लापरवाहों को सबक जरूरी
अमरावती में कोरोना संक्रमित की संख्या १०हजार से अधिक हो चुकी है. रोजाना २५० से ३००नागरिक संक्रमित हो रहे है. इसके लिए सरकारी तंत्र अपने स्तर पर प्रयत्नशील है. बावेजूद इसके बीमारों का आंकड़ा दिनोंदिन बढ़ रहा है. जिसके लिए काफी हद तक नागरिको की लापरवाही जिम्मेदार है. कोरोना काल में बीमारी से बचाव के लिए मास्क का उपयोग अति आवश्यक किया गया है. लेकिन शहर में मॉस्क लगाकर घूमनेवाले सीमित है.जबकि मनमाने ढंग से घूमनेवालों की संख्या अधिक है. बीमारी में बचाव के लिए सबसे पहला व महत्वपूर्ण साधन मॉस्क है. इससे कीटाणुओं का सीधा संक्रमण नहीं होता. प्रशासन की ओर से बिना मॉस्क लगाए घूमनेवालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. लेकिन अभी भी अनेक लोग बिना मॉस्क के घूमते नजर आ रहे है. ऐसे तत्वों के खिलाफ कारवाई होना अति आवश्यक है. अमरावती में बढ़ते कोरोना संकट को देखते हुए अब केवल प्रशासन ही इस बीमारी से नहीं जूझ सकता. स्वयं को भी सावधानी बरतना अति आवश्यक है. कोरोना जिस समय आरंभ हुआ था. उस समय संक्रमण सीमित था. लेकिन अब यह संक्रमण तीव्र हो गया है. इसके चलते सभी आवश्यक सावधानियां बरती जानी चाहिए. विशेषकर मॉस्क का उपयोग होना अति आवश्यक है. यह सब तभी संभव है जब प्रशासन इसके खिलाफ कडी कार्रवाई करे एवं नागरिक भी अपने दायित्व का पालन करते हुए कोरोना में हो रही बढोतरी पर रोक लगाने की दिशा में कदम उठाए. कोविड-१९ यह एक ऐसी संसर्गजन्य बीमारी है जो एक दूसरे के संपर्क में आने के बाद बढ़ जाती है. इसलिए इस बीमारी पर नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठा जाए. हालांकि नवनियुक्त पुलिस आयुक्त आरती सिंह ने स्पष्ट कर दिया है कि जो लोग कोरोना जैसे संक्रमण को रोकने के लिए जारी निर्देशों का पालन नहीं करेंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. इस बारे में अमरावती मेें हेल्प लाईन के पदाधिकरियों ने जिलाधीश को निवेदन सौंपकर लंबे लॉकडाऊन की मांग की है. हालांकि कोरोना के आरंभिक दौर में लगातार लॉकडाऊन का दंश झेलनेवाले नागरिको के लिए यह लॉकडाऊन आरंभ होता है तो निश्चित रूप से इसका असर सामान्य जनता पर होगा. क्योंकि आजीविका के साधन लगभग नष्ट हुए है. इस हालत में उन्हें योग्य समय व्यापार के लिए मिलना चाहिए.लेकिन यह भी सच है कि यदि समय रहते इस बीमारी पर नियंत्रण के लिए कदम नहीं उठाए गये तो उसका विपरित परिणाम भी सामने आ सकता है.
प्रशाासन की ओर से बीमारी को नियंत्रित करने के लिए प्रयास जारी है. लेकिन अनेक खामिया इन प्रयासों में भी दिखाई देती है. जैसे आज अनेक घुमंतू परिवार शहर में बिना मॉस्क के भींख मांगते दिखाई देते है. कई स्थानों पर तो नौनिहालों को भी भींख मांगते हुए पाया जा सकता है. विशेष यह कि जिस सोशल डिस्टेसिंग की बात की जा रही है, घुमंतू परिवार बिना किसी डिस्टेसिंग के लोगों से भींख मांगते है. कई बार तो नौनिहालों को जबर्दस्ती लोगों को छूते हुए देखा जा सकता है. अनेक हाथ ठेले वाले अभी भी बिना मॉस्क के घूम रहे है. इनसे भी कोरोना के संक्रमण का खतरा है. अत: मास्क के मामले में जरा भी लापरवाही नहीं बर्दाश्त की जानी चाहिए. जो लोग घरों से निकल रहे है उन्हें स्वयं स्फूर्त होकर मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए.
मॉस्क लगानेवालों के खिलाफ प्रशासन की ओर से कडी यंत्रणा आरंभ की जा रही है, ऐसे में जो लोग मॉस्क लगाकर नहीं निकलेंगे उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए. इसी तरह हर किसी को सोशल डिस्टेसिंग का पालन करना जरूरी है. बहरहाल प्रशासन अपने स्तर पर प्रयास कर रहा है तथा लोगों को जागृत करने की दृष्टि से भी प्रयास किए जा रहे है. इन सबके पीछे एकमात्र उद्देश्य यह है कि अमरावती से कोरोना का संकट दूर किया जा सके. इसके लिए यदि कडी कार्रवाई भी करनी पड़ती है तो वह की जानी चाहिए. लॉकडाऊन की नौबत न आए इसलिए नागरिको को भी अब सजग हो जाना जरूरी है. क्योंकि बढ़ता संक्रमण अब समूह संक्रमण के रूप में सामने आ रहा है. जैसे-जैसे मरीजों की संख्या बढ़ रही है उस प्रमाण में अस्पतालों में जगह शेष नहीं बच रही है. अत: बीमारी होने पर संबंधित रूग्ण को समस्या का भी सामना करना पड़ सकता है. इसलिए जरूरी है कि कोरोना से बचाव के लिए हर कोई सार्थक पहल करे. कुल मिलाकर कोरोना का संकट दिनों दिन तीव्र हो रहा है. इस बात को लेकर सभी को चिंतित होना जरूरी है. लेकिन पाया जा रहा है कि कुछ लापरवाह लोगों के कारण यह बीमारी तीव्र रूप में फैल रही है. इसलिए ऐसे तत्वों को रोकने के लिए तत्काल कडे कदम उठाकर जो लोग नियमों का पालन नहीं करते उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.
सामाजिक संस्थाओं को भी इस कार्यो में पहल करते हुए लोगों को जागृत करने की दिशा में कदम उठाना आवश्यक है. कोरोना के कारण अमरावती का व्यवसाय पूरी तरह प्रभावित हुआ है. भले ही अनलॉक प्रक्रिया के तहत कुछ कारोबार आरंभ हो गये है. लेकिन लोगों में अभी भी बीमारी को लेकर भय है. जिसके कारण व्यापार को गति नहीं मिल पा रही है. इस संबंध में हर किसी को चिंतन करना चाहिए वह योग्य सावधानी बरतकर इस बीमारी को नियंत्रित करने का प्रयास करना चाहिए.