किससे गठबंधन, किसे उम्मीदवारी?
कांग्रेस का फैसला 25 दिसंबर को, गठबंधन के साथ-साथ फंड की व्यवस्था भी स्थानीय स्तर पर

मुंबई/दि.19 – राज्य की विभिन्न महानगरपालिकाओं के चुनाव को लेकर कांग्रेस ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं. मनपा चुनावों के लिए उम्मीदवार तय करने हेतु कांग्रेस की राज्य चुनाव समिति की महत्वपूर्ण बैठक 25 दिसंबर को मुंबई में आयोजित की जाएगी. इसी दिन अधिकांश नगरसेवक उम्मीदवारों के नामों पर अंतिम मुहर लगने की संभावना है.
कांग्रेस प्रदेश नेतृत्व ने स्थानीय स्तर पर गठबंधन करने अथवा न करने के अधिकार शहर व जिला इकाइयों को दिए हैं. साथ ही पार्टी को हो रही आर्थिक कठिनाइयों के चलते चुनावी फंड की व्यवस्था भी स्थानीय स्तर पर ही करने के संकेत दिए गए हैं.
25 दिसंबर को होने वाली बैठक में प्रत्येक मनपा के लिए नियुक्त प्रभारी तथा संबंधित शहर व जिला अध्यक्षों को मुंबई बुलाया गया है. स्थानीय स्तर पर तय किए गए उम्मीदवारों की सूची को राज्य चुनाव समिति की मंजूरी दी जाएगी. सूत्रों के अनुसार समिति की सिफारिश पर कुछ स्थानों पर बदलाव भी संभव है. * स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने के संकेत
अधिकांश मनपा में कांग्रेस स्वबल पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है. हालांकि कुछ नगर निगमों में एड. प्रकाश आंबेडकर के नेतृत्व वाली वंचित बहुजन आघाड़ी के साथ गठबंधन किया जा सकता है. नई बनी इचलकरंजी मनपा में विभिन्न दलों और संगठनों के साथ स्थानीय स्तर पर गठबंधन की संभावना है, लेकिन इस पर अभी अंतिम निर्णय नहीं हुआ है. * पिछली सफलता को दोहराने की चुनौती
– पिछले मनपा चुनावों में मिली सीमित सफलता को भी दोहराना कांग्रेस के लिए चुनौती बना हुआ है. नांदेड में 81 में से 73 सीटें कांग्रेस ने अशोक चव्हाण के नेतृत्व में जीती थीं, लेकिन बाद में कई नगरसेवक भाजपा में शामिल हो गए.
– कई मनपा में कांग्रेस से जीते नगरसेवक भाजपा या शिंदे गुट में चले गए. उल्हासनगर (1), ठाणे (3), नाशिक (6), पनवेल (2), पिंपरी-चिंचवड़ (0), पुणे (9), जळगांव (0), वसई-विरार (0), कल्याण (3) जैसी जगहों पर कांग्रेस को बेहद कम सीटें मिली थीं.
* अस्तित्व की लड़ाई
नागपुर, चंद्रपुर, अमरावती, अकोला, नांदेड, लातूर, जालना और कोल्हापुर मनपा में कांग्रेस को बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है. वहीं कोकण क्षेत्र में पार्टी के लिए अस्तित्व की लड़ाई जैसी स्थिति बनी हुई है.
* चुनावी रसद पर संकट
– पहले प्रदेश कांग्रेस की ओर से मनपा चुनावों में बड़े पैमाने पर आर्थिक और संसाधन सहायता उपलब्ध कराई जाती थी, लेकिन वर्तमान में पार्टी आर्थिक संकट से गुजर रही है.
– जो नेता आर्थिक रूप से सक्षम हैं, वे अपने-अपने प्रभाव क्षेत्र में खर्च की जिम्मेदारी उठा रहे हैं. पहले जिस तरह राज्य के बड़े नेता प्रदेश कांग्रेस के लिए सहयोग करते थे, वह अब लगभग बंद हो चुका है.
– प्रदेश कांग्रेस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि इसके बावजूद पार्टी की ओर से हर मनपा में उम्मीदवारों को कुछ प्रचार सामग्री उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा.





