संपादकीय

सभी जरूरतमंदों का हो टीकाकरण

केन्द्र सरकार ने आगामी 1 अप्रैल से 45 वर्ष से अधिक आयु के सभी भारतीय नागरिको को कोरोना का टीका उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है. 1 अप्रैल से चौथे चरण में 45 वर्ष से अधिक आयु के सभी नागरिको को टीका दिया जायेगा. केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावडे ने यह जानकारी दी. कोरोना के बढते संक्रमण को देखते हुए यह आवश्यक भी है कि कोरोना वैक्सिन हर किसी को दिया जाए. लेकिन वैक्सिन की उपलब्धता पर्याप्त न होने के कारण चरणबध्द तरीके से लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है.इससे निश्चित रूप से कोरोना संक्रमण पर रोक लग सकती है. यह टीका हर व्यक्ति के लिए आवश्यक हो गया है. जब से कोरोना का संक्रमण भारत में आरंभ हुआ है तब से ही यहां के वैज्ञानिक कोरोना टीकाकरण के लिए सक्रिय हो गये थे. तब से ही देशवसियों को कोरोना टीका की व्यवस्था करने की द़ृष्टि से प्रयास आरंभ हो गये थे. इसके चलते यह स्पष्ट कर दिया गया था कि जब तक दवाई नहीं तब तक ढिलाई नहीं. अब टीका उपलब्ध हो गया है. विगत 16 फरवरी से यह टीका आरंभ हो गया था. पहले चरण में कोरोना के मरीजों की सेवा में कार्यरत कर्मचारियों, पुलिस कर्मियों तथा अधिकारियों को यह टीके दिए गये. दूसरे चरण में 60 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिको को टीका देना आरंभ किया गया. अब 1 अप्रैल से 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को टीका दिया जायेगा. इस हालत में यह प्रश्न उठता है कि 45 वर्ष से कम आयु के लोगों को टीका कब दिया जायेगा. बेशक टीके के बाद भी कुछ लोग कोरोना संक्रमित पाए गये है. लेकिन इससे एक बात तो स्पष्ट है कि यह टीका भले ही पूरी तरह कामयाब न हो पा रहा हो. लेकिन इस माध्यम से आंतरिक शक्ति (इम्युनिटी) बढेगी और इस बीमारी को रोकने का सबसे कारगर उपाय अपनी इम्युनिटी बढा रहा है. कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सरकार की ओर से अनेक निर्बंध लगाए जा रहे है. लेकिन कोरोना का संक्रमण तेजी से जारी है. निश्चित रूप से इसमें जन सामान्य की लापरवाही भी सामने आ रही है. इस बीमारी को रोकने के लिए कडे से कडे निर्बंध लगाने के बाद भी स्थिति में कुछ सुधार नहीं आया है. बीमारो के आंकडे दिनों दिन बढ रहे है. इस हालत में जरूरी है कि निर्बंध लगाने की बजाय लोगों को आतंरिक शक्ति बढाने का आवाहन करना चाहिए. इसके लिए कौन से तत्व लाभप्रद हो सकते है. इसका मार्गदर्शन किया जाना चाहिए. जब सिध्दांत यह कहता है कि बीमारी से लडो बीमार से नहीं तो निश्चित रूप से ऐसा लग रहा था कि सरकार बीमारी से लडने का आत्मविश्वास लोगों में बढा रही है. वैक्सिन का आना भी आत्मविश्वास की एक कडी है. इससे लोगों की चिंता दूर होगी तथा जो मन में भय कायम है उसे हटाया जा सकेगा.
कोरोना संक्रमण रोकने के लिए 45 वर्ष के अधिक आयु के रूग्ण को टीका देने का निर्णय हुआ है. इसके साथ सरकार को चाहिए कि इन सभी लोगों को टीका उपलब्ध कराए. क्योकि टीकाकरण के प्रति हर कोई आशावान है. लेकिन कहीं-कहीं टीकाकरण के कारण लोग संक्रमित पाए जा रहे है. जिससे उनके मन में भय निर्माण हो रहा है. प्रशासन को चाहिए कि वह लोगों को इस बात से अवगत कराए कि यह टीका लगाने से भले ही कुछ दिन संक्रमण संभव है लेकिन इस संक्रमण से किसी को नुकसान नहीं पहुंचेगा. क्योकि टीका यह इम्युनिटी देनेवाला है. अत: टीका रहा तो कोविड-19 का असर नहीं हो पायेगा. यदि किसी को इसका असर होता भी हो तो कोविड -19 में उसे राहत मिल सकती है. इन दिनों अनेक लोग व्यापार क्षेत्र में जन सामान्य के संपर्क में आते है. अत: उन्हें भी यह टीका दिया जाना चाहिए जिससे संक्रमण पर रोक लग सके. सरकार की चाह है कि आगामी 1 अप्रैल से टीकाकरण का अभियान और तीव्रता के साथ जारी रखा जाए. इसके लिए सरकार को यह आत्मविश्वास लोगों के मन में स्थापित करना होगा कि टीका लेने के बाद कोविड-19 का असर नहीं हो पायेगा. इसके लिए सेवाभावी संस्था का सहयोग लिया जाना चाहिए. निश्चित रूप से इससे अभियान में तेजी आयेगी व जनसामान्य को भी इसका लाभ मिलेगा. बहरहाल देश में कोरोना का संक्रमण रोकने के लिए टीके की अहमियत बढ गई है. इसके लिए हर किसी को आगे आना होगा. सरकार को भी चाहिए कि जो लोग अधिकाधिक लोगों के संपर्क में आते है उन्हें यह टीका दिया जाए ताकि संक्रमण का खतरा न रहे.

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