अमरावती फसल मंडी को नाहक किया जा रहा बदनाम
मंडी सभापति हरिश मोरे का पत्रवार्ता में कथन
अमरावती/दि.28 – अमरावती कृषि उत्पन्न बाजार समिति में पूरा कामकाज बेहद पारदर्शक एवं सुचारु ढंग से चल रहा है. लेकिन इसके बावजूद कुछ स्वयंभू किसान नेताओं द्वारा अपने मतलब के लिए मंडी में अस्थिरता पैदा करने तथा फसल मंडी को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है. ऐसे लोगों के बहकावे में अमरावती एवं भातकुली तहसील के किसानों ने बिल्कुल भी नहीं आना चाहिए, बल्कि किसानों के हित में काम कर रही अमरावती फसल मंडी के प्रशासन पर पूरा भरोसा रखना चाहिए. इस आशय का प्रतिपादन मंडी सभापति हरिश मोरे द्वारा आज अपने कक्ष में बुलाई गई पत्रवार्ता के दौरान किया गया.
बता दें कि, अभी हाल ही में अमरावती कृषि उत्पन्न बाजार समिति में काफी लंबा अवकाश घोषित किये जाने को लेकर अच्छा खासा हडकंप मचा था तथा फसल मंडी प्रशासन पर किसान हितों की अनदेखी करने का आरोप लग रहा था. जिसे लेकर अपनी भूमिका स्पष्ट करने हेतु आज अपने कक्ष में पत्रवार्ता बुलाई थी. जिसमें मंडी सभापति हरिश मोरे ने कहा कि, हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी फसल मंडी के अडते व व्यापारी संघ ने मार्च एंडिंग का हिसाब-किताब करने के लिए मार्च माह के अंत में फसल मंडी में कृषि उपज खरीदी-विक्री को बंद रखे जाने से संबंधित पत्र सहकार उपनिबंधक को दिया था. इस बारे में फैसला सहकार उपनिबंधक कार्यालय को ही लेना था और सहकार उपनिबंधक ने लंबे अवकाश के प्रस्ताव को अमान्य कर दिया था. लेकिन कुछ लोगों ने यह कहते हुए हंगामा मचाना शुरु कर दिया कि, मंडी प्रशासन ने अमरावती फसल मंडी को 10-12 दिन लगातार बंद रखने का निर्णय ले लिया है, जबकि ऐसा कुछ भी नहीं था, बल्कि रविवार व सोमवार को होली का अवकाश रहने के चलते फसल मंडी बंद थी. वहीं आगामी शनिवार व रविवार को भी फसल मंडी में अवकाश रहेगा, जिसमें से शनिवार को मार्च एंडिंग के चलते फसल मंडी में कामकाज बंद रहेगा. वहीं रविवार को फसल मंडी में साप्ताहिक अवकाश रहेगा. इसके अलावा बाकी सभी दिन फसल मंडी में हमेशा की तरह नियमित कामकाज जारी है. ऐसे में लंबे अवकाश को लेकर लगाये जाने वाले आरोपों में कोई तथ्य नहीं है.
इसके साथ ही मंडी सभापति हरिश मोरे ने अमरावती व भातकुली तहसील के किसानों से यह आवाहन भी किया कि, यद्यपि इस समय फसल मंडी में नियमित कामकाज चल रहा है. परंतु मार्च एंडिंग रहने के चलते अडतों एवं व्यापारियों की हिसाब-किताब के मिलान को लेकर अच्छी खासी गडबडी भी चलती रहती है. ऐसे में अडतों व्यापारियों की भी दिक्कतों को समझा जाना चाहिए. अत: अगर बहुत अधिक जरुरत नहीं है, तो मार्च एंडिंग तक फसल मंडी मेें विक्री हेतु कृषि उपज न लायी जाये, ताकि बिना वजह काम का अतिरिक्त बोझ न बढे. वहीं उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि, इस दौरान जो किसान फसल मंडी में अपनी कृषि उपज लेकर पहुंचेंगे. उनकी कृषि उपज को निश्चित तौर पर खरीदा जरुर जाएगा.