नागरिकों के साथ-साथ किसानों के लिए राहत भरा निर्णय

पारदर्शिता बढेगी, सातबारह दस्तावेज अब डिजिटल

* बिना हस्ताक्षर के स्वीकार्य
रिसोड/दि.6 – राज्य सरकार ने राजस्व विभाग में डिजिटल परिवर्तन का बड़ा ऐतिहासिक निर्णय लिया है. अब डिजिटल सातबारह को कानूनी मान्यता प्रदान की गई है. इस फैसले के बाद सातबारह दस्तावेज पर तलाठी की मुहर और हस्ताक्षर की आवश्यकता पूरी तरह समाप्त हो गई है.
नागरिकों के साथ-साथ किसानों के लिए यह निर्णय बड़ी राहत लेकर आया है. डिजिटल सातबारह को कानूनी मान्यता मिलना, महाराष्ट्र के राजस्व प्रशासन में डिजीटल क्रांति का महत्वपूर्ण अध्याय है. इससे पारदर्शिता बढ़ेगी, समय और धन की बचत होगी तथा विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों को बहुत बड़ी सुविधा और सशक्तिकरण प्राप्त होगा. राजस्व विभाग द्वारा डिजिटल सातबारह को मान्यता दिए जाने से किसानों का मानसिक तनाव कम हुआ है.

अब किसानों को सातबारह प्राप्त करने के लिए ग्राम राजस्व अधिकारी के पास बार-बार जाने की आवश्यकता नहीं होगी. इस निर्णय से किसानों का समय, पैसा और अनावश्यक दौड़-धूप दोनों से छुटकारा मिलेगा.
-अनिल कालदाते, किसान भर जहांगीर
* किसानों को मिलने वाले लाभ
-बैंक और कार्यालयों के लिए दस्तावेज लाने-जाने की परेशानी नहीं
-डिजिटल सातबारह 24 ु 7 उपलब्ध प्रक्रिया सुरक्षित, तेज और प्रमाणीकृत
-दस्तावेज छेड़छाड़ मुक्त और कानूनी रूप से मान्य
* निर्णय का महत्व
-इस निर्णय से नागरिकों को सरकारी कार्यालयों के चक्कर, दलाल और देरी से छुटकारा मिलेगा.
-किसानों को कृषि ऋण, फसल ऋण या जमीन संबंधी कार्यों के लिए एक क्लिक में सातबारह उपलब्ध होगा.
-पूरी प्रक्रिया अधिक पारदर्शी, समय बचत और भ्रष्टाचार मुक्त होगी.
-भूमि अभिलेखों के प्रबंधन में गति, सटीकता और तकनीकी सुरक्षा बढ़ेगी.
* क्या बदलेगा ?
पहले सातबारह दस्तावेज के लिए ग्राम महसूल अधिकारी की हस्ताक्षर, मुहर और कार्यालयीन पुष्टि आवश्यक थी. अब डिजिटल सातबारह ई-फॉर्म पर उपलब्ध होगा, जिस पर मौजूद क्यूआर कोड और डिजिटल प्रमाणपत्र ही कानूनी प्रमाण माना जाएगा. बैंक, सरकारी विभाग, न्यायालयीन कार्यवाही, कृषि ऋण, भूमि खरीद-विक्रय सहित सभी प्रक्रियाओं में डिजिटल सातबार पूर्णतः वैध रहेगा.

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