संपादकीय

ग्रामीण पुलिस की सार्थक पहल

जिला पुलिस अधीक्षक हरी बालाजी की ओर से ग्रामीण क्षेत्र में अपराध के शिकार होनेवालों को न्याय दिलाने के लिए एक विशेष पहल की. इसके अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों तथा पुलिस थानों में वर्ष २०-१९ में शिकायत पेटियां लगाई थी. इन शिकायत पेटियों के माध्यम से मिली शिकायतों में अब तक कई अपराधी प्रवृत्ति के लोग का समुपदेशन किया गया. इसी तरह ४८ आरोपियों पर अलग-अलग मामले में कार्रवाई की गई. इस वर्ष लॉकडाऊन के कारण शाला महाविद्यालय बंद रहे साथ ही नागरिक घरो में ही रूके हुए थे. ऐसे में शिकायते आने का सिलसिला सीमित रहा.लेकिन शिकायते जो प्राप्त हुई उससे कई घटनाए भी उजागर हुई है. ग्रामीण क्षेत्र में आमतौर पर अपराध होने पर वहां की महिलाएं शिकायत नहीं कर पाती. ऐसी हालत में पुलिस प्रशासन द्वारा शिकायत के लिए रखी गई पेटियां के माध्यम से कई छात्राओं ने अपने पर हुए अन्याय की शिकायत एक कागज में लिखकर उसे पत्र पेटी में डाल दिया. जिसका अध्ययन करने के बाद पुलिस ने अपनी कार्रवाई आरंभ की है. निश्चित रूप से पुलिस प्रशासन की ओर से यह जो कदम उठाया गया है. इसका अब अनेक लोगों को लाभ मिल रहा है. इसका दृष्टिकोण भी यही था कि न्याय पाने के लिए जो लोग अपने ऊपर भी अत्याचार की शिकायत करने के लिए पुलिस थाने में नहीं आना चाहते. उनकी इस शिकायत को पत्र पेटी के माध्यम से स्वीकार किया जाता है तथा जांच के पश्चात कार्रवाई की जाती है. ग्रामीण क्षेत्रों में यह एक विशेष बात है कि ग्रामवासियों के दवाब में कई बार पीडित शिकायत करने से वंचित रहती है. खासकर ग्रामीण क्षेत्र में करीब १०-२० ग्राम गांव को मिलाकर एक पुलिस थाना रहता है. ऐसे में शिकायत करने के लिए पीडितो को विशेषकर महिलाओं को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है. गांव से पुलिस थाना लंबी दूरी पर रहने के कारण वहां तक नहीं पहुंच पाती है. ग्रामीण क्षेत्रों की राजनीति में इस तरह की सुविधाओ को जोर देना पड रहा है. क्योंकि पाया गया है कि यदि शिकायत के लिए कोई पीडित जाता है तो मार्ग में उसके लिए भी अनेक रूकावटे पैदा की जाती है. ऐेसें में यदि शिकायत नहीं हो पायी तो असमाजिक तत्वों का मनोबल बढ सकता है. इससे पूर्व पुलिस आयुक्तालय के निर्देश पर शहर में भी अनेक स्थानों पर इस तरह की पेटिया लगाई गई थी. लेकिन उस समय इसे योग्य प्रतिसाद नहीं मिल पाया था. अब फिर पुलिस अधीक्षक की पहल पर यह कार्य आरंभ हुआ है. भविष्य में इसके और भी अच्छे परिणाम आयेेगे. विशेष बात यह है कि आनेवाले दिनों में लोग शिकायत का यह महत्वपूर्ण मार्ग समझकर शामिल होंगे. यह जरूरी है कि यह क्रम जारी रहना चाहिए. अपने साथ हुए अपराध की शिकायत करने के लिए पुलिस थाना पहुंचना हर किसी के लिए संभव नहीं है. लेकिन पत्र पेटी में डाली गई शिकायत पर योग्य सुनवाई हो रही है.
लोगों में बीते कुछ वर्षो में अपने अन्याय के खिलाफ शिकायत करने का कार्य किया जा रहा है. इस बारे में जागरूकता आयी है. आमतौर पर शिकायत पुस्तिका में जब शिकायते बढने लगती है तो यह धारणा रहती है कि अपराध बढ गये है. लेकिन यह चिंतन गलत है पहले शिकायत के लिए इतने साधन नहीं थे व ग्रामीण राजनीतिक दवाब भी रहता था. जिससे शिकायते सीमित रहती थी. लेकिन अब यह काम आसान हो गया है. वर्तमान पुलिस अधीक्षक ने इसे और भी आसान बना दिया है. अब पत्रपेटी में यदि शिकायत की जाती है तो उस पर कार्रवाई का प्रयास भी प्रशासन की ओर से किया जाता है. इस बार पत्रपेटी के माध्यम से प्राप्त शिकायतों पर कार्रवाई होने से सामान्य नागरिको का मनोबल बढ़ा है. अमरावती में पुलिस अधीक्षक द्वारा जो कदम उठाया गया है वह सराहनीय है. हर जिले में इस तरह की व्यवस्था की जानी चाहिए ताकि पीडित अपने अन्यायों के खिलाफ शिकायत कर सके. कुल मिलाकर पलिस अधीक्षक का यह सराहनीय कदम है. यह सिलसिला जारी रहना चाहिए बल्कि इसका क्षेत्र और भी व्यापक किया जाना चाहिए.
अपराध की घटनाएं होना स्वाभाविक है. इस पर नियंत्रण तभी हो सकता है जब अपराध के खिलाफ शिकायत हो तथा अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. बीते कुछ वर्षो में शिकायते होने के मामले अनेक सामने आए है पर उस पर कार्रवाई सीमित रही है. प्रशासन को चाहिए कि वह इस बारे में योग्य कदम उठाए तथा हर शिकायत को गंभीरता से ले. योग्य जांच होने पर कार्रवाई भी करे. यदि ऐसा किया जाता है तो निश्चित रूप से अपराध के खिलाफ लोगों में सजगता आयेगी व अपराधियों को उनके अंजाम तक पहुंचाया जा सकेगा.

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