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इस बार दिवाली में चाईना के पटाखों को ‘ना‘

पटाखा विक्रेताओं ने लिया सर्वसम्मति से निर्णय

  • प्रति वर्ष ३ से ४ करोड रूपयों का होता है व्यवहार

अमरावती प्रतिनिधि/दि.२८ – दीपावली के पर्व और पटाखों की आतिशबाजी का एक-दूसरे से बेहद गहरा नाता है और पांच दिवसीय दीपोत्सव में बडे पैमाने पर आतीशबाजी की जाती है. जिसमें लक्ष्मीपूजनवाले दिन पूरे भारत वर्ष में सर्वाधिक आतिषबाजी होती है. इस बात को ध्यान में रखते हुए चीन ने पटाखा उत्पादन के क्षेत्र में उतरते हुए भारतीय बाजारों पर जबर्दस्त कब्जा जमा लिया था और यह पटाखे सस्ते रहने के चलते आम भारतीय ग्राहक इनकी बडे पैमाने पर खरीददारी भी करता है, लेकिन इस बार भारत-चीन के बीच तनावपूर्ण हालात को देखते हुए चायना मेड वस्तुओं का पूरे देश में जमकर बहिष्कार किया जा रहा है. जिसे देखते हुए स्थानीय पटाखा विक्रेताओें ने इस बार चायनीज पटाखों की बिक्री नहीं करने का निर्णय लिया. बता दें कि, अमरावती शहर में प्रतिवर्ष दीपावली पर्व के अवसर पर तीन से चार करोड रूपयों के पटाखों की बिक्री होती है. जिसमें अधिकांश हिस्सा चाईनामेड पटाखों का होता है. qकतु विगत कुछ महिनों से भारत व चीन के बीच अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर तनावपूर्ण स्थिति है और दोनोें देशोें के सैनिक आमने-सामने है. इसी बीच भारत ने चीन के कई मोबाईल एॅप पर प्रतिबंध लगा दिया है. साथ ही चीन में निर्मित एसी व खिलौनों के आयात पर भी पाबंदी लगा दी गई है. जिसकी वजह से दोनोें देशों के बीच संबंध और भी अधिक तनावपूर्ण हो गये है. वहीं देश में चायना मेड वस्तुओं के बहिष्कार की लहर चल पडी है और लोगबाग चीनी कंपनियों द्वारा उत्पादित वस्तुओं को खरीदना नहीं चाह रहे है. ऐसे में शहर के सभी ८० लाईसेन्सधारक पटाखा विक्रेताओं ने इस बार दीपावली पर चाईनामेड पटाखों की बिक्री ना करने का निर्णय लिया है. जिसकी वजह से इस बार अकेले अमरावती के पटाखा बाजार में एक से डेढ करोड रूपयों के चाइनामेड पटाखों की बिक्री पर ब्रेक लगेगा. वहीं दूसरी ओर इस बार बाजार में आंध्रप्रदेश के शिवकाशी सहित राजस्थान व मध्यप्रदेश में उत्पादित होनेवाले स्वदेशी पटाखे बिक्री हेतु उपलब्ध कराये जायेंगे.

  • इस बार दिल्ली के विक्रेताओें को ऑर्डर नहीं

प्रति वर्ष दीपावली से महिना-दो महिना पहले चाईना पटाखा विक्रेताओें के प्रतिनिधि ऑर्डर लेने हेतु अमरावती आते है और स्थानीय पटाखा विक्रेताओं से ऑर्डर लेने के बाद दीपावली से १०-१५ दिन पहले दिल्ली से चाईना पटाखे भेजते है. किन्तु इस बार अमरावती के पटाखा विक्रेताओं ने दिल्ली से आनेवाले चाईना पटाखों के प्रतिनिधियों को ऑर्डर नहीं देने का निर्णय लिया है. ऐसे में इस बार दीपावली पर लगनेवाले पटाखा बाजार में चाईना पटाखे बिल्कूल भी नहीं दिखाई देंगे.

  • एलईडी पटाखे व हनुमान गदा रहेंगे आकर्षक का केंद्र

इस बार दीपावली उत्सव को कैश करने के लिए अमरावती के पटाखा बाजार में एलईडी पटाखे व हनुमान गदा बॉम्ब विशेष आकर्षण रहनेवाले है. साथ ही दीपमाला लड व फुलमाला लड के साथ-साथ ४० से ५० फुट की दूरी से रिमोट के जरिये फोडे जा सकनेवाले पटाखे भी इस बार बाजार में बिक्री हेतु उपलब्ध रहेंगे. बॉ्नस इस बार दीपावली पर हमने चाईनामेड पटाखों की बिक्री नहीं करने का निर्णय लिया है. जिसके चलते किसी भी पटाखा दूकान में चाईनीज पटाखे उपलब्ध नहीं रहेंगे. ऐसे में ग्राहकों ने भी चाईनामेड पटाखों की मांग नहीं करनी चाहिए. – सोमेश्वर मोरे पटाखा विक्रेता

चाईना पटाखों में लीड यानी सीसे का प्रमाण काफी अधिक होता है. ऐसे में ये पटाखे स्वास्थ्य के लिहाज से भी काफी घातक होते है. लेकिन ये पटाखे भारतीय पटाखों की तुलना में सस्ते रहने की वजह से लोगबाग इनकी जमकर खरीदी किया करते थे. ऐसे में अब यह अच्छी बात है कि, दोनों देशों के बीच जारी तनावपूर्ण हालात की वजह से लोगों ने चाईनीज पटाखों के बायकॉट का निर्णय लिया है और पटाखा विक्रेताओं ने भी इस बार चाईनीज पटाखों की बिक्री नहीं करने का फैसला किया है. – डॉ. योगेश पातसे

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