विदर्भ

फॉस्टर केअर यानि प्रतिपालकत्व योजना का आरंभ

अनाथ बच्चों को परिवार की साथ दिलाना पुण्य का काम

  • एड. यशोमति ठाकुर का प्रतिपादन
  • प्रायोगिक तौर पर ५ जिलों में अमंल

हिं.स/दि.१

मुंबई- परिवार की अहमियत क्या होती है, यह मैं और आप सभी जानते है. लेकिन अनाथ बच्चों का कोई वाली नहीं होता है. इसीलिए अनाथ बच्चों को परिवार का प्यार दिलवाने के लिए प्रतिपालकत्व योजना एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित होगी. अनाथ बच्चों को किसी परिवार का साथ दिलवाना पुण्य का काम है. उक्ताशय की भावनाएं महिला व बाल विकास मंत्री एड. यशोमति ठाकुर ने व्यक्त की. वे महिला व बालविकास विभाग अंतर्गत पुणे के महाराष्ट्र राज्य बाल सुरक्षा संस्था की ओर से आयोजित तीन दिवसीय प्रतिपालकत्व प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन और महिला व बाल विकास विभाग के अधिनस्थ बालगृह के अनाथ बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए उनको सुरक्षित परिवार, घर दिलवाने वाले प्रतिपालकत्व (फॉस्टर केअर) योजना के प्रायोगिक तौर पर शुरू किए गए ऑनलाईन कार्यक्रम में बोल रही थीं. इस अवसर पर महिला व बाल विकास विभाग की आयुक्त आय. ए. कुंदन, महिला व बाल विकास आयुक्त डॉ. ऋषिकेश यशोद, सहायक आयुक्त मनीषा बिरासीस आदि मौजूद थे. मंत्री एड. ठाकुर ने कहा कि अनाथ बच्चों को परिवार की साथ दिलवाने के लिए विभाग काम कर रही है. अनाथ बच्चों को फास्टर केयर के माध्यम से घर दिलावाया जाएगा. योजना को बेहतर ढंग से अमंल में लाया गया तो निकट भविष्य की युवा पीढी मानसिक, शारीरिक व सामाजिक दृष्टि से मजबूत होगी.

क्या है फॉस्टर केअर योजना
बाल न्याय अधिनियम २०१५ अंतर्गत अनाथ बच्चों को महिला व बाल विकास के विभाग के अधिनस्थ बालगृह में रखा जाता है. पारिवारीक माहौल मिल सके और बच्चों को अधिकार व उनके सर्वागिंण विकास का विचार करते हुए दत्तक और प्रतिपालकत्व का पर्याय भी उपलब्ध कराया गया है. दत्तक प्रक्रिया में स्थायी रुप से पुर्नवास होता है. लेकिन सभी बच्चों की दत्तक प्रक्रिया होती है ऐसा नहीं है. बच्चों को कानूनी रुप से पालकत्व न देते हुए उनको बाल न्याय अधिनियम के तहत प्रतिपालकत्व योजना में प्रायोजिक पालकत्व दिया जाता है. प्रतिपालकत्व यानि बच्चों की निगरानी के लिए प्रायोजकत्व और प्रतिपालकत्व मान्यता समिती द्वारा चयनित उचित परिवारों के माहौल में उनको रखना है. प्रायोगित तत्वों पर पुणे, सोलापुर,अमरावती, मुंबई उपनगर और पालघर में यह योजना अमल में लायी जा रही है. इस योजना की तैयारियों को लेकर जिले के सभी बाल सुरक्षा यत्रंणाओं को ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया गया है. इसके लिए इस योजना अंतर्गत प्रत्येक जिले में ४० बच्चों का चयन किया जाएगा. प्रतिपालकत्व स्वीकार करने वाले बच्चों को संगोपन के लिए प्रतिमाह २ हजार रुपए दिए जाएगें.प्रतिपालकत्व स्वीकार कर योजना में सहभाग लेने के इच्छूक पालक महिला व बालविकास आयुक्तालय की https://wcdcommpune.org  वेबसाइड पर आवेदन कर सकते है.

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