वैदर्भिय मुख्यमंत्री विदर्भ के ही किसी काम के नहीं

किसान पदयात्रा में बच्चू कडू ने सीएम फडणवीस पर साधा निशाना

* किसानों से 14 जुलाई को लाठी-काठी व ‘रुमनं’ लेकर अंभोरा पहुंचने कहा
* आज पदयात्रा के चौथे दिन गुरु पूर्णिमा पर बच्चू कडू ने किसानों के धोए पांव
* किसान कर्जमाफी को लेकर 7 दिन की पदयात्रा पर निकले बच्चू कडू का पांव भी चोटील
* बच्चू की पदयात्रा में शामिल हुए मनसे नेता बाला नांदगांवकर
अमरावती/दि.10 – किसानों को संपूर्ण कर्जमाफी देने के साथ ही उनके सातबारा को कोरा किए जाने की प्रमुख मांग को लेकर विगत 8 जुलाई से सात दिवसीय पदयात्रा पर निकले पूर्व मंत्री बच्चू कडू की पदयात्रा आज चौथे दिन भी जारी रही. जिसके तहत बच्चू कडू ने आज सुबह वलसा गांव से अपनी पदयात्रा शुरु की और वे अपने हजारों समर्थकों के साथ दोपहर बाद तक तरोडा होते हुए लाखखिंड गांव पहुंचे. जहां पर मनसे नेता बाला नांदगांवकर भी पूर्व मंत्री बच्चू कडू के साथ इस पदयात्रा में शामिल हुए.
आज चौथे दिन की पदयात्रा के दौरान पूर्व मंत्री बच्चू कडू ने विदर्भ से वास्ता रखनेवाले राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधते हुए कहा कि, मुख्यमंत्री भले विदर्भ का है, लेकिन विदर्भ के किसी काम का नहीं है. यही वजह है कि, विदर्भ क्षेत्र के किसानों सहित आम नागरिकों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड रहा है. इसके साथ ही बच्चू कडू ने किसानों से आवाहन करते हुए कहा कि, आगामी 14 जुलाई को इस पदयात्रा के अंतिम दिन सभी किसानों ने अंभोरा गांव में लाठी-काठी तथा ‘रुमनं’ (वक्खर पर लगाए जानेवाले लकडी के हत्थे) के साथ आने का आवाहन किया. जिसका सीधा मतलब है कि, बच्चू कडू अब किसान कर्जमाफी की मांग को लेकर जारी अपने आंदोलन को बडा उग्ररुप देना चाह रहे है.
इस समय किसान कर्जमाफी को लेकर निकाली गई पूर्व मंत्री बच्चू कडू की पदयात्रा राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके वसंतराव नाईक व सुधाकरराव नाईक के गृह क्षेत्र यवतमाल जिले से होकर गुजर रही है. जिसमें से पूर्व मुख्यमंत्री वसंतराव नाईक को हरित क्रांति का प्रणेता माना जाता है और उनके नाम पर किसान स्वावलंबी मिशन भी राज्य सरकार द्वारा चलाया जाता है. इस बात का उल्लेख अपने भाषणों में करते हुए पूर्व मंत्री बच्चू कडू ने यह ऐलान किया है कि, अब इसी भूमि से किसानों का सातबारा कोरा किया जाएगा. साथ ही साथ उन्होंने यह आवाहन भी किया कि, किसानों ने राजनीतिज्ञों के चक्कर में नहीं पडना चाहिए, क्योंकि राजनीतिज्ञों द्वारा किसानों को जाति व धर्म के नाम पर बांटने व आपस में लडाने का काम किया जाता है. ऐसे में किसानों ने अपनी कृषि उपज को उचित दाम मिलने और खुद को कर्जमाफी का लाभ मिलने की मांग के लिए पूरी तरह से एकजुट रहना चाहिए.
विशेष उल्लेखनीय यह भी रहा कि, विगत तीन दिनों से भारी बारिश के बीच पथरिले रास्तों पर पैदल चल रहे पूर्व मंत्री बच्चू कडू के पांव में गहरे जख्म हो गए है. जिसके चलते कार्यकर्ताओं ने उन्हें पदयात्रा छोडकर रुक जाने हेतु कहा. परंतु किसानों के जख्म अपने घाव से कहीं अधिक गहरे रहने की बात कहते हुए पूर्व मंत्री बच्चू कडू ने अपने पैर के घाव पर दवाई व मलहमपट्टी लगाकर एक बार फिर पदयात्रा करनी शुरु की. साथ ही साथ आज गुरु पूर्णिमा पर्व के औचित्य को साधते हुए पूर्व मंत्री बच्चू कडू ने किसानों को अपने गुरु स्थान पर रखते हुए कई किसानों के पांव भी धुलवाए. इस समय बच्चू कडू ने इस बात को लेकर भी हैरत जताई कि, विगत चार दिनों से उनके साथ करीब दो से तीन हजार किसान भरी बारिश में कर्जमाफी की मांग को लेकर पैदल चल रहे है. लेकिन इसके बावजूद अब तक राज्य सरकार के किसी मंत्री की ओर से किसान कर्जमाफी के मुद्दे को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. जिससे सरकार की किसानों के प्रति संवेदनहिनता साफ दिखाई देती है.
इसके साथ ही पूर्व मंत्री बच्चू कडू की इस पदयात्रा में शामिल होने मुंबई से लाखखिंड गांव पहुंचे मनसे नेता बाला नांदगांवकर ने किसान कर्जमाफी के मुद्दे पर मनसे को पूरी तरह प्रहार जनशक्ति पार्टी व पूर्व मंत्री बच्चू कडू के साथ बताया और कहा कि, इस मुद्दे पर मनसे द्वारा किसानों की लडाई में पूरा साथ दिया जाएगा.

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