विदर्भ

विकास कामों की स्थगिती रद्द करने के फैसले को चुनौति

राज्य सरकार जाएगी सुप्रीम कोर्ट

* हाईकोर्ट में दी गई जानकारी
नागपुर/दि.13 – विविध क्षेत्रों में वर्क ऑर्डर जारी हो चुके विकास कामों को स्थगिती देने के संदर्भ मेें राज्य सरकार द्बारा जारी आदेश को मुंबई उच्च न्यायालय की औरंगाबाद खंडपीठ ने आदेश जारी करते हुए 3 मार्च 2023 को रद्द किया था. साथ ही प्रशासकीय मान्यता प्राप्त सभी विकास कामों को पूर्ण करने के निर्देश भी जारी किए थे. जिसके खिलाफ राज्य सरकार द्बारा अब सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की जाएगी. इससे ही मिलते-जुलते समान मामले की सुनवाई के दौरान गत रोज राज्य सरकार ने नागपुर खंडपीठ को उपरोक्त जानकारी दी.
राज्य सरकार द्बारा विविध विकास कामों को स्थगिती दिए जाने के चलते कांग्रेस विधायक यशोमति ठाकुर (तिवसा), नितिन राउत (उत्तर नागपुर), सुनील केदार (सावनेर), विजय वडेट्टीवार (ब्रह्मपुरी), सुभाष धोटे (राजूरा) तथा नागपुर के जिप सदस्य सलील देशमुख ने नागपुर खंडपीठ में याचिका दायर की है. जिस पर न्या. अतुल चांदुरकर व न्या. महेंद्र चांदवानी की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई हुई. चूंकि इस मामले में राज्य सरकार द्बारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की जानी है. इस बात के मद्देनजर हाईकोर्ट ने सुनवाई को आगे टालते हुए 4 सप्ताह बाद अगली सुनवाई करना तय किया.
नागपुर हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि, वर्ष 2021-22 के दौरान तत्कालीन महाविकास आघाडी सरकार ने याचिकाकर्ताओं के निर्वाचन क्षेत्र में विविध विकास कामों को मंजूरी दी थी. जिसके लिए आवश्यक निधि का वितरण भी कर दिया गया था. परंतु इसी दौरान राज्य में सत्ता परिवर्तन हो गया और 20 जून 2022 से नई सरकार सत्ता में आयी. जिसने 21 जुलाई 2022 को बिना किसी ठोस वजह के सभी विकास कामों को स्थगित कर दिया. अत: सरकार के इस विवादास्पद फैसले को रद्द किया जाना चाहिए.

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