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विद्यापीठ की कोविड टेस्ट लैब का हुआ १ साल पूरा

  • गत वर्ष ४ मई को ही शुरू हुई थी विद्यापीठ में सरकारी कोविड टेस्ट लैब

  •  १ वर्ष दौरान जांचे गये २ लाख से अधिक सैम्पल, ३६ हजार की रिपोर्ट रही पॉजिटीव

  •  डॉ. प्रशांत ठाकरे व डॉ. नीरज धनवटे के नेतृत्व में काम कर रही लैब

  •  ४५ तकनीशियनों व लैब स्टाफ की टीम तीन शिफ्टों में कर रही काम

अमरावती/प्रतिनिधि दि.४ – गत वर्ष ४ अप्रैल २०२० को अमरावती जिले में कोरोना से संक्रमित पहला मरीज पाया गया था. जिसकी कोविड पॉजिटीव रिपोर्ट उसकी मौत होने के बाद आयी थी. उस समय अमरावती शहर सहित जिले में कहीं पर भी कोरोना संदेहित मरीजों के थ्रोट स्वैब सैम्पलों की जांच करने की सुविधा उपलब्ध नहीं थी और सभी सैम्पलों को टेस्टिंग हेतु नागपुर स्थित मेयो अस्पताल की प्रयोगशाला में भेजना पड़ता था. जहां से रिपोर्ट मिलने में कभी कभी ५ से ६ दिन का समय लग जाया करता था. ऐसे में उस समय अमरावती में सरकारी कोविड टेस्ट लैब शुरू करने हेतु जिला पालकमंत्री यशोमती ठाकुर, जिले की सांसद नवनीत राणा, स्थानीय विधायक सुलभा खोडके तथा जिलाधीश शैलेश नवाल द्वारा अपने-अपने स्तर पर प्रयास शुरू किए गये और आयसीएमआर व एम्स से अनुमति हासिल करते हुए अमरावती के संत गाडगे बाबा अमरावती विद्यापीठ में सरकारी कोविड टेस्ट लैब स्थापित की. जिसकी शुरूआत ४ मई २०२० को हुई थी और आज इस कोविड टेस्ट लैब ने अपनी स्थापना का एक वर्ष पूरा कर लिया है.
इस एक वर्ष के दौरान इस सरकारी कोविड टेस्ट लैब में २ लाख १९ हजार २२८ सैम्पल जांच हेतु प्राप्त किए. जिसमें से २ लाख १४ हजार ९९८ सैम्पलों की जांच की गई. इसमें से ३६ हजार ३५ सैम्पलों की रिपोर्ट पॉजिटीव रही तथा १ लाख ७७ हजार ३९ सैम्पलों की रिपोर्ट निगेटिव रही. साथ ही इस समय १ हजार ९५० सैम्पलों की रिपोर्ट पेंडिग है.

  •  पहले दिन हुई थी २४ सैम्पलों की टेस्ट, आज जांचे जाते है रोजाना ढाई से ३ हजार सैम्पल

१ वर्ष पूर्व संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ में शुरू की गई कोविड टेस्ट लैब में नोडल अधिकारी के रूप में डॉ. प्रशांत ठाकरे की नियुक्ति की गई थी. साथ ही तकनीकी अधिकारी के तौर पर डॉ. नीरज धनवटे ने जिम्मा संभाला था. वहीं पॅथॉलॉजिस्ट के तौर पर डॉ. मुकेश बुरंगे की नियुक्ति की गई थी. इसके अलावा यहां पर विश्लेषक, लैब तकनीशियन तथा डॉटा एन्ट्री ऑपरेटर के तौर पर सहयोगियों की नियुक्ति करते हुए टीम गठित की जानी शुरू की गई. जिसमें आज करीब ४५ सदस्यों का समावेश है. यहां के नोडल अधिकारी डॉ. प्रशांत ठाकरे व नीरज धनवटे ने बताया कि पहले दिन इस लैब में केवल २४ सैम्पलों की टेस्टिंग हुई थी. उस समय तमाम संसाधन बेहद प्राथमिक व प्रारंभिक स्तर के थे. किंतु जैसे जैसे समय बीतने लगा और संक्रमण की रफ्तार बढने लगी. वैसे वैसे टेस्ट लैब में आनेवाले सैम्पलों की संख्या भी बढने लगी. इसके मद्देनजर यहां पर टेस्टिंग हेतु आवश्यक संसाधनों का विस्तार किया जाने लगा और आज इस कोविड टेस्ट लैब में रोजाना ढाई हजार से तीन हजार सैम्पलों की टेस्टिंग की जाती है. ऐसे में यहां चलने वाले कामकाज के रफ्तार का अंदाजा लगाया जा सकता है.

  •  एमएससी के विद्यार्थियों हेतु शानदार अवसर की तरह रही कोविड टेस्ट लैब

डॉ. प्रशांत ठाकरे व डॉ. नीरज धनवटे के नेतृत्व में शुरू की गई कोविड टेस्ट लैब में एमएससी की विविध शाखाओं के विद्यार्थी यहां पर वालेंटियर के तौर पर कोविड टेस्ट टीम में शामिल हुए है. जिन्हें जहां पर आनेवाले हर एक सैम्पल को जांचने व वायरस की गतिविधि का बारीकी से अध्ययन करने का मौका मिल रहा है. जो उनकी पढ़ाई लिखाई के लिहाज से बेहद जरूरी व महत्वपूर्ण है. साथ ही इस अनुभव का फायदा इस टीम में शामिल हर एक व्यक्ति के उसके क्षेत्र में निश्चित तौर पर होगा.

  •  तीन शिफ्टों में दिन रात चल रहा काम

नोडल अधिकारी डॉ. प्रशांत ठाकरे व तकनीकी अधिकारी डॉ. नीरज धनवटे के नेतृत्व में यहां पर पैथॉलॉजिस्ट डॉ. मुकेश बारंगे, विश्लेषक डॉ. सुधीर शेंडे, प्रज्ञा साहुलकर, नीलू सोनी, यश गुप्ता, पूजा मांडविया, अमृता कसूलकर, योगेश बेले, अक्षय शिंदे, राधिका लोखंडे, मयूरी गडवाल, लैब टेक्नेशियन रेखा धर्माले, प्रसाद चांभारे, सचिन अवचार, निकिता पेटे, सुतिका उभाड, अपर्णा जाधव, गोपाल मापारी, मयूर इंगले, रितिका देशमुख, उदय तितारे, अनुजा वानखडे, चंचल अडगोकार, मृणाल तिवस्कर, डाटा एन्ट्री ऑपरेटर निकिता धर्माले, प्रवीण नेवारे, सागर भटकर, प्रणोत देशमुख, गौरव रेंघे, निलेश सरदार, अक्षय चांभारे, प्रसाद पुरबे, शुभम बंड, स्वराज मोहोड, सुमित नागरीकर, नीलम पंडवाल व शुभम बांबल आदि द्वारा तीन शिफ्टों में दिन रात थ्रोट स्वैब सैम्पलों की जांच का काम किया जा रहा है. साथ ही अब अधिकतम २४ घंटे में आरटीपीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट प्राप्त हो जाती है. जिससे पॉजिटीव पाये जानेवाले मरीजों का जल्द से जल्द ईलाज शुरू हो जाता है.

  •  बेहद चुनौतीपूर्ण रहा पहला साल, भगवान करे दूसरी वर्षगांठ न मनानी पड़े

अपने विगत एक वर्ष के अनुभव दैनिक अमरावती मंडल के साथ साझा करते हुए डॉ. प्रशांत ठाकरे व डॉ. नीरज धनवटे ने बताया कि यह पहला साल काफी चुनौतीपूर्ण रहा है. किंतु तमाम तरह की समस्या और दिक्ततों का सामना करते हुए इस एक साल के दौरान काम किया गया. इस वक्त कोविड संक्रमण की दिखाई दे रही रफतार पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द ही कोविड संक्रमण की चेन टूटे और जीवन पहले की तरह सामान्य पटरी पर लौटे. ताकि इस कोविड टेस्ट लैब को अपनी दूसरी सालगिरह न मनाना पड़े. इसके लिए बेहद आवश्यक है कि सभी नागरिको द्वारा कोविड त्रिसूत्रीय नियमों का बेहद कडाई के साथ पालन किया जाए. ताकि कोविड संक्रमण की चेन को तोडा जा सके.

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