संपादकीय

संकटकाल के धूमकेतु

अमरावती में जहां कोरोना का संक्रमण तीव्र गति से जारी है. वहीं पर कुछ स्वार्थी तत्व संकटकाल के धूमकेतु बनकर कोरोना के उपचार के लिए आवश्यक एवं लाभकारी माने जाने वाली दवाओं की कालाबाजारी कर रहे है. इस बात को लेकर सर्वसामान्य नाराजी भी महसूस की जा रही है. लोग इस मामले में प्रशासन की लापरवाही को भी जिम्मेदार मान रहे है. कोरोना संक्रमण के आरंभिक दौर में सैनिटाइजर की भी इसी तरह कालाबाजारी हुई थी. उस समय जंतुओं का नाश करने के लिए सैनिटाइजर अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही थी. कोरोना से बचाव के लिए जो सुझाव दिये गये है उसमें साबून से हाथ धोना मुख्य है. लेकिन कई बार पानी उपलब्ध नहीं होने के कारण सैनिटाइजर का उपयोग किया जा सकता है. ऐसे में अनेक लोगों ने सैनिटाइजर का इस्तेमाल बढा दिया था. जिसके चलते सैनिटाइजर की बिक्री में भी अनेक स्थानों पर कालाबाजारी हुई है. अब कोरोना के उपचार के लिए लाभकारी माना जाने वाला रेमडीसिवीर इंजे्नशन की कालाबाजारी होने की जानकारियां सामने आने लगी है. इस बात को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों ने रेमडीसिवीर की कालाबाजारी रोकने के लिए प्रशासन से अनुरोध किया है व ठोस कदम उठाने के लिए कहा है. जिस समय कोरोना संक्रमण आरंभ हुआ था तथा पूरे देश में लॉकडाउन की प्रक्रिया जारी थी. उस समय अनेक सेवाभावी संस्थाओं ने उन लोगों को भोजन मुहैय्या कराया. जिनके रोजगार बंद हो गये थे तथा जिन पर भुखमरी की नौबत आ गई थी. इस समय जो मानवीय संवेदना सेवाभावी संस्थाओं व कार्यकर्ताओं में देखी गई वह अदभुत है. मदद की भावना से यह कार्य किया गया. जिसमें नानक रोटी का उपक्रम नियमित रुप से जारी है. जब सामाजिक स्तर पर अनेक लोग इस संकटकाल में सहायता के लिए आगे आ रहे है, तो इस समय कुछ स्वार्थी तत्व द्बारा कोरोना के उपचार में महत्वपूर्ण रेमडीसिवीर की कालाबाजारी की जा रही है. ऐसे तत्वों के खिलाफ प्रशासन को तत्काल ठोस कदम उठाने चाहिए. क्योकि ऐसी प्रवृत्तियां उन लोगों की मानसिकता को भी प्रभावित करती है, जो अपने सेवाभाव का क्रम जारी रखे हुये है. विशेष बात यह है कि, सेवाभाव का क्रम जारी रखने वाली संस्थाओं ने कभी वाह वाही नहीं चाही. अपना कर्तव्य समझकर उन्होंने जनसामान्य की सेवा की. लेकिन जब कुछ स्वार्थी तत्व कोरोना संक्रमण की तीव्रता के बीच अपने स्वार्थपूर्ति के लिए आवश्यक दवाओं की कालाबाजारी कर रहे है. उनके खिलाफ ठोस कदम उठाना प्रशासन का मुख्य दायित्व हो गया. इस बारे में लोगों को भी आगे आना होगा. जो भी विक्रेता कालाबाजारी करते दिखाई देता है, उसकी तत्काल शिकायत की जानी चाहिए. समाज में सभी किस्म के लोग रहते है, कुछ औरों की पीडा में स्वयंफूर्त होकर सेवा कार्य में जुट जाते है. तो कुछ इस मुसीबत के समय का लाभ उठाने को प्राथमिकता देते है. ऐसे में जरुरी है कि, जनता स्वयं इन लोगों का विरोध करें. हालांकि जिसका परिजन इस वैश्विक महामारी का शिकार हो गया है उसे कुछ नहीं सूझता. वह परिजन की जान बचाने के लिए किसी भी किमत को अदा करने के लिए तैयार रहता है. इसका मतलब यह नहीं कि, स्वार्थी तत्व मनमानी ढंग से दरें वसूल करें. इस हालत में नागरिकों को भी आगे आना जरुरी है. भले ही परिजन के उपचार का संकट सामने हो, लेकिन उपचार के लिए आवश्यक दवाईयों के साथ यदि कालाबाजारी की जाती है तो उसकी तत्काल शिकायत की जानी चाहिए. प्रशासन को भी चाहिए कि, वह इस बारे में योग्य भूमिका निभाये. विगत दिनों कोरोना संक्रमण में रोकथाम की दृष्टि से हेल्पलाईन जैसी संस्था का भी गठन हुआ था. ऐसी सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से भी कालाबाजारी किये जाने वालों पर भी निगाह रखी जा सकती है. जिन लोगों के पास आवश्यक धन है वे भले ही उपचार के संसाधन खोज लेंगे. लेकिन जिनके पास आर्थिक आभाव है वे कैसे इतनी महंगी दवा खरीद पाएंगे. बीमारी का खौफ इतना अधिक है कि कोई किसी की सहायता के लिए आगे आने से पूर्व कई बार सोचता है. इस हालत में एक मात्र प्रशासन से ही उम्मीद रह जाती है. अत: प्रशासन को तत्काल ठोस कदम उठाना जरुरी है. कुलमिलाकर कोरोना का संकट इन दिनों चरम पर है. बीमारी के कारण अनेक लोगों के रोजगार बंद है. कई लोगों के नौकरियां भी खो गई है. दूसरे शब्दों में कहा जाये तो अधिकांश लोग आर्थिक संकट में घिर गये है. ऐसे में वे इतनी महंगी दवा कहां से हासिल करेगे. इस बारे में चिंतन करना जरुरी है. यदि प्रशासन मास्क न लगाने वालों के खिलाफ अभियान छेड सकता है. उन लोगों के खिलाफ भी तीव्र अभियान छेडा जाना चाहिए. जो लोग कालाबाजारी कर जनसामान्य की मजबूरियों का लाभ उठा रहे है. उनके खिलाफ प्रशासनीक कार्रवाई के अलावा जनसामान्य इस बात का भी ऐसे तत्वों को कानून के हवाले किया जाये. इससे स्वार्थी तत्वों पर रोक लगेगी. सामान्य व्यक्ति कालाबाजारी के सामने टिक नहीं सकता. इसलिए कालाबाजारी के इस संकट को दूर करने के लिए प्रशासन को नागरिक संयुक्त रुप से प्रयास करें तथा संकटकाल के धूमकेतुओं को उनके अंजाम तक पहुंचाएंगा.

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