विदर्भ

हाईकोर्ट ने दी शिक्षकों को राहत

गोंदिया जिप को नोटीस देकर चार सप्ताह में मांगा जवाब

  • मामला वरिष्ठ वेतन श्रेणी का

नागपुर/दि.14 – वरिष्ठ वेतन श्रेणी के मामले में गोंदिया के शिक्षकों की याचिका पर सुनवाई कर जिला परिषद के आदेश पर हाईकोर्ट ने स्थगनादेश दिया है. दो सदस्यीय खंडपीठ के न्यायमूर्ति सुनील शुक्र और न्यायमूर्ति अनिल पानसरे व्दारा स्थगन देकर गोंदिया जिप को नोटीस देकर चार सप्ताह में जवाब मांगा है. न्यायालय के अंतरिम आदेश से नक्सलग्रस्त इलाके में सेवा देने वाले शिक्षकों को राहत मिलने की उम्मीद है.
राज्य सरकार ने नक्सल प्रभावित क्षेत्र में सेवा देने वाले शिक्षकों को वरिष्ठ वेतनश्रेणी में वेतन भुगतान करने का नियम जारी किया है, मगर इसमें जिप के अधिकारियों ने अपनी शर्तें लागू कर कहा कि 12 साल की सेवा अवधि पूरी होने के बाद ही वरिष्ठ वेतन श्रेणी प्रदान की जा सकती है. इस नियम के चलते नक्सल प्रभावित इलाके के शिक्षकों को वरिष्ठ पद की वेतनश्रेणी रोक दी गई. इसके खिलाफ 541 शिक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की. याचिकाकर्ता की ओर से एड.शेखर ढेंगाले ने जिप के आदेश पर स्थगन की मांग की थी.

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