संपादकीय

दोहरा संघर्ष

देश के समक्ष इन दिनों दोहरे संघर्ष की स्थिति निर्माण हो रही है. एक ओर पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान अपने आतंकवादियों को देश की व्यवस्था नष्ट करने के लिए भेजने की तैयारी कर रहा है. वहीं पर कोरोना का संक्रमण फिर से आरंभ हो गया है. इस हालत में देश को दो ओर के संघर्ष से जुझना पड़ेगा. पहला संकट से निटपने के लिए हमारे सेना के जवान सक्षम है. वे किसी भी स्थिति से निपट सकते है. हाल ही में सेना के जवानों ने पाकिस्तान की सीमा से भारतीय सीमा तक एक टनल का पता किया है. इस टनल के माध्यम से पाकिस्तान घुसपैठियों को भारत में घुसपैठ करने की फिराक में है. जानकारों के अनुसारा पाकिस्तानी सीमा से २०० आतंकवादी देश मेें घुसने की फिराक में है. हालाकि हाल ही में ४ आतंकवादियों को मार गिराया गया था.

इनके पास से भारी पैमाने पर हथियार बरामद किए गये थे. जाहीर है जो चार आतंकवादी मारे गये वे देश में बड़ी सजिश रचने के लिए आए थे. निश्चित रूप से वे कोई लंबी योजना के साथ देश में घुसपैठ कर रहे है. इसे रोकने के लिए हमारी सेना सक्षम है. भारत के सभी जवानों ने पाकिस्तान को इस बहाने मुंह तोड़ जवाब दिया है. हालाकि पाकिस्तान अपनी खुरापात से पीछे नहीं आ रहा है. अनेक रिहायशी इलाको में पाकिस्तान की ओर से सीजफायर का उल्लंघन किया जाता है. निश्चित रूप से पाकिस्तान की यह हरकत हमें चौकन्ना होने के लिए इंगित करती है.

आतंकवादियों से निपटने के लिए भारतीय सेना सक्षम है पर दूसरी लड़ाई है उसके लिए सभी को ध्यान देना जरूरी है. क्योंकि यह लड़ाई स्वयं नागरिको को लडऩी है. कोरोना संक्रमण का आंकड़ा दिनोदिन बढ़ता जा रहा है. ऐसे मेंं नागरिको का दायित्व है कि वे स्वयं जागरूक बन जाए. कोरोना से बचाव के लिए त्रिसूत्री कार्यक्रम पर ध्यान दिया गया. इससे बीमारी रोकी जा सकती है. सरकार की ओर से जो नियम कोरोना के बचाव के लिए जारी किए गये है.उन्हें पूरा किया जाए. जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क तथा अन्य सावधानियां बरतनी होगी. तभी हम समस्या से निजात पा सकेंगे. कोरोना संक्रमण दिनों दिन बढ़ रहा है. ऐसे में लोगों को अब और अधिक सावधानी की आवश्यकता है. यदि योग्य सावधानी बरती जाती है तो बीमारी का संक्रमण रोका जा सकता है. हालांकि सरकार की ओर से शाला महाविद्यालय आरंभ किए जा रहे है. जिसके चलते विद्यार्थियों में भी कोरोना का संक्रमण हो सकता है.

इसलिए सरकार को शालाएं आरंभ करने के मामले में पुनर्विचार करना होगा. क्योंकि शालाएं आरंभ होने के बाद में विद्यार्थियों में कोरोना संक्रमण की संभावना बढ़ सकती है. जब तक कोरोना की दवाई नहीं मिल जाती तब तक कोई भी पालक अपने पाल्य को शाला नहीं भेजेगा.े क्योंकि जब लाकडाऊन की स्थिति निर्माण हो रही है. ऐसे में शालाए आरंभ करने से पूर्व हर पहलू पर चितंन करना चाहिए. शहर में इन दिनों कोरोना का संक्रमण चरम पर है. रोजाना ५० से अधिक संक्रमित पाए जा रहे है निश्चित रूप से इन्हे योग्य उपचार की आवश्यकता है. साथ ही यह बढ़ते संक्रमण को रोकने की जिम्मेदारी भी प्रशासन की है. इसके लिएा जरूरी है कि सभी बस्तियों का निर्जन्तुकरण किया जाना चाहिए. क्योंकि जावणुओं को रोकने के लिए छिड़काव आवश्यक है. पाया जारहा हैकि सरकारी यंत्रणा की ओर से जो छिड़काव किया जानाा चाहिएा वह अभी पर्याप्त प्रमान में नहीं हो रहा ह. इसलिए जरूरी है कि शहर कीसभी बस्तियों में जो भी छिड़काव किए जाए. जिससे जीवणाुओं के फैलने का खतरा न रहे.

कुल मिलाकर देश के सामने जो संकट निर्माण हो रहे है. उसका सब मिलकर मुकाबला कर कर सकते है. इसके लिए प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन किया जा जाना चाहिए. पाकिस्तान द्वारा जो आतंकवादियों की घुसपैठ का प्रयास किया जा रहा है. उसे नष्ट करने के लिए सेना के जवान पूरी तरह सक्रिय है. नागरिको का दायित्व है वे स्वयं योध्दा बनकर कोरोना जैसी महामारी को समाप्त करे. लोगों की जागरूकता ही इस बीमारी को रोक सकती है. मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे का भी कहना है कि करीब १० दिन कोरोना के विषय में अध्ययन किया जायेगा. यदि नागरिको की ओर से योग्य सावधानी नहीं बरती जाती है तो लॉकडाऊन जैसी स्थितियां निर्माण हो सकती है. अत: सभी नागरिको का दायित्व है कि वे सावधानियां बरते ताकि संक्रमण तीव्र न हो. इसके लिए त्रिसुत्री फार्मूला ही मुख्य उपाय है. पाया जा रहा है कि अभी भी अनेक लोग मास्क लगाने से परहेज कर रहे है. लेकिन यह परहेज न केवल उनके लिए बल्कि अनेक लोगों के लिए भी घातक साबित हो सकता है. इसके लिए प्रशासन को भी चाहिए कि वह ऐसे तत्व पर निगरानी रखे. उन पर योग्य कार्रवाई करे. जिससे उनके मन में भय निर्माण हो तथा वे बीमारी से बचाव के प्रशासन द्वारा दिए गये निर्देशों का पालन करें.

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