संपादकीय

धर्मसमर्पिता निकिता

मासूम बेटियों कायराना हमला कर उन्हें मौत के घाट उतारनेवाले तत्वों के बारे में बहुत कहा सुना जाता है. लेकिन जो लोग अपने धर्म के अस्तित्व को आंच नहीं आने देेते है व ऐसे असमाजिक तत्वों की धमकियों को नजरअंदाज कर देते है. उन पर कायराना हमला करनेवालों का जिक्र करने की बजाय धर्म के अस्तित्व की रक्षा के लिए प्राण गंवानेवालों की चर्चा होनी चाहिए. क्योंकि कायराना हमला करना यह बहुत ही आसान काम है. लेकिन ऐसे हमलावरों की धमकियों का विरोध करना अपने आप में बड़ी बात है. यह जानते हुए कि धमकियां देनेवाले तत्व कायराना हमला करनेवाले में से एक है. जिसके बदले में जान भी गंवानी पड़ सकती है. धर्म के अस्तित्व को आंच न आने देने के लिए अपने प्राण गंवानेवाली निकिता नामक छात्रा को भले ही इन कायराना हमलावरों के कारण अपने प्राण गंवाने पड़े. लेकिन इतिहास मेें इस छात्रा का नाम धर्म के लिए जान देनेवालों में दर्ज किया जायेगा. यह घटना हरियाणा के फरीदाबाद में हुई. बल्लभगढ़ निवासी यह छात्रा मंगलवार को बी. ए. की परीक्षा देने के लिए फरीदाबाद आयी थी. वहां पर पहले से घात लगाकर बैठे दो बदमाशों ने पहले तो उसका अपहरण करने की कोशिश की. छात्रा ने जैसे उनका मुकाबला किया एक बदमाश ने पिस्तौल निकालकर उस पर गोली चला दी. जिससे उसकी घटनास्थल पर मृत्यु हो गई. विशेष यह कि सारा घटनाक्रम महाविद्यालय के पास लगे सीसी टीवी कैमरे में कैद है. हर एक्टीविटी उसमें स्पष्ट नजर आ रही है. उसे देखकर हर किसी के मन में क्रोध निर्माण होने लगा है. घटनास्थल पर हजारों लोगों के समूूह ने प्रदर्शन भी किया. जिस पर वहां के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने दोषियों पर कडा दंड देने का आश्वासन दिया. निश्चित रूप से यह घटना हर किसी के मन को खिन्न कर देनेवाली है. इस घटना के मामले में बताया जाता है कि आरोपी विगत दो वर्षो से छात्रा को धर्म परिवर्तन कर शादी करने के लिए धमका रहा था.इस बारे में दो वर्ष पूर्व संबंधित थाने मेें एफआयआर भी दर्ज है. पर पुलिस की ओर से कोई ठोस कार्रवाई न किए जाने के कारण छात्रा की हत्या करने में ये असामाजिक तत्व कामयाब रहे. सबसे बड़ी बात तो यह है यह हमला दिन दहाड़े किया गया. जिस जगह हमला हुआ वहां पर कई लोग आवाजाही कर रहे थे. लेकिन कोई विरोध नहीं कर पाया.
छात्रा को जिस समय धमकिया दी गई थी तभी छात्रा ने इस बात को अवश्य महसूस किया होगा कि ऐसे असमाजिक तत्वों से सावधान रहना चाहिए. उस दृष्टि से उसने योग्य सावधानियां भी बरती है. लेकिन हमलावर इस तरह योजनाबध्द तरीके से उसकी हत्या कर देंगे. यह कल्पना उसने नहीं की थी. यहां एक बात अत्यंत मायने रखती है कि धर्म परिवर्तन की धमकिया मिलने के बाद भी छात्रा ने कोई भय मन में नहीं रखा और स्पष्ट रूप से धर्म परिवर्तन की बात को इनकार कर दिया. बदले में उसे मृत्यु को वरण करना पड़ा. स्पष्ट शब्दों में कहा जाए तो निकिता का यह कार्य धर्म के प्रति समर्पित कार्य है. बेशक लोग युवतियों की हत्या करनेवाले का निषेध करेंगे. लेकिन उससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि तमाम धमकियों के बावजूद धर्म परिवर्तन की मांग करनेवाले बदमाशों के सामने छात्रा जरा भी भयभीत नहीं हुई. बेशक उसके लिए उसे अपने प्राण गंवाने पड़े. अब समाज का दायित्व है कि उसे केवल एक हमले मेंं मृत छात्रा का दर्जा देने के बजाय उसे धर्म रक्षक छात्रा का सम्मान दिया जाए. इससे न केवल कायराना हमला करनेवालो के मनोबल टूटेंगे. बल्कि अन्य छात्राओं के भी हौसले बढ़ेगे. इस मामले की सर्वांगीण जांच की मांग की जा रही है. जांच जरूरी भी है.क्योंकि छात्रा पर हमला पिस्तौल से किया गया. यह पता लगाना भी अति आवश्यक है कि हमलावरों के पास पिस्तौल कहां से आयी. इसके अलावा अभी केवल एक हमलावर गिरफ्तार किया गया है.

दूसरा हमलावर अभी फरार है. इस घटना को लेकर तीव्र प्रतिक्रिया करनेवाले अनेक मिल जायेंगे. प्रतिक्रिया व्यक्त करनेवाले हमलावरों के निषेध में अपनी बात कहेंगे. जबकि इस विषय का भी जिक्र होना चाहिए कि धमकिया मिलने के बावजूद निकिता ने अपना मनोबल बनाए रखा. बेशक हमलावरों ने योजनाबध्द तरीके से उसकी हत्या की. लेकिन निकिता ने भी योग्य विरोध दिखाया व अपने साहस का परिचय दिया. सारी घटना सीसी टीवी कैमरे में कैद है. जाहीर है इस घटना के लिए अतिरिक्त प्रमाण या परिस्थितिजन्य प्रमाण की आवश्यकता नहीं. कैमरे में कैद प्रमाण के आधार पर आरोपियों को सजा दी जा सकती है. इसलिए जरूरी है कि सरकार स्वयं योग्य प्रमाण जुटाकर मामले की जांच करे. अमरावती में भी मुधोलकर पेठ में एक छात्रा की इसी तरह हत्या की गई थी. परिसर के लोगों ने उसे घटनास्थल पर पकड़ा और मारपीट कर उसे पुलिस के हवाले किया. ऐसे असमाजिक तत्वों से निपटने के लिए सरकार को चाहिए कि उन्हें कडे से कडा दंड दिया जाए. इससे पीडि़त परिवार को न्याय भी मिल जायेगा. इसके लिए संबंधित प्रशासन को योग्य कार्रवाई करनी चाहिए. बहरहाल यह घटना अपने आप में चिंतनीय है.ऐसी घटनाओं के खिलाफ लोगों को आगे आना चाहिए तभी असमाजिक तत्वों के हौसले नष्ट होंगे. फरीदाबाद की घटना हर किसी के मन को झकझोर कर देनेवाली है.

इस घटना की व्यापक जांच होनी चाहिए और दोषियों को कडा दंड देना चाहिए.सारे घटनाक्रम में निकिता का हौसला ज्यादा मायने रखता है. क्योंकि उसने प्राण गंवाना योग्य समझा पर धर्म परिवर्तन की धमकियों को कोई तुल नहीं दिया. यदि उसे धर्म समर्पिता का दर्जा दिया जाए तो कोई अनुचित नहीं होगा.

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