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छोटे बच्चों में फैलने लगी संक्रामक बीमारियां

ओपीडी में नन्हे मरीजों की संख्या हुई दो गुनी

अमरावती/प्रतिनिधि दि.23 – मौसम में लगातार हो रहे बदलाव की वजह से इन दिनों मौसमी बुखार बडी तेजी के साथ पांव पसार रहे है. जिनके संक्रमण के चपेट में बडे पैमाने पर छोटे बच्चे आ रहे है. इस समय जिला सामान्य अस्पताल व पीडीएमसी अस्पताल सहित जिले के सभी सरकारी व निजी अस्पतालों की ओपीडी में स्वास्थ्य जांच हेतु लाये जानेवाले बच्चों की संख्या दोगुनी हो गई है.
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, कोविड संक्रमण की तीसरी लहर को छोटे बच्चों के लिए खतरनाक बताया गया है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने छोटे बच्चों के इलाज हेतु स्वतंत्र वार्ड भी तैयार किया है. वहीं इन दिनों यद्यपि कोविड संक्रमण का प्रभाव कुछ कम हुआ है, किंतु डेंग्यू, मलेरिया, सर्दी-खांसी व बुखार सहित अन्य विषाणूजन्य संक्रामक बीमारियां बच्चों को अपनी चपेट में ले रही है. जिसकी वजह से सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ निजी अस्पतालों में भी छोटे बच्चों की संख्या बढी हुई दिखाई दे रही है.

  • 28 फीसद बच्चों की कोविड टेस्ट

सर्दी-खांसी व बुखार से पीडित बच्चों को स्वास्थ्य जांच हेतु लाये जाने पर जिला सामान्य अस्पताल व पीडीएमसी सहित विविध स्थानों पर रोजाना 25 से 30 फीसद बच्चों की कोविड संबंधी जांच की जाती है. हालांकि अब तक छोटे बच्चों में कोविड संक्रमण रहने की पुष्टि नहीं हुई है.

  • डेंग्यू व मलेरिया की जांच

जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. शरद जोगी के मुताबिक अब तक डेंग्यू व चिकनगुनिया की जांच हेतु रक्तजल के 437 सैम्पल लिये गये. जिसमें से डेंग्यू के 79 व चिकनगुनिया के 4 पॉजीटीव मरीज पाये गये है. इसी तरह मलेरिया के लिए 1 लाख 93 हजार ब्लड सैम्पल लिये गये. जिसमें से 9 लोग मलेरिया संक्रमित पाये गये है. इनमें से किसी मरीज मेें कोविड संक्रमण के लक्षण नहीं पाये गये यह विशेष उल्लेखनीय है.

इन दिनों रूक-रूककर होनेवाली बारिश तथा आये दिन मौसम में होनेवाले बदलाव की वजह से बडे पैमाने पर संक्रामक बीमारियां फैल रही है. जिसकी चपेट में बडे पैमाने पर छोटे बच्चे आ रहे है. ऐसे में छोटे बच्चों का विशेष तौर पर ध्यान रखे जाने की जरूरत है. घर के आसपास साफ-सफाई रखने के साथ-साथ बारिश के मौसम दौरान पीने के पानी को पहले उबालकर छान लिया जाये. उसके बाद ही पीने हेतु प्रयोग में लाया जाये. इस जरिये भी कई बीमारियों को टाला जा सकता है.
डॉ. अद्वैत पानट
 बालरोग विशेषज्ञ

इस समय सरकारी अस्पताल में भरती होनेवाले मरीजों की संख्या में काफी इजाफा हो चुका है. जिसमें डेंग्यू व मलेरिया के मरीजों की संख्या सर्वाधिक है. साथ ही कुछ मरीजों में एमआयएससी का भी संक्रमण देखा गया है. छोटे बच्चों में किसी भी बीमारी से संबंधित लक्षण दिखाई देने पर तुरंत इलाज किया जाना चाहिए. इससे संभावित तकलीफों को टाला जा सकता है.
डॉ. अमोल फाले
एसएनसीयू विभाग, डफरीन अस्पताल

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