संपादकीय

बढती संक्रामक बीमारियां

जिले में इन दिनों कोविड-१९ का प्रकोप तीव्रता से जारी है. इसी के साथ ही अनेक स्थानों पर संक्रामक बीमारियां भी अपना असर दिखा रही है. जिसके चलते हर परिवार किसी ना किसी बीमारी से परेशान है. निजी व सरकारी अस्पतालों में मरीजों की भीड देखी जा रही है. कोरोना का संकट रहने के चलते समूची यंत्रणा कोरोना के संकट को दूर करने के लिए प्रयासरत है. जिले में जहां कोरोना के मरीज बढ रहे है, वहीं पर बीमारी के कारण मरने वालों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है. गुरुवार को बीमारी के कारण १२ लोगों की मृत्यु हुई. यह जिले के लिए बडा आंकडा है. इससे यह भी स्पष्ट है कि, कोरोना ने अपना तीव्र रुप दिखाना आरंभ कर दिया है. हालांकि जिस रफ्तार में मरीजों की संख्या बढ रही है, उस रफ्तार में अस्पतालों की व्यवस्था दुरुस्त नहीं हो पायी है. इसके चलते कई बार मरीजों को परेशानी उठानी पड रही है. बढती मरीजों की संख्या को देखते हुए प्रशासन की ओर से तैयारियां भी आरंभ कर दी गई है. किंतु कुछ तकनिकी कारण अभी भी कायम है. जिसमें मुख्य रुप से ऑ्नसीजन की कमी सामने आयी है. स्वयं प्रशासन ने स्वीकार किया है कि, जिले में ऑ्नसीजन की किल्लत है. अभिप्राय यह कि, कोरोना का संकट तीव्र से तीव्रतम स्तर तक जा पहुंचा है. इस हालत में मरीजों को संभालना व उनके स्वास्थ्य की दृष्टि से प्रयत्न करना व मरीजों को यथाशीघ्र लाभ कैसे हो, इस बारे में प्रयास करना प्रशासन ने आरंभ कर दिया है. लेकिन बीमारी का संक्रमण इतना तीव्र है कि, वह संभलने नहीं दे रहा. प्रशासन की ओर से निजी अस्पतालों में भी कोरोना के इलाज के मंजूरी दी है. अनेक अस्पतालों को कोविड-१९ अस्पताल के रुप में मान्यता दी गई है. यहां भी अनेक लोग अपना उपचार करा रहे है. जाहीर है बढती बीमारियां को देखते हुए प्रशासन ने कदम उठाए है. किंतु कुछ बुनियादी सुविधाओं की ओर प्रशासन का ध्यान न रहने के कारण लोगों को परेशानियां हो रही है. कुछ हद तक यह अव्यवस्था बीमारी के लिए भी पोषक साबित हो रही है. बीमारियों का संक्रमण रोकने के लिए सबसे ज्यादा जरुरी है कि, परिसर स्वच्छ रहे, लेकिन पाया जा रहा है कि, शहर के अनेक स्थानों पर गाजरघास फैली हुई है. गाजरघास के अलावा अनावश्यक वनस्पतियां भी खूले मैदान में उगने लगी है. सबसे पहले इन वनस्पतियों को कांटना जरुरी है. अन्यथा गाजरघास व अनावश्यक वनस्पतियों में जीवाणू की संख्या अधिक रहती है. इससे बीमारियों को फैलने का रास्ता आसान रहता है. हालांकि जिले में अनेक समस्याएं है लेकिन बुनियादी समस्याओं में नागरिक परेशान है. इस वर्ष बरसात अधिक प्रमाण में होने से शहर की अधिकांश सडके लगभग दुर्दशाग्रस्त हो गई है. जिसके कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड रहा है. साथ ही दुर्घटना जैसी स्थितियों का भी सामना करना पड रहा है. हालांकि हर वर्ष शहर में सडकों की दुरुस्ती का कार्य किया जाता है. कार्य करते समय इस बात का ध्यान नहीं रहता है कि, कार्य मजबूत किया जाए, ताकि बार-बार समस्या निर्माण ना हो, शहरवासियों के मनोरंजन व पिकनीक की दृष्टि से बांबु गार्डन बनाया गया है लेकिन वह पहुंचने का जो मार्ग है वह लगभग पूरी तरह उखड गया है. ऐसे में लोगों को आने-जाने में परेशानी होती है. शहर की अनेक बस्तियों में भी सडके उखड गई है. इन उखडी सडकों में पानी जमा रहने से कई बार बीमारी का संक्रमण बढाने वाले किटाणु फैलने से लोगों का स्वास्थ्य खतरे में आ जाता है. यहीं हालत लगभग सफाई व्यवस्था का भी है. अनेक स्थानों पर गंदगी का साम्राज्य है. जिसके कारण लोगों की बीमार होने की संख्या बढने लगी है. बढती संक्रामक बीमारियां रोकने के लिए प्रशासन को अतिरिक्त प्रयास करना चाहिए. क्योंकि बीमारी का सिलसिला तेजी पर है. इस हालत में सफाई व्यवस्था, निरंतर छिडकाव, परिसर को सैनिटाइज करना भी अतिआवश्यक है. कुलमिलाकर बीमारियों का संक्रमण बढना लोगों के लिए घातक है. इसके लिए प्रशासन को भी परेशानियों का सामना करना पड सकता है. इसलिए बीमारियां बढाने वाले घटक का प्रबंधन अतिआवश्यक है. खासकर अनावश्यक रुप से उभर रही वनस्पतियां हटाई जानी चाहिए व नियमित रुप से सफाई व्यवस्था का ध्यान रखा जाना चाहिए. यदि ऐसा किया जाता है, तो काफी हद तक बीमारियों को बढने से रोका जा सकता है.

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