संपादकीय

विफल आतंकी साजिश

गुरूवार को तडके जम्मू कश्मीर के नटवारा क्षेत्र में सुरक्षाबलों ने ४ आतंकवादियों को ऐन काऊंटर में मार गिराया. ट्रक में सवार ४ आतंकवादी न केवल हथियारों से लेस थे बेल्कि देश में हिंसक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए प्रवेश कर रहे थे. जांच में पाया गया है कि जैश के सदस्य है. भारतीय सेना के जवानों की यह बहुत बड़ी कामयाबी है जिसके अंतर्गत उन्होंने आतंकवादियों को मार गिराया. सभी आतंकवादी चावल की बोरियोवाले एक ट्रक में सवार होकर आ रहे थे. सेना को सूचना मिली थी कि आतंकवादी ट्रक में सवार होकर आ रहे है. टोलनाके पर जैसे ही सेना ने पूछताछ की. आतंकवादियों ने गोलिया दागना आरंभ कर दिया. सेना के जवानों ने तत्काल हरकत में आकर आतंकवादियों को नष्ट कर दिया. पाकिस्तान की हालत इन दिनों अत्यंत दयनीय है. अपने इन आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने की आड में वह अपनी विफलता छिपाना चाहता है. वैसे भी पाकिस्तान आरंभ से ही आतंकी गतिविधियों में शामिल है. पाकिस्तान में आर्थिक संकट के कारण वहां पर नागरिको का रोष है. आए दिन धरना प्रदर्शन पाकिस्तान में जारी है. इससे पूर्व भी जैश के आतंकियों ने अनेक हमले किए है.

इस बार भी उनकी योजना किसी खतरनाक साजिश को अंजाम देने की थी. किंतु सेना के जवानों ने उनकी योजनाओं को विफल कर दिया. मारे गये आतंकियों के पास से भारी मात्रा में हथियार बरामद हुए है. वर्तमान में आतंकी गतिविधियों को साथ देने के कारण पाकिस्तान विभिन्न देशों से कटता जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी अपने भाषण में कहा था कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद की समस्या का जिक्र होने पर उन्होंने कहा था कि जो देश आतंकी गतिविधियों में लिप्त है. उन्हें भी अलग थलग कर देना चाहिए. क्योकि विश्व के सामने आतंकवाद एक चुनौती के रूप में उभर रहा है. इस हालत में बहुत जरूरी है कि आतंकवाद के खिलाफ विशेष अभियान चलाया जाए. ताकि उनकी घुसपैठ न हो सके. मिली जानकारी के अनुसार पाकिस्तान में अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर अनेक आतंकवादी भारत में घुसने के प्रयास में है. इस बात को लेकर सेना के जवान चौकन्ने है. यही कारण है कि जो आतंकवादी देश की सीमा में घुस रहे थे उन्हें भारतीय जवानों ने मार गिराया. इससे आतंकवादियों का हौसला प्रभावित हुआ है. इसी तरह सभी नागरिको को भी आतंकवाद के खिलाफ जागरूकता का परिचय देना होगा. यदि उनकी बस्तियों में कोई व्यक्ति संदिग्ध अवस्था में दिखाई देता है तो उसकी पड़ताल की जानी चाहिए.

पाकिस्तान आतंकवाद को आरंभ से ही बढ़ावा देता रहा है. अब वह अनेक आतंकवादियों को प्रशिक्षण देकर उन्हें भारत के खिलाफ उकसा रहा है. जबकि वह स्वयं अनेक संकटों में घिरा हुआ है. आतंकवादी गतिविधियों के माध्यम से वह देश में अराजकता मचानेके मूड में है. लेकिन उसे यह पता नही कि भारत की सेना के जवान ऐसे हर मामले पर निगरानी रखे हुए है.जिससे पाकिस्तान के नापाक मनसूबो को विफल किया जा सकता है. निश्चित रूप से सेना के जवानों द्वारा तडके देश की सीमा में घुसपैठ करनेवाले आतंकवादियों को मार गिराया है वह कार्य सराहनीय है.शीतकाल में जब अनेक पहाड़ी इलाको में आतंकवादी घुसपैठ की फिराक में रहते है. सेना के जवानों ने जो मुंहतोड़ जवाब दिया है वह आतंकवादियों के मन में डर पैदा करनेवाला है. कुल मिलाकर आतंकवाद का खतरा अभी भी कायम है. लेकिन भारतीय सेना के जवानों ने जिस तरह चार आतंकवादियों को मार गिराया है वह एक सराहनीय कार्य है. इससे आतंकवादियों का मनोबल टूटेगा तथा वे घुसपैठ को रोक सकने में सहायक होंगे.

  • सावधानी आवश्यक

वर्तमान में भले ही कोरोना का संकट कमजोर हुआ है. लेकिन यह बीमारी अभी भी कायम है. इस बात को ध्यान रखते हुए हर किसी को यथायोग्य सावधानी बरतना जरूरी है. अनलॉक प्रक्रिया के तहत देशभर मेें सभी प्रतिष्ठान आरंभ हो चुके है. ऐसे में बाजार में गर्दी का होना भी स्वाभाविक है. लेकिन यह गर्दी कब बीमारी का रूप धारण कर ले यह कहा नहीं जा सकता. इसलिए अभी से ही सावधानी बरतना आवश्यक है. प्रशासन ने जो कोरोना से बचाव के मापदंड दिए है. उनका पालन किया जाना चाहिए. क्योंकि जब तक दवाई नहीं ढिलाई नहीं का मंत्र ध्यान रखना आवश्यक है. ऐसे मेंं कोरोना से बचाव के लिए जो निर्धारित मापदंड है उसका पालन किया जाना चाहिए.अभिप्राय यह है कि बीमारी का संक्रमण भले ही कम हुआ है. लेकिन आनेवाले समय में उसके बढऩे की आशंका है. इसलिए हर किसी को सावधानी बरतना जरूरी है.शहर के सभी प्रार्थनास्थल आरंभ हो गये है.वर्तमान में अनेक पर्व आ रहे है. उन पर्वो को मनाना भी जरूरी है.लेकिन सार्वजनिक स्वास्थ्य को देखते हुए उसका स्वरूप सीमित किया जाना चाहिए. यदि उसे सार्वजनिक स्वरूप दिया गया तो बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है. छठ पूजा का पर्व मनाया जा रहा है. इस पर्व में लोगों द्वारा घरों में ही पूजा अर्चना की विधियां पूरी की जा रही है. बेशक आयोजन व्यापक रूप में नहीं हो रहा है लेकिन घरों में होनेवाली पूजा की आस्था सार्वजनिक पूजन से ज्यादा प्रभावी बन रही है. इसलिए जरूरी है कि पर्व के अवसर पर लोग विशेष सावधानी बरते. दो गज दूरी व मास्क जरूरी के सिध्दांत को अपनाए. तभी सभी के लिए स्वास्थ्य की संकल्पना को साकार किया जा सकता है.

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