140 साल पहले बने पुल पर आज भी जारी है यातायात

पांढरकवडा/दि.18– राष्ट्रीय राजमार्ग पर खूनी नदीपर नया ऊंचा पुल बने बीस साल हो गए हैं. लेकिन 140 साल पहले बने जर्जर और खतरनाक पुराने पुल पर अब भी यातायात जारी है. हर साल बारिश के मौसम में इस पुल पर पांच से छह फुट पानी रहता है. जगह-जगह गड्ढे हैं. यह पुल ऐसी स्थिति में है कि यह कभी भी गिर सकता है. लेकिन इस पुल से हर दिन सैकड़ों दोपहिया, चारपहिया वाहन और पैदल यात्री गुजरते हैं. इस पुल पर यातायात को तत्काल बंद करने की मांग की जा रही है. यहां से गुजरने वाले श्रीनगर कन्याकुमारी राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 44 पर स्थित यह पुल चूंकि जर्जर हो जाने से बीस साल पहले इसके समानांतर एक ऊंचा पुल बनाया गया था, लेकिन पुराने जर्जर पुल पर अभी भी कुछ वाहनों का आवागमन जारी हैं, वर्ष 1995 में केंद्र सरकार के राष्ट्रीय महामार्ग विभाग ने सरकार को पत्र लिखकर 140 वर्ष पूर्व बने पुल में दरार आने की जानकारी दी थी. इस बीच ब्रिटिश सरकार ने भी भारत सरकार को पत्र भेजकर बताया था, कि पांढरकवड़ा में पुराने राष्ट्रीय महामार्ग पर स्थित पुल की सीमा समाप्त हो चुकी है. सरकार ने तत्काल संज्ञान लेते हुए, पुल का सर्वेक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए. अधिकारियों द्वारा किए गए सर्वेक्षण के अनुसार पुल यातायात के लिए खतरनाक होने की रिपोर्ट प्राप्त होते ही पुराने पुल की ऊंचाई से अधिक ऊंचा पुल बनाने का आदेश दिया. नए पुल का काम पूरा होने के बाद यातायात भी शुरु कर दिया गया. लेकिन ब्रिटिशकालीन पुल नहीं गिराया गया है.





