डेंगू का संकट
कोरोना की महामारी के बाद अब डेंगू का संकट भी मंडराने लगा है. डेंगू का प्रादुर्भाव अधिक न हो इसलिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से अनेक कदम उठाए जा रहे है. महानगरपालिका जिला परिषद के स्वास्थ्य विभाग डेंगू पर नजर केन्द्रित किए हुए है. महानगरपालिका ने तो जोन निहाय दल का भी गठन किया है तथा नियमित छिड़काव पर भी ध्यान दिया जा रहा है. ग्रामीण क्षेत्र में भी ग्रामपंचायत स्तर पर छिड़काव की प्रक्रिया आरंभ हो गई है. जोन के अनुसार ५ व ग्रामीण क्षेत्र में ३८ दल गठित किए गये हैे. जनवरी से सितंबर तक ्रग्रामीण क्षेत्र में ११० और शहर में ४२डेंगू पॉजिटीव पाए गये. स्पष्ट है कि अभी कोरोना महामारी का प्रभाव पूरी तरह शांत नहीं हुआ है. आज भी ५० से अधिक संक्रमित रोजाना पाए जा रहे है. इस हालत में यदि डेंगू का संक्रमण तीव्र हो जाता है तो प्रशासन के सामने अनेक प्रश्न उपस्थित हो जायेंगे. इसलिए इस बीमारी पर अभी से ही लगाम लगाना आवश्यक है. ऐसा नहीं किया जाता है तो इसका संक्रमण और भी तीव्र हो सकता है. इसलिए जरूरी है कि इस संक्रमण पर नियंत्रण के लिए अभी से कदम उठाए जाए. यह मर्म समझते हए महानगरपालिका व जिला परिषद ने कार्य भी आरंभ कर दिया है. इसके अंतर्गत सप्ताह में दो दिन छिड़काव किए जाने का निर्णय लिया गया है. मनपा के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सीमा नेताम के अनुसार प्रत्येक प्रभाग में सप्ताह में दो दिन फॉगिग के आदेश दिए गये है. इससे पूर्व अनेक संगठनाओं ने डेंगू से निपटने के लिए योग्य उपाय योजना की मांग की थी.
संक्रामक बीमारी के खतरे को प्रशासन ने गंभीरता से लिया है. जिसके चलते महानगरपालिका आयुक्त ने ५ नवंबर को जोन क्रमांक १, रामपुरी कैम्प अंतर्गत विभिन्न इलाको में परिसर की स्वच्छता का निरीक्षण किया. इसी तरह सभी क्षेत्रों का निरीक्षण किया जा रहा है.
मलेरिया, डेंगू का संक्रमण प्रतिवर्ष होता हैे. लेकिन इस वर्ष उसका आगमन उस समय हो रहा है जब पूरा विश्व कोरोना के संकट से घिरा हुआ है. ऐसे में प्रशासन को और भी अधिक सावधानी बरतनी होगी. खासकर घरों में जमा होनेवाला कचरा बस्ती में न फैले इसलिए विशेष ध्यान देना जरूरी है. यदि समय रहते ध्यान दिया गया तो इस बीमारी पर नियंत्रण पाया जा सकता है. आज भी शहर में अनेक स्थानों पर गंदगी का माहौल है. इसलिए जरूरी है कि पहले शहर में जहां-जहां गंदगी है. उसे साफ किया जाए. गंदगी के अलावा अनेक रिहायशी क्षेत्रों में भी गंदगी दिखाई देती है. इसलिए जरूरी है कि सफाई व्यवस्था पर ध्यान दिया जाए. प्रशासन की ओर से रोजाना कचरा समेटने के लिए वाहन भेजा जाता है. साथ ही स्वयं प्रशासन विभिन्न स्थानों पर कचरा एकत्र कर उसे कचरा डेपो में छोड़ा जाता है. डेंगू के प्रादुर्भाव को रोकने के लिए प्रशासन की ओर से जारी प्रयास के साथ-साथ जनसामान्य को भी योग्य सावधानी बरतनी होगी. विशेषकर घरों में कचरा जमा न हो इसका ध्यान रखना होगा. साथ ही जब भी कचरा समेटनेवाला वाहन आता है तो उसमें कचरा अवश्य डाल देना चाहिए. इसके अलावा हफ्ते में एक दिन पूरे घर के बर्तनों को सूखा रखा जाए.इससे डेंगू के मच्छरों का प्रादुर्भाव रोका जा सकेगा. डेंगू के लिए एक मुख्य कारण गाजर घास का फैलाव भी है. शहर में जहां भी जगह दिखाई देती है. गाजर घास अपना कब्जा कर देती है.सर्विस गली हो या खेल का मैदान सभी क्षेत्र में गाजर घास फैलाव हो रहा है. गाजर घास निर्मूलन के लिए प्रशासन को विशेष अभियान छेडऩा चाहिए. इस कार्य में सेवाभावी संस्थाओंं का भी सहयोग लिया जा सकता है. अत: प्रशासन एवं नागरिको के संयुक्त प्रयास से ही गाजर घास का उन्मूलन संभव है.
कुल मिलाकर कोरोना का संकट अभी पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है. क्योंकि कोरोना के संक्रमित अभी भी मिल रहे है. भले ही मरीजों की संख्या अब कम हो गई है. लेकिन पूरी तरह खत्म नहीं हुई है. इसलिए सावधानियां बरतना अति आवश्यक है. खासकर प्रशासन को इस बात का ध्यान रखना होगा कि शहर में गंदगी का आलम न हो. इसलिए सफाई व्यवस्था पर विशेष ध्यान देना आवश्यक हो गया है. इस कार्य में नागरिको का भी योगदान मिलना आवश्यक है. इसलिए जनसामान्य को इस बीमारी से बचाव के प्रयास करने होगे. जिस तरह लोगों ने मास्क पहनकर, सोशल डिस्टेसिंग कायम रख कोरोना से अपना बचाव किया है. उसी तरह परिसर को स्वच्छ रख डेंगू से भी बचाव किया जा सकता है. इसलिए हर किसी को जागरूक रहकर प्रयास करना चाहिए. संक्रामक की बीमारियां हर वर्ष अपना असर दिखाती है. जिसे समझते हुए जिला प्रशाासन को स्थायी तौर पर कोई हल खोजना होगा. बहरहाल नागरिको की सावधानी और प्रशासन के प्रयासों से इस बीमारी पर नियंत्रण पाया जा सकता है. कोरोना के संकट ने इस बात का सभी को एहसास करा दिया है कि स्वास्थ्य ही सब कुछ है. अत: नागरिक स्वयं भी स्वास्थ्य के प्रति सजग रहेगा. जिससे बीमारियों को रोका जा सकता हैे