संपादकीय

विधानसभा चुनाव की घोषणा

5 राज्यों में विधानसभा चुनाव की घोषणा निर्वाचन आयोग ने की है. विगत कई दिनों से इन राज्यों में चुनावी चहल-पहल जारी थी. चुनाव की घोषणा होने के बाद अब सभी राजनीतिक दल चुनाव की दृष्टि से सक्रिय हो गये है. खासकर इस बार चुनाव विभिन्न चरणों में हो रहा है. जिन राज्यों में चुनाव हो रहे है उसमें पश्चिम बंगाल, पांडेचेरी, तामिलनाडू, केरल, आसाम का समावेश है. इसमे सर्वाधिक चरणों में पश्चिम बंगाल में मतदान. पश्चिम बंगाल में 8 चरणों में मतदान की घोषणा की गई है. जिसमें कुल 294 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में से 30 स्थानों के लिए 27 मार्च फिर 30 स्थानों के लिए 1 अप्रैल, 31 स्थानों के लिए 6 अप्रैल, 44 स्थानों के लिए 10 अप्रैल, 45 स्थानों के लिए 17 अप्रैल, 43 स्थानों के लिए 22 अप्रैल, 36 स्थानों के लिए 26 अप्रैल तथा 35 स्थानों के लिए 29 अप्रैल को मतदान होगा. 8 चरणों में पश्चिम बंगाल में चुनाव लिये जाने के निर्वाचन आयोग के निर्णय पर मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी ने आपत्ती जताई है. जबकि पश्चिम बंगाल की कानून व्यवस्था को देखते हुए, अन्य राजनीतिक दल इसे उचित मान रहे है. यह सच है कि, पश्चिम बंगाल में चुनाव को लेकर कानून व्यवस्था विगत कई दिनों से चरमराई है. ऐसे में स्वतंत्र निष्पक्ष चुनाव के लिए कानून व्यवस्था बनाए रखना महत्वपूर्ण प्रश्न है. सीमित यंत्रणा के माध्यम से इस समस्या का निराकरण नहीं हो सकता. इसके लिए निर्वाचन आयोग को ही सार्थक पहल करनी थी. कानून व्यवस्था बनाये रखने की दृष्टि से निर्वाचन आयोग ने 8 चरणों में मतदान की घोषणा की है. हालाकि अन्य राज्यों में चुनाव सीमित चरणों में हो रहे है. आसाम में तीन चरणों में पांडेचेरी में एक ही चरण में, तामिलनाडू-केरल में एक ही चरण में यह चुनाव होगा. चुनाव को लेकर ममता बैनर्जी की आपत्ती अनुचित है. क्योंकि चुनाव का दृष्टिकोण यही है कि, हर कोई मतदान केंद्र पहुंचकर अपने मताधिकार का प्रयोग कर सके. यदि कम चरणों में चुनाव होते है, तो पुलिस यंत्रणा पर भारी दबाव बढ सकता है. इसीलिए विभिन्न चरणों में यह चुनाव हो रहा है. हालांकि पश्चिम बंगाल में पिछली बार भी जब विधानसभा के चुनाव हुए थे, वे सात चरणों में थे इस बार एक चरण ही अधिक बढाया गया है. जिससे कानून व्यवस्था बनाये रखने में आसानी होगी.
वर्तमान चुनाव यह उस समय हो रहा है जब देश के अनेक राज्यों में कोरोना का संकट जारी है. महाराष्ट्र में तो स्थिति भयावह बन गई है. ऐसे में चुनाव वाले राज्यों को विशेष सावधानियां बरतना अतिआवश्यक है. क्योंकि कोरोना का संक्रमण सभी क्षेत्र में फैल रहा है. ऐसे में जिन राज्यों के चुनाव है वहां इसका संक्रमण घातक साबित ना हो, इसलिए आरंभ से ही सावधान रहना जरुरी है. पाया जा रहा है कि, पश्चिम बंगाल में होने वाली आमसभाओं में बढती भीड से यह संक्रमण तीव्र तो नहीं होगा, यह ध्यान रखना जरुरी है. क्योंकि संक्रमण यदि आरंभ होता है, तो पश्चिम बंगाल में उमडने वाली भीड इसकी चपेट में आ सकती है. इसलिए चुनाव वाले राज्यों में भी संक्रमण रोकने के लिए अभी से ही प्रयास आरंभ कर देना चाहिए. इससे चुनाव निष्पक्ष होने के साथ-साथ शांती यह सुरक्षापूर्ण हो सकते है. हालांकि निर्वाचन आयोग की ओर से समय-समय पर योग्य निर्णय लिये जाएंगे. कुलमिलाकर पश्चिम बंगाल सहित पांच राज्यों में होने वाले चुनावों को देखते हुए जरुरी है कि, निर्वाचन आयोग चुनाव निष्पक्ष कराने के साथ-साथ मतदाताओं की सुरक्षा का भी ध्यान रखे. चुनावी माहौल में लोग कोरोना से बचाव के आवश्यक मापदंड भूल सकते है, जो भविष्य में घातक साबित हो सकते है, इसलिए योग्य चिंतन जरुरी है.

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