* बीज व खाद उपलब्ध कराने पर दिया जाएगा जोर
भंडारा/दि.06-खरीफ सीजन की तैयारियां शुरू हो गई हैं. जल्द ही ग्रामीण इलाकों में खेतों में जैविक खाद डालने का काम तेज हो जायेगा. साथ ही धुरों की सफाई, खरपतवार हटाना, पेडों के लिए जगह तैयार करना आदि का काम शुरू किया जाएगा. खरीफ को लेकर कृषि विभाग भी तैयार है. पिछले साल की तुलना में धान के साथ-साथ गन्ना और अरहर फसल की बुआई भी 11 हेक्टेयर बढ जाएगी. बीज और खाद की उपलब्धता बढाने पर जोर दिया जाएगा.
जिला कृषि विभाग ने इस वर्ष खरीफ की बुआई बढाने की योजना बनायी है. हर साल खरीफ फसलों की खेती जुलाई महीने से शुरू हो जाती थी. इस साल भी इसकी शुरुआत भी कर दी जायेगी. कृषि विभाग का लक्ष्य इस वर्ष जिले में 1 लाख 96 हजार हेक्टेयर में फसल लगाने का है. इस साल भी हर साल की तरह 1 लाख 81 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सबसे ज्यादा धान की फसल उगाई जाएगी.
* बीज की उपलब्धता पर अधिक जोर
धान फसल का उत्पादन मुख्य रूप से भंडारा जिले में होता है. इसीलिए जिले को धान का भंडार कहा जाता है. कृषि विभाग द्वारा खरीफ की योजना बनाई गई है तथा खाद, बीज,कीटनाशकों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास किए गए हैं. विभिन्न कार्यों की योजना बनाई गई है. खास तौर पर इस साल धान के साथ-साथ अरहर और गन्ने की बुआई बढाने पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा.
* बंजर भूमि खेती के अंतर्गत आएगी
जनसंख्या में वृद्धि के कारण प्रति परिवार भूमि का क्षेत्रफल कम हो रहा है, इसलिए इस वर्ष खेती का क्षेत्रफल बढाने के लिए किसानों को बंजर भूमि को खेती के अंतर्गत लाने के लिए प्रेरित किया जाएगा. बंजर भूमि पर फसल उगाने का प्रयास किया जाएगा. चूंकि हर साल यही प्रयास किया जाएगा, इसलिए कहा जा रहा है कि फसल की खेती का क्षेत्र बढ जाएगा. पिछले साल 1 लाख 85 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ फसल की लागत की गई थी. इस साल 1 लाख 96 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों की लागत की जाएगी, यह विश्वास कृषि विभाग ने व्यक्त किया है.
लागत क्षेत्र बढाने पर जोर
इस बार फसल लागत क्षेत्र बढाने पर जोर दिया जाएगा. किसानों को समय पर और जरूरत के अनुसार खाद, बीज उपलब्ध हो इसके लिए कृषि विभाग ने नियोजन किया है. खाद, बीज खरीदते समय दुकानदारों द्वारा धोखाधडी हो रही हो तो तुरंत कृषि अधिकारी से शिकायत करें. अधिकृत कृषि केंद्र से बीज, खाद व कीटनाशक खरीदें. पक्की रसीद बिक्रेता से लेकर संभालकर रखें.
-संगीता माने, जिला अधीक्षक,
कृषि विभाग, भंडारा