विदर्भ

बिजली दरों में सुविधा, लेकिन शुल्क माफी पर क्या?

उद्योगो को कर्जमाफी की उम्मीद, 31 मार्च को समाप्त होती है अवधि

नागपुर/दि.08– विदर्भ और मराठवाडा के उद्योगो को बिजली दरो में दी गई सुविधा वर्ष 2027 तक कायम रखने का निर्णय राज्य सरकार ने लिया है. लेकिन 31 मार्च के बाद भी बिजली शुल्क माफ करनेबाबत कोई भी निर्णय नहीं हुआ है. इस बाबत सरकार जल्द निर्णय लेगी और राहत देगी, ऐसी उम्मीद उद्योगजगत में है.

राज्य सरकार ने 6 जून 2014 को विदर्भ और मराठवाडा के उद्योगो को 5 साल से बकाया रहा बिजली शुल्क माफ किया था. 28 मई 2019 को इसकी अवधि 31 मार्च 2024 तक बढाई गई थी. आगामी 31 मार्च को यह अवधि समाप्त हो रही है. लेकिन सरकार ने इस बाबत अब तक कोई निर्णय नहीं लिया है. उत्पादक, उद्योगो की तरफ से 8.5 प्रतिशत की दर से बिजली शुल्क लेने का प्रावधान है. यह शुल्क महावितरण के माध्यम से राज्य सरकार के खाते में जाता है. महावितरण यह शुल्क ग्राहकों से वसूल कर राज्य सरकार को देता है. विदर्भ और मराठवाडा के उद्योगो को प्रोत्साहन देने के लिए और पडोसी राज्यो के बराबर बिजली बिल लाने के लिए राज्य सरकार ने यह शुल्क माफ किया है. इन दोनों क्षेत्रो के उद्योगो को सुविधा दर में बिजली देने की घोषणा मंगलवार को करते समय राज्य सरकार ने इसके लिए हर वर्ष 1200 करोड रुपए महावितरण को देने की बात कही. इस कारण बिजली शुल्क माफ होने की अपेक्षा बढी है. लोकसभा चुनाव की आचारसंहिता लागू होने के पूर्व इस बाबत निर्णय लेना चाहिए, ऐसा उद्योजको ने कहा है. दूसरी तरफ इस संदर्भ में जल्द अधिसूचना जारी होने का दावा महावितरण के सूत्रो ने किया है.

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