राज्य सरकार भी पेट्रोल व डीजल की कीमतों में देगी राहत
राकांपा प्रमुख सांसद शरद पवार ने दिये संकेत
पुणे/दि.5- केंद्र सरकार द्वारा ऐन दीपावली पर्व से पहले पेट्रोल व डीजल की दरों में कटौती करते हुए देश की जनता को राहत दी गई है. जिसके तहत दीवाली गिफ्ट के तौर पर प्रधानमंत्री मोदी ने पेट्रोल की दरों में 5 रूपये व डीजल की दरों में 10 रूपये प्रति लीटर की कटौती की है. ऐसे में अब महाराष्ट्र की जनता का ध्यान इस ओर लगा हुआ है कि, राज्य सरकार द्वारा अपनी ओर से पेट्रोल व डीजल की दरों में कोई कटौती की जाती है अथवा नहीं, इसे लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष व सांसद शरद पवार का कहना रहा कि, वे इस बारे में राज्य सरकार से बात कर रहे है और सरकार द्वारा जल्द ही पेट्रोल व डीजल की किमतों में राज्य की जनता को और अधिक दिलासा दिया जा सकता है.
बारामती में दीपावली पर्व के अवसर पर आयोजीत स्नेह सम्मेलन में राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा कि, उन्होंने राज्य सरकार को इस संदर्भ में अपनी ओर से आवश्यक सुझाव दिये है. किंतु केंद्र सरकार को चाहिए कि, वह राज्य सरकार को जीएसटी की बकाया रकम जल्द से जल्द अदा करे, ताकि राज्य सरकार के लिए अपनी जनता को आर्थिक राहत देना संभव हो. उन्होंने यह भी कहा कि, फिलहाल हम सभी धीरे-धीरे संकट से बाहर आ रहे है और हालात के पहले की तरह सामान्य होने के बाद नियमित कामकाज शुरू किया जायेगा. साथ ही विगत दो वर्षों के दौरान जो आर्थिक नुकसान हुआ है, उसकी पूर्ति करते हुए अर्थव्यवस्था को संभालने का काम किया जायेगा. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, यदि केवल महाराष्ट्र के स्तर पर विचार किया जाये, तो कोविड संक्रमण काल के दौरान राज्य की महाविकास आघाडी सरकार में कई महत्वपूर्ण फैसले लेने के साथ ही बेहद शानदार तरीके से काम किया. जिसकी वजह से राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं व ऑक्सिजन की कोई कमी नहीं देखी गई. साथ ही हालात पर भी जल्द ही काबू पा लिया गया.
* अदालत का सम्मान रखते हुए खत्म हो रापनि कर्मियों की हडताल
इसके साथ ही इस समय राज्य परिवहन निगम के कर्मचारियों द्वारा ऐन दीपावली के पर्व पर की जा रही हडताल को पूरी तरह से गलत बताते हुए राकांपा सुप्रीमो शरद पवार ने कहा कि, इस हडताल के चलते त्यौहार के समय यात्रियों को काफी तकलीफों का सामना करना पडा, जबकि औद्योगिक न्यायालय ने हडताल पर नहीं जाने का आदेश दिया था. साथ ही मुंंबई उच्च न्यायालय ने भी इस हडताल को बेहद गंभीरता से लिया है. ऐसे में रापनि कर्मचारियों ने इस हडताल को अब ज्यादा लंबा नहीं खींचना चाहिए तथा अदालती निर्देशों का सम्मान करते हुए इस हडताल को जल्द से जल्द खत्म कर दिया जाना चाहिए.