संपादकीय

स्वास्थ्य के प्रति सजगकता जरूरी

बीते वर्ष में कोरोना संक्रमण के कारण जहां जनजीवन अस्तव्यस्त हुआ वहीं कई लोगों को अपनी जान गंवानी पडी. अनेक लोगों के रोजगार छिन गये. लेकिन इस बीमारी ने देश को आत्मनिर्भरता का मंत्र दिया. जिसके चलते कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन की निर्मिति करने में देश सफल रहा.विशेष यह भारत आत्मनिर्भरता के सिध्दांत में इतना सफल रहा कि आज वह अन्य पडोसी देशों को भी कोरोना की वैक्सीन भेज रहा है. निश्चित रूप से कोरोना संक्रमण में जहां बीमारी का एक डर लोगों के मन में कायम किया. वहीं पर लोगों को इस बात का भी एहसास कर दिया कि आत्मनिर्भरता ही स्वयं के एवं देश के विकास का महत्वपूर्ण सिध्दांत है. हालाकि अभी कोरोना संक्रमण से पूरी तरह मुक्ति नहीं मिली है. कोरोना के मरीज अभी भी पाए जा रहे है. लेकिन जिस तरह महामारी के रूप में कोरोना का संक्रमण जारी है वह अब कमजोर होने लगा है. वैक्सीन से इसमें और भी प्रभाव पडा है. संभव है कि आनेवाले दिनों में इस बीमारी से देशवासी राहत महसूस कर सके. इस दिशा में सरकार के प्रयास जारी है.
हाल ही में बिलगेट्स ने संभावना व्यक्त की है कि भविष्य में आनेवाली महामारी यह कोरोना से तीव्र हो सकती है. भले ही उन्होंने संभावना व्यक्त की है. लेकिन जमीनीस्तर पर इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता आनेवाला समय किसी भी बीमारी और महामारी से प्रभावित हो सकता है. कोरोना महामारी में एक बात प्रखरता से सामने आयी है कि बीमारी का उन पर असर नहीं हुआ जिनकी आतंरिक शक्ति ( इम्युनिटी) मजबूत रही. इसलिए यह जरूरी है कि आंतरिक शक्ति को दृढ बनाने की द़ृष्टि से हर किसी को प्रयास करना आवश्यक है. कोरोना संक्रमण से पूर्व लोगों ने जिस तरह जीवन शैली बदल दी थी. उसके चलते उनकी आंतरिक शक्ति कमजोर हो गई थी. यही कारण है कि कोरोना ने अपना प्रभाव कायम रखा. अनेक लोगों को अपनी चपेट में ले लिया. आनेवाले समय में इस बात पर ध्यान देना जरूरी है कि हर परिवार स्वयं की एवं स्वयं के परिवार के सदस्य की आतंरिक शक्ति को मजबूत करने की दिशा में सावधानी बरते. जीवन शैली को इस तरह का रूप दिया जाए जिससे बीमारियों से स्वयं को बचाया जा सके. इसके लिए जरूरी है कि खान पान , रहन सहन में आवश्यक संयम का पालन करे. कुछ वर्षो पूर्व स्वास्थ्य ही धन है. इस सिध्दांत का पालन किया जाता था. लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग थे. लेकिन बीते कुछ वर्षो में इस स्थिति में काफी बदलाव आया है. जिसमें लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति उदासीन नजर आने लगे थे. यही कारण है कि बीमारी अनेक लोगों का संक्रमण किया. यदि लोग आरंभ से ही अपनी शारीरिक उर्जा को संचित रखते है तो उन्हें भविष्य की चुनौतिया से सामना करने में सक्षमता मिलेगी. इसलिए जनसामान्य को चाहिए कि वह वैक्सीन लेकर कोरोना पर स्वयं की उर्जा बनाए रखे. वैक्सीन से इस बीमारी को बाहर किया जा सकता है. लेकिन भविष्य में कोई बीमारी न हो इस बात का भी ध्यान जरूरी है.
कुल मिलाकर कोरोना संक्रमण के दौरान देश के नागरिकों में भय निर्माण हुआ है. जिसके कारण अब लगभग सभी बस्तियों में लोग अब स्वयं के स्वास्थ्य को लेकर सजग हो गये है. अधिकांश नागरिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता दिखाने लगे है. योग प्राणायम, आसन सहित अनेक प्रकार के व्यायाम से अब वे जुड गये है. निश्चित रूप से इसका लाभ आनेवाले समय में मिलेगा. लेकिन यह सावधानी बरतना अब नियमित दिनचर्या में शामिल करना आवश्यक हो गया है तभी वे आनेवाले समय में बीमारियों की चुनौतियों से निपट सकते है. बहरहाल कोरोना का संक्रमण देशवासियों को अनेक सत्य से अवगत करा चुका है. बीते कुछ माह से लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर सजग होने लगे है. लेकिन जैसे-जैसे कोरोना का संक्रमण कमजोर हो रहा है. कुछ लोगों का ध्यान स्वास्थ्य पर से हट रहा है. अनेक लोग आज भी बिना मास्क के घूमते नजर आते है. सोशल डिस्टेसिंग का पालन तो दूर की बात है. इसलिए लोगों को आनेवाले समय की चुनौतियों को समझते हुए बीमारी व महामारी से बचाव के लिए सार्थक प्रयत्न करना चाहिए. खुद का स्वास्थ्य सही रहे इस ओर ध्यान देना जरूरी है. यदि इसमेंं लापरवाही बरती जाती है तो भविष्य में स्थिति जटिल हो सकती है. अत: हर कोई अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दे. उनका स्वास्थ्य न केवल उनके लिए उपयोगी रहेगा बल्कि अन्य लोगों को भी संक्रमण से बचायेगा.

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