संपादकीय

विभाजन वेदना स्मृति दिन

देश को यह आजादी किन कठिनाइयों के बाद मिली है. इसका अहसास हरकिसी को हो. इस द़ृष्टि से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वाधीनता दिवस के अवसर पर अपने संबोधन में 14 अगस्त को विभाजन वेदना स्मृति दिन के रूप में मनाने का निर्णय लिया है. यह सच है कि देश को आजाद करने के लिए अनेक शहीदों ने अपना योगदान दिया. यह निश्चित रूप से आजादी के इतिहास के सुवर्ण अक्षर में लिखे जानेवाले पल है. पर इस आजादी के लिए देश को विभाजन के रूप में भारी पीड़ा भी झेलनी पडी. यह त्रासदी इतिहास की अत्यंत पीड़ादायक त्रासदी है. इसे सहज में भुलाया नहीं जा सकता. इस बात का लोगों को अहसास रहे. इस द़ृष्टि से 14 अगस्त को विभाजन वेदना स्मृति दिन के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है. जो वर्तमान द़ृष्टि से एक महत्वपूर्ण निर्णय है.

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