बाघ शिकार की आरोपी महिला 12 साल बाद एमपी से गिरफ्तार
मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प और अकोट वन्यजीव विभाग के दल की संयुक्त कार्रवाई

चिखलदरा/दि.16 – वर्ष 2013 में अकोट वन्यजीव विभाग के कार्यक्षेत्र में घटित बाघ शिकार प्रकरण की आरोपी शितला उर्फ गजेंद्री को मध्यप्रदेश के मंडला से 10 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया है. यह अपराध वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत दर्ज किया गया है. यह कार्रवाई वाईल्ड लाईफ क्राईम कंट्रोल सेल, मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प तथा अकोट वन्यजीव विभाग के संयुक्त व आपसी समन्वय से पूर्ण हुई.
इस प्रकरण के जांच अधिकारी गणेश टेकाडे हैं. यह कार्रवाई आदर्श रेड्डी, वनसंरक्षक तथा क्षेत्र संचालक, मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प तथा अकोट वन्यजीव विभाग के उपवन संरक्षक राहुल टोलिया के मार्गदर्शन में पूर्ण की गई. इस कार्रवाई में वाईल्ड लाईफ क्राईम कंट्रोल सेल दल के विशाल बनसोड, स्वप्निल राउत, दिनेश केंद्रे, विशाल उमाले, अनंता नाईसे व विशाल सुरत ने की. गिरफ्तार किए गए आरोपी को 11 दिसंबर को प्रथम श्रेणी न्यायालय अकोट में पेश कर तीन दिन की फॉॅरेस्ट कस्टडी में रखा गया था. इस कालावधि में जांच पूर्ण की गई. पश्चात न्यायालय ने आरोपी को 26 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में रखने के निर्देश दिए है. इस प्रकरण में इसके पूर्व पंजाब निवासी आरोपी रणजितसिंह बावरिया तथा कल्ला बावरिया को न्यायालय द्बारा दोषि ठहराया गया है. उन्हें प्रत्येकि तीन साल कारावास की सजा और 10 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई है. यह सजा वन्यजीव अपराध विरोध के विरोध में कडी कानूनी कार्रवाई का महत्वपूर्ण उदाहरण है. लंबे समय तक फरार रही आरोपी महिला की तलाश कर उसे गिरफ्तार करना यह वन्यजीव सुरक्षा की दृष्टि से काफी प्रशंसनीय कार्य है. इस गिरफ्तारी के कारण वन्यजीव तस्करो में खलबली मच गई हैं.





