पाटील, मिजान अहमद, रोहित शर्मा, गौरव खत्री, गौरांग काले, प्रकल्प चांडक, मनीष खंडेलवाल, रोहन गणेडीवाल, सौरभ पनपालिया, मो. रिजवान मंसूरी, शशांक चांडक, राजेंद्र नेभनानी, ऐहतेशाम अहमद, फिरोज खान खतीब, श्रीकांत साहू, पप्पू काले, शैलेश पवार, आशीष खत्री, अमोल बनारसे, नितीन शेंद्रे, राजकुमार छूटलानी, सुबोध अंबाडेकर, नितीन माहोरे, गिरीश राजगुरे, सुनील महल्ले, संजय शेलके व पुरूषोत्तम हरवानी सहित अनेकोें होटल, बार व रेस्टॉरेंट संचालक उपस्थित थे.

 

  •  अनेकों गणमान्यों ने दी अनशन स्थल को भेंट

होटल, बार व रेस्टॉरेंट संचालकोें द्वारा शुरू किये गये आंदोलन व अनशन को शहर के कई जनप्रतिनिधियों व राजनीतिक दलों से समर्थन मिलना शुरू हो गया है. साथ ही कई गणमान्यों ने जिलाधीश कार्यालय के सामने स्थापित अनशन स्थल को भी भेंट दी. जिनमें स्थानीय विधायक सुलभा खोडके, राकांपा के प्रदेश उपाध्यक्ष संजय खोडके, पूर्व पालकमंत्री डॉ. सुनील देशमुख, मनपा के नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस शहराध्यक्ष बबलू शेखावत, पूर्व महापौर व पार्षद विलास इंगोले, भाजपा शहराध्यक्ष किरण पातुरकर तथा शिवसेना के जिला प्रमुख सुनील खराटे सहित युवा स्वाभिमान पार्टी के जिलाध्यक्ष जीतू दुधाने व शहराध्यक्ष संजय हिंगासपुरे का समावेश रहा.

 

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  • महापौर चेतन गावंडे ने दिया आंदोलन व अनशन को समर्थन

शहर के प्रथम नागरिक महापौर चेतन गावंडे ने होटल, बार व रेस्टॉरेंट संचालकों द्वारा अपनायी गई भूमिका का समर्थन करते हुए सवाल उठाया है कि, राज्य सरकार द्वारा एक ओर तो मुंबई में सभी व्यापारिक प्रतिष्ठानों व आस्थापनाओं को रात 10 बजे तक खुले रहने की छूट दी गई है. वहीं अमरावती शहर में विगत एक महिने से पॉजीटिविटी रेट 0.50 फीसद से कम रहने के बावजूद यहां के होटल, बार व रेस्टॉरेंट व्यवसायियों पर तमाम तरह के प्रबंध लागू किये गये है. जिसका समर्थन नहीं किया जा सकता. अत: राज्य सरकारने ने अमरावती के होटल, बार व रेस्टॉरेंट संचालकों के प्रति दुजाभाव नहीं रखना चाहिए, बल्कि जिस तरह से मुंंबई के सभी व्यापारियों छूट दी गई है. उसी तरह अमरावती में भी सभी तरह के व्यापार व व्यवसाय को छूट मिलनी चाहिए.

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