संपादकीय

विपदाग्रस्तों की नई विपदा

कोरोना संक्रमण के कारण अमरावती का जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है. अमरावती में कोरोना ने विकराल रूप धारण कर लिया है. हर घरों में कोरोना मरीज मिल रहे है. कहीं-कहीं तो पूरा परिवार कोविड-19 का संक्रमित है, ऐसे में महावितरण द्बारा देयक अदा न करनेवालों की घर की बिजली आपूर्ति खंडित की जा रही है. प्रशासन की ओर से बार-बार आवाहन किया जा रहा है कि बढते संक्रमण को रोकने के लिए व संक्रमण की चेन तोडने के लिए घर पर ही हर कोई रूके. लेकिन बढते तापमान में बिजली आपूर्ति खंडित रहने पर सामान्य व्यक्ति घर पर रूके भी तो कैसे? मंगलवार को महावितरण कंपनी ने कोरोना काल में बिजली बिल की राशि बकाया रहने पर करीब 200 लोगों के विद्युत कनेक्शन खंडित कर दिए है. इस बात का निषेध करते हुए महानगरपालिका में सदन नेता तुषार भारतीय ने महावितरण के अधिकारियों से संपर्क किया. इस पर अधिकारियों का कहना है कि उन्हें उपर से आदेश मिले है. रोजाना मिलनेवाली लिस्ट के अनुरूप बिजली काटनी है.. भारतीय ने जिलाधीश शैलेश नवाल से भी चर्चा की. जिस पर जिलाधीश ने उन्हें आश्वस्त किया कि लॉकडाउन के दौरान किसी की बिजली नहीं काटने के निर्देश दिए गये है. विद्युत विभाग द्बारा जो ज्यादती की जा रही है वह निदंनीय है. देश में जब भी कोई संकट आता है तो सामान्य नागरिक तनमनधन से सहयोग कर पीडितों को योग्य सहायता पहुंचाने का काम करता है. इस काल में प्रशासन की ओर से भी लोगों को अनेक रियायते दी जाती है. लेकिन यहां महावितरण की ओर से कडे कदम उठाने का सिलसिला जारी है. निश्चित रूप से यह कार्य गलत है. इस बात को लेकर नागरिको में रोष भी है.
कोरोना संक्रमण यह एक विपदा के रूप में लोगों पर मंडराया है. बीते लॉकडाउन के बाद बाजार, व्यापार व जनजीवन में सभी कुछ सामान्य होने लगा था. लेकिन फिर से तेजी से संक्रमण बढने के कारण लॉकडाउन की नौबत आ गई है तथा इस लॉकडाउन में उन लोगों को भारी क्षति का सामना करना पड रहा है. जिनका जीवन रोज कमाने व रोज खाने का है. अतिरिक्त धन का प्रबंध इस वर्ग के पास में कभी नहीं रहता. ऐसी हालत में कोरोना संक्रमण के कारण उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड रहा है . यहां तक की अनेक लोगों के रोजगार नष्ट हो रहे है. उनके लिए यह लॉकडाउन एक विपदा की घडी के रूप में उभर रहा है. ऐसे में सरकार की ओर से लॉकडाउन विपदाग्रस्त को सहायता दी जानी चाहिए ताकि उनका मनोबल बना रहे. लेकिन यहां उल्टा हो रहा है. प्रशासन की ओर से विपदाग्रस्त को कोई सहायता नहीं दी जा रही है. इससे उनका जीवन और भी जटिल हो गया है. हालाकि यह लॉकडाउन केवल 7 दिनों का है. पर 7 दिनों के भीतर क्या स्थिति पर नियंत्रण हो जायेगा. निश्चित रूप से नियंत्रण के लिए एक लंबा समय लगेगा. तब तक लोगों के सामने परेशानी के सिवाय और कोई विकल्प नही है. जरूरी है कि कुछ सरकारी विभाग बीते एक वर्ष से कोरोना संबंधी संक्रमण से परेशान लोगोें को राहत प्रदान करे. उन्हेंं योग्य सहायता नहीं दी जा सकती है तो कम से कम उनकी पानी, बिजली आदि क्षेत्र में राहत दी जाए.
कोरोना संक्रमण से बढते मरीजों की संख्या के बीच कोरोना बीमा को लेकर फर्जी टेस्टिंग रिपोर्ट का मामला सामने आया है . इस तरह यदि कोई वर्ग बीमारी के नाम पर स्वार्थ साध्य कर रहा है तो उसके खिलाफ कडी कार्रवाई होना चाहिए. क्योंकि लोगों का विश्वास इससे प्रभावित हो रहा है. इस मामले की सर्वांगीण जांच की मांग जिला परिषद की आमसभा में की गई है. जांच के बाद अनेक तथ्य सामने आयेंगे. इस बीच यह जरूरी है कि कोरोना संक्रमण रोकने के के लिए प्रशासन की ओर से तत्काल कडे इंतजाम किया जाए. पिछले लॉकडाउन में संक्रमण रोकने के लिए प्रशासन की ओर से हर एसटी बस को सैनिटाइजर से धोया जाता था. इस बार ऐसा कुछ नहीं होता दिखाई दे रहा है. केवल मॉस्क व सोशल डिस्टेसिंग के प्रति लोगों को जागृत किया जा रहा है. इसी तरह पिछले संक्रमण के समय शहर की लगभग सभी बस्तियों में सैनिटायजर का छिडकाव किया गया था. इस बार इस बात का भी अभाव देखा जा रहा है. अत: जरूरी है कि जनसामान्य बीमारी से बचाव के लिए हर संभव प्रयत्न करें. आवश्यक रूप से त्रिसुत्री का पालन करे. साथ ही प्रशासन को भी चाहिए कि वह संक्रमित क्षेत्रों में सैनिटाइजर का छिडकाव करे व मच्छर सहित अन्य जंतुओं को नष्ट करनेवाले छिडकाव का क्रम भी तेजी से जारी रखे. कोरोना संक्रमण यह लोगों पर आयी हुई आपदा है. इसलिए प्रशासन को चाहिए कि वह पीडितों को तत्काल योग्य सहायता दे. कम से कम बिजली बिल आदि की कटौती न करे. जिससे लोगों का जनजीवन अस्तव्यस्त न हो जाए. कुल मिलाकर इन दिनों कोरोना का संक्रमण तीव्र रहने के कारण हर किसी की जिम्मेदारी बढ गई है . स्वयं की सुरक्षा भी अति आवश्यक है . इसके लिए नागरिको को स्वयं स्फूर्त होकर स्वयं का ध्यान रखना होगा. साथ ही प्रशासन को भी चाहिए कि बीमारी से बचाव के लिए जो महत्वपूर्ण कार्य होने चाहिए उन्हें पूरा किया जाए. यदि ऐसा किया जाता है तो निश्चित रूप से बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है. इसके लिए नागरिको को अपने स्तर पर सावधानी बरतना अति आवश्यक है. साथ ही संबंधित विभागों को भी हर स्थिति पर ध्यान रखना आवश्यक है. योग्य रूप से सैनिटाइजर का छिडकाव किया जाना चाहिए व लोगों को भी इसके लिए प्रेरित किया जाना जरूरी है. खासकर जो लोग इस लॉकडाउन के कारण प्रभावित हो रहे है उन्हें योग्य सहायता दी जानी चाहिए.अनाज से लेकर अन्य जीवनावश्यक वस्तुओंं को भी उपलब्ध करना चाहिए.

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