संपादकीय

हाथरस का यथार्थ सामने आना जरुरी

हाथरस में दुष्कर्म घटना के बाद विभिन्न राजनीतिक दल सडक पर आ गया है. इस घटना की सर्वांगिण जांच की मांग भी की जा रही है. जिस तरह इस घटना का मीडिया में प्रस्तुत किया जा रहा है. उससे यह लगता है कि, पुलिस प्रशासन घटना के आरोपियों को बचाना चाहता है. यहीं वजह है कि, मृतका के घर के पास पुलिस तैनात कर दी गई है. इसके कारण न तो मीडिया वहां जा पा रही है और ना ही प्रशासन की ओर से कोई जानकारी मिल रही है. ऐसे में घटना को लेकर अनेक राजनीतिक दलों की ओर से जबरदस्त आंदोलन जारी कर दिये गये है. निश्चित रुप से हर कोई अत्याचार की शिकार युवती को न्याय मिले. इस मानसिकता से कार्य कर रहा है. यह घटना अपने-आपमें अत्यंत जघन्य है. हालांकि प्रशासन की भूमिका यह है कि, मामले की सर्वांगिण जांच हो. इस बारे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि, महिला का सम्मान न करने वाले व उनके आत्मसम्मान को चोट पहुंचाने वाले अपराधियों को कडे से कडा दंड दिया जाएगा. हाथरस की घटना को वृक्ष भी सक्रिय हो गया है. इस बारे में कांग्र्रेस के नेता राहुल गांधी ने हाथरस जाने के लिए प्रयास भी किया. लेकिन पुलिस प्रशासन द्बारा उन्हें रोक दिया गया. इस बीच घटना के मामले में हाथरस के जिलाधीश तथा पुलिस अधीक्षक को निलंबित कर दिया गया है.

इन अधिकारियों को निलंबित करने की मांग पहले से ही की जा रही थी. मिलंबन की कार्रवाई से कुछ हद तक लोगों को राहत मिली है. लेकिन जब तक इस घटना की पूरी जांच नहीं होती तब तक लोगों में आक्रोश का माहौल रहेंगा. इसके चलते लोगों की चाह है कि, मामले की क्या सच्चाई है, वह सामने लायी जाये. दुष्कर्म की घटनाएं अपने आपमें मन को उदवेलित करने वाली है. ऐसे में यदि प्रशासन की ओर से तत्काल कोई कदम नहीं उठाये जाते, तो ऐसी घटनाओं पर रोक लग सकती है. हालांकि मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा है कि, उत्तर प्रदेश में माता-बहनों के आत्मसम्मान को आहत करेंगा. उनके खिलाफ कडी कार्रवाई होगी. हालांकि इस परिवार के लोगों को न तो बाहरी क्षेत्र जाने का अवसर मिल रहा है और ना ही मीडिया को भीतर आने का अवसर दिया जा रहा है. इससे लोगों में भले ही यह भ्रम उभर रहा हो, लेकिन यह सच है कि, मुख्यमंत्री की ओर से इस घटना के आरोपियों को पूरी तरह नष्ट करने का कार्य उनकी सरकार करेंगी. जिसके चलते विपक्ष जो आंदोलन पर उतारु है. सरकार जांच पश्चात ही कदम उठाएंगी. दुष्कर्म की घटनाओं के बाद आम तौर पर हर कोई यह साबित करना चाहता है कि, अन्य राज्य के तुलना में उनके राज्य में इस तरह की घटनाएं कम है. हाथरस की घटना के बाद सबसे ज्यादा प्राथमिकता दुष्कर्मियों को खोजकर उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए. चूंकि हाथरस की घटना में कथित रुप से मानवीयता के सारी हदों को तोड दिया गया है. न केवल युवती के साथ दुष्कर्म हुआ बल्कि उसे अपनी जान से भी हाथ धोना पडा. इस घटना में सबसे ज्यादा दु:खद पहलु यह है कि, इस घटना में कथित रुप से पीडित परिवार को अपनी व्यथा मीडिया के सामने भी प्रस्तुत करने का भी अवसर नहीं दिया जा रहा है. इस तरह का दवाब तंत्र लोगों में qचता का वातावरण निर्मित कर रहा है. पीडिता के घर के आसपास के सभी मार्ग सील कर दिये गये है. जिससे बाहरी व्यक्ति पीडिता के घर नहीं जा पा रहा है. इस तरह की घटना के मामले में पारदर्शिता आवश्यक है. जांच क्या हो रही है, इस बात का विवरण लोगों को मिलना चाहिए. साथ ही दुष्कर्मियों को कडी से कडी सजा मिले.

उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री द्बारा अपराधिक तत्वों को नष्ट करने का कार्य जारी है. लेकिन इस मामले में जांच में काफी ढिलाई बरती गई है, यह चिंता का विषय है. क्योकि १४ सितंबर को इस युवती के साथ अत्याचार हुआ था. तब से २८ सितंबर तक वह जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष करती रही. इस घटना को लेकर विरोध जताने वाले व पैदल हाथरस जाकर राजनीति करने तत्वों के खिलाफ भी कडे कदम उठाना जरुरी है. जब पीडित युवती करीब १ सप्ताह उपचार के लिए राजधानी दिल्ली में रहने के बाद भी कोई राजनीतिक दल का नेता उसे मिलने नहीं आया. लेकिन उसकी मृत्यु के बाद से अनेक राजनीतिक दल इस घटना को लेकर अपना विरोध जता रहे है. जाहीर है कि, पीडिता के परिवार से इनका कोई लेना देना नहीं है. केवल सांत्वना देने का दिखावा करना है. सचमूच में यदि पीडिता के परिवार के प्रति विपक्ष को सहानुभूति है, तो वह पीडित परिवार को आर्थिक व मानसिक आधार दे. हाथरस की घटना अपने आपमें चिंतनीय है. इस बारे में सर्वांगिण जांच होना अतिआवश्यक है. हालांकि पुलिस द्बारा पीडित के शव का आधी रात को अंतिम संस्कार करना घटना को लेकर संदेह बना रहा है. लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट, विसरा रिपोर्ट आदि की जांच करने के बाद हकीकत सामने आ सकती है. जरुरी है कि, प्रशासन इस मामले में हर स्तर पर जांच करें. मुख्यमंत्री ने जिस तरह घोषणा की है कि, नारी सम्मान को आहत करने वाले तत्वों के खिलाफ कडी कार्रवाई की जाएगी. लेकिन केवल यह घोषणा शब्दों तक सीमित न रहे.

मुख्यमंत्री के स्वयं पहल करते हुए पूरे मामले की जांच कर उसके यथार्थ को सामने लाना होगा व तत्काल कार्रवाई कर लोगों के मन में इस घटना को दबाए जाने का जो वहम उत्पन्न हो रहा है उसे दूर करना होगा. कुलमिलाकर हाथरस की घटना को लेकर जो विरोध हो रहा है, वह स्वाभाविक है. इस तरह की घटनाएं नहीं होनी चाहिए. इसलिए दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए. हाथरस की घटना के मामले में जिस तरह मीडिया व अन्य लोगों को पीडिता के परिवार से मिलने के लिए रोका जा रहा है वह उचित नहीं. ्नयोंकि घटना की सही पीडा वहीं परिवार महसूस कर रहा है. अभिप्राय यह कि हाथरस की घटना यह अपने आपमें qनदनीय है. इसके दोषियों को बिलकुल भी बख्शा नहीं जाना चाहिए.

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