संपादकीय

निधि संकलन को लेकर चिंता

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए राष्ट्रीय स्तर पर राम मंदिर तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के माध्यम से निधि एकत्र की जा रही है. इस ट्रस्ट के साथ साथ भाजप व आरएसएस के कार्यकर्ता भी घर घर जाकर राशि एकत्र कर रहे है. इस बात पर आपत्ती जताते हुए कांग्रेस ने आशंका व्यक्त की है कि यह पैसा भारतीय जनता पार्टी द्बारा पार्टी निधि के रूप में उपयोग में लाया जा सकता है. गौरतलब है कि इस निधि संकलन अभियान को सर्वत्र व्यापक समर्थन मिल रहा है. जिससे हर कोई राम मंदिर के निर्माण से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुडता जा रहा है. ऐसे में कांग्रेस के मन में चिंता होना स्वाभाविक है. क्योंकि जहां धन का व्यवहार होता है.वहां विशेष ध्यान देना अति आवश्यक है. निश्चित रूप से जब श्रीराम मंदिर ट्रस्ट इस बारे में योग्य व्यवस्था की गई होगी. क्योंकि यह काम किसी एक व्यक्ति का न होकर समूह में हो रहा है. हर कोई कह सकता है कि यह कार्य राम भगवान के मंदिर के लिए हो रहा है. इस कार्य में उसका भी योगदान है. निश्चित रूप से यह उसके लिए गर्व की बात रहेगी. जैसा कि हर भक्त यह सोचता है यह अभिमान जाई जनि भोरे, मैं सेवक रघुपति पति मोरे. इस दृष्टि से निधि में यदि किसी का एक रूपये का भी योगदान है तो वह सार्थक योगदान माना जायेगा. इस सार्थक योगदान को निरर्थक नहीं होने देने के लिए संबंधित ट्रस्ट की ओर से व्यापक प्रबंध किए गये है. हर राशि का लेखा जोखा है. संकलन निधि के लिए जो राशि ली जा रही है. उसकी बकायदा रसीद उपलब्ध है. ऐसे में हेराफेरी की संभावना कहीं से नजर नहीं आती. इस दृष्टि से कांग्रेस द्बारा जो आशंका व्यक्त की जा रही है. वह निरर्थक है. यह आशंका लोगों के मन में निर्माण कर कि राम मंदिर के लिए एकत्र होनेवाली निधि में कहीं भाजपा व संघ हेराफेरी तो नहीं करेगे ? बिल्कुल निरर्थक है. अत: कांग्रेस को इस बारे में चिंता की कोई आवश्यकता नहीं है.
कांग्रेस की ओर से श्रीराम मंदिर संकलन निधि में भविष्य में घोटाला होने की शंका इसलिए भी आ सकती है.क्योंकि कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार के कार्यकाल में अनेक घोटाले हुए है. जिससे दूध का जला छाछ भी फूंककर पीता है. इसके चलते कांग्रेस को यह आशंका है कि राम मंदिर संकलन निधि घोटाला होगा. लेकिन कांग्रेस को इस बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं. क्योंकि जिस कार्य में देश के हर नागरिक अपनी आस्था के साथ जुड रहा है. वह भला कैसे अपने निधि का दुरूपयोग होने देगा. निश्चित रूप से अपने कार्यकाल में हुए अनेक घोटालों से कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में आशंका होना स्वाभाविक है. इसलिए पत्रकार परिषद लेकर कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने पत्रकारों के सामने अपनी आशंका व्यक्त की. उनका यह भी कहना था कि भाजपा व संघ परि वार की ओर से इससे पूर्व भी निधि एकत्र की गई थी. अनेक वर्ष से राम मंदिर के लिए लडनेवाले निर्मोही अखाडा ने विश्व हिन्दु परिषद पर अयोध्या मंदिर के लिए एकत्र 1400 करोड रूपये घोटाले का आरोप लगाया था. अखिल भारतीय हिन्दु महासभा ने भी 2015 में विश्व हिन्दु परिषद की ओर 1400 करोड रूपये व बडे पैमाने पर सोना में हेराफेरी का आरोप लगाया था. किंतु उसकी कोई जांच नहीं हो पायी है. बेशक कुछ पुरानी घटनाओं को लेकर कांग्रेस की आशंका बलवती हो रही है . लेकिन यह भी सच है कि इस कार्य में हर कोई निगाहे रखे हुए है. ऐसे में किसी भी तरह के घोटाले की आशंका व्यर्थ है.
राम मंदिर का निर्माण यह भारतीय जनमानस के लिए गर्व का विषय है . किंतु यदि कुछ आशंकाए सामने आती है तो उसका भी निराकरण होना चाहिए. भले ही किसी पार्टी विशेष द्बारा आरोप लगाए जा रहे हो तो वह मायने नहीे रखते. इतना अवश्य किया जा सकता है कि संकलित होनेवाली निधि निर्धारित गतंव्य तक पहुंचे इसके लिए सशक्त यंत्रणा तय की जाए. यदि ऐसा किया जाता है तो निश्चित रूप से किसी भी किस्म की आशंका को बल नही मिलेगा तथा निधि सही हाथों में पहुुंचेगा. राम मंंदिर का निर्माण हर देशवासी की भावना से जुडा है, ऐसे में इस कार्य से जुडे सभी लोग निधि के विषय में पूरा ध्यान रख सकते है . समय- समय पर इस बात की समीक्षा भी होनी चाहिए. बहरहाल हर नागरिक इस विश्वास के साथ मंदिरर के लिए निधि दे रहा है कि उसका यह पैसा सार्थक हो जायेगा.

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