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हर कोई बोलने से कतरा और घबरा रहा है

न्यायीक क्षेत्र में सेक्स स्कैंडल का मामला

जांच अधिकारी ने तीन दिन अमरावती रुककर लिए पिडिताओं के बयान
अमरावती/दि.28- अमरावती के न्यायालयीन इतिहास में पहली बार इन दिनों एक सैक्स स्कैंडल की जबरदस्त चर्चाएं है, परंतु इस बारे में कोई भी अधिकृत रुप से या खुलकर बोलने में या तो कतरा रहा है या घबरा रहा है. पता चला है कि अमरावती के एक न्यायाधिकारी ने अपने यहां कानून की पढाई और उसके कुछ गुर सीखने के लिए आने वाली जुनियर अधिवक्ताओं का यौन शोषण किया. जिसके बाद कुछ जुनियर अधिवक्ता ने हिम्मत कर शिकायत लेकर संबंधितों के पास पहुंची, इस तरह की शिकायत आते ही अमरावती कोर्ट के न्यायीक क्षेत्र में खलबली मच गई. चूंकि मामला यौन शोषण का था, तुरंत हाईकोर्ट को सूचित किया गया. खबर तो यह भी है कि जिस न्यायाधिकारी ने यौन शोषण किया था उसकी पत्नी भी शिकायत में शामिल थी. हाईकोर्ट ने नागपुर के एक जिला न्यायाधीश की इस सारे मामले में जांच अधिकारी के रुप में नियुक्ती की. आज जब हमने इस बारे में अमरावती जिला बार असोसिएशन वकील संघ के कई पदाधिकारियों से बात करनी चाही तो कोई कुछ बताने तैयार नहीं था. सबका कहना यही था कि उनके असो. के पास अब तक कोई शिकायत नहीं आई है.
इस बीच कुछ वकिलों ने यह जरुर कन्फर्म किया कि जांच अधिकारी ने चार पिडिताओं के बयान दर्ज किए है और यह सारा मामला अभी का नहीं बल्कि 1 साल से चला आ रहा है.
क्योंकि मामला एक जज से जुडा है इसलिए कोई वकील कुछ भी बोल कर मुसीबत मोल नहीं लेना चाहता. अमरावती कोर्ट के परिसर में यह भी खबरें चल रही है कि जिन पिडिताओं के बयान दर्ज किए गए है. उनके घर जाकर दोषी न्यायाधिकारी की पत्नी मामला वापस लेने की गुहार लगा चुकी है. दूसरी तरफ हाईकोर्ट की जांच समिती इस बात का भी पता लगा रही है कि इस गोपनीय जांच की खबरे कैसे बाहर आ रही है?
इसमें गोपनीय क्या?
इस बीच कुछ वकिलों ने आज दैनिक अमरावती मंडल से बातचीत में यह भी कहा कि यह यौन शोषण का और बेहद गंभीर मामला है. यह कोई इंटरनल प्रशासनिक विषय नहीं हैं. लेकिन जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती कुछ भी कहना अभी ठीक नहीं होगा. आश्चर्य इस बात पर भी किया जा रहा है कि यौन शोषण जैसा मामला होने पर भी अब तक पुलिस को क्यों नहीं सौंपा गया है.

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