संपादकीय

अपराधों में बढोत्तरी

लॉकडाउन के बाद अब अनलॉक की प्रक्रिया आरंभ हो गई है. जिसके तहत दूकानों व प्रतिष्ठानों को रात ९ बजे तक खुले रहने की अनुमति दी गई है. वहीं पर कुछ होटल, रेस्टॉरेंट को १० बते तक भी खुला रहने दिया जा रहा है. लेकिन सभी क्षेत्र में रोजगार अभी सही स्वरुप प्राप्त नहीं कर पा रहा है. लॉकडाउन के कारण अनेक लोगों को बेरोजगारी का सामना करना पडा है. भविष्य में उन्हें रोजगार मिलेगा या नहीं, यह भी स्पष्ट नहीं है. ऐसी हालत में अनेक किसानों पर चोरियां, सायबर क्राइम जैसी घटनाएं बढ गयी है. केवल शहरी क्षेत्र ही नहीं ग्रामीण क्षेत्र में भी अपराधों में बढोत्तरी हो गई है. हालांकि पुलिस प्रशासन इस बात को लेकर सक्रिय कि अपराध न बढे, लेकिन पाया जा रहा है कि, अपराधों की संख्या में दिनों-दिन बढोत्तरी हो रही है. रविवार को अमरावती शहर में तीन स्थानों पर चोरी की घटनाएं हुई. इसी दिन जिले के मोर्शी व परतवाडा में चोरों ने करीब १ लाख १६ हजार रुपए की वस्तुएं चुरा ली.

इन बढती चोरी की वारदातों के लिए पेशेवर अपराधी जिम्मेदार है ही लेकिन बढती बेरोजगारी के कारण अनेक युवक भी चोरी के ओर प्रवृत्त हो रहे है. इस मामले में पुलिस प्रशासन की भूमिका भी मायने रखती है. प्रतिष्ठानों को समय पर अपने प्रतिष्ठान बंद कराने के निर्देश देने के बाद पुलिस प्रशासन अपने कार्य की इतिश्री मान लेता है. जबकि पुलिस प्रशासन की सही ड्यूटी यहीं से आरंभ होती है. क्योंकि सारे प्रतिष्ठान बंद रहने के बाद यदि कुछ लोग शहर में घूम रहे है तो पुलिस को चाहिए कि उनसे व्यापक पूछताछ करें. यदि पूछताछ में योग्य कारण मिल जाता है तो संबंधित व्यक्ति को मुक्त किया जा सकता है. अन्यथा उसके उपर योग्य कार्रवाई भी की जा सकती है. बीच में जब लॉकडाउन था तथा लोग घरों से बाहर नहीं निकलते थे. लेकिन अब बडी संख्या में लोग प्रतिष्ठानों के बंद होने के समय के बाद भी घूमते हुए नजर आते है. निश्चित रुप से इसमें कुछ असामाजिक तत्व भी हो सकते है. जिनके कारण इस तरह की घटनाओं में बढोत्तरी हो रही है. पुलिस प्रशासन यदि इस बात का ध्यान रखे कि, प्रतिष्ठानों के बंद होने के बाद लोगों को अनावश्यक रुप से घूमने पर पांबद किया जाये, तो अपराध की वारदातों में कमी आ सकती है. चूंकि व्यवसायी प्रतिष्ठान रात ९ बजे बंद हो जाते है. जिसके कारण व्यापारी एक घंटे के भीतर अपने घर पहुंच जाते है. परिणाम स्वरुप राहजनी की वारदातों में कमी आयी है. लेकिन चोरियों की घटनाएं बढ रही है. इसलिए जरुरी है कि, पुलिस रात में भी अपनी गश्त तेज करें. अनावश्यक रुप से घूमने वालों के खिलाफ कार्रवाई करें. यदि ऐसा किया जाता है तो निश्चित रुप से अपराध के मामलों में कमी अएंगी. जरुरी है कि, अनावश्यक रुप से नाइट-लाइफ परप्रतिबंध लगाया जाना चाहिए. देर रात यदि कोई घूमता है, उससे पूछताछ होनी चाहिए.

अपराधिक घटनाओं में रोक लगाने के लिए पुलिस प्रशासन इस मामले में गंभीरतापूर्वक लेना चाहिए. ताकि आने वाले दिनों में इस तरह की घटनाओं पर रोक लगे. कुलमिलाकर अमरावती में अपराध पहले भी होते रहे है. लेकिन इन दिनों अपराधों की संख्या में इजाफा होने लगा है. जिससे qचता बढना स्वभाविक है. प्रशासन का चाहिए कि वह स्थितियों पर निगरानी रखते हुए अपराधों पर नियंत्रण का प्रयास करें. अपराध पर नियंत्रण के लिए प्रशासन को मुस्तैद होना जरुरी है. हालांकि नवनियुक्त पुलिस आयुक्त आरती सिंह ने अमरावती को अपराध मुक्त बनाने का संकल्प लिया है. हालांकि उन्हें पदभार संभाले कुछ ही दिन हुए है. फिर भी उन्होंने अपराध पर नियंत्रण रखते हुए अनेक कदम जनहित में उठाये है. लेकिन प्रयत्नों को तभी सार्थकता मिलेगी. जब मातहत कर्मचारी भी उन्हें पुरासहयोग दे. अभिप्राय यह अमरावती में अपराधों को हो रही शुरुआत रोकने के लिए यदि अभी से कडे कदम उठाये गये तो भविष्य में अपराधों की संख्या वहीं रुक जाये.

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