यवतमाल/ दि.8 – जिले में पहली बार 13 और उसके बाद 21 रेती घाटों की निलामी हुई है. मगर रेत माफिया इससे पहले ही रेती उत्खनन में सक्रीय है और बारिश में भी रेती निकालने वाला माफिया तैयार हुआ है. रेती तस्करी में यह नया ‘पुष्पा’ सरकारी यंत्रणा के सामने बडा चुनौती साबित हो रहा है.
रेती तस्करी में बडी कमाई होने के कारण प्रशासकीय यंत्रणा को खरीदा जाता हेै और कुछ जगह सीधे उन्हें भागीदार बनाया जाता है. इसके बाद भी वरिष्ठों के दबाव में कार्रवाई करना पडता हेै. वर्षभर में केवल 406 मामले दर्ज हुए है. उसमें भी केवल 68 मामले में अपराध दर्ज किया. जुर्माने की रकम करीब 3 करोड 63 लाख रुपए है. बडी कमाई होने के कारण माफिया जुर्माने से भी नहीं घबराते. रेती उत्खनन से जमकर कमाई की जा रही है. इसके कारण राजनीतिक, अपराधिक क्षेत्र के, प्रशासकीय यंत्रणा के कई लोगों का इस क्षेत्र में मिली भगत से व्यवसाय शुरु है. भारी कमाई होने के कारण जुर्माना भरने से भी वे पीछे नहीं हटते.
यातायात पुलिस व आरटीओ कार्यालय की ओर से रेती की ओवरलोड ढुलाई करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की गई. परंतु आरटीओ रेती वाहनों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकते. महसूल विभाग ने पकडे वाहनों की रिपोर्ट आरटीओ कार्यालय को देना अपेक्षित है, मगर वैसी रिपोर्ट नहीं दी जा रही.