संपादकीय

लापरवाहो को दंडित करें

उत्तरप्रदेश के बदायूं में एक महिला के साथ दुष्कर्म करने के बाद उसकी हत्या कर दी गई. इस बारे में संबंधित पुलिस थाने में शिकायत किए जाने के बाद भी थाना प्रभारी की ओर से एफआईआर दर्ज नहीं किया गया. पुलिस अधिकारियों ने यह कहकर मामला दर्ज नहीं किया कि महिला की मृत्यु कुएं में गिरने से हुई है. लेकिन पुलिस के सारे दावों की पोल पोस्टमार्टम के बाद खुल गई. महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म होने की पुुष्टि रिपोर्ट में की गई है. विशेष यह कि पीडित महिला का पोस्टमार्टम 48 घंटों के बाद किया गया. इस संबंध में थाना प्रभारी को निलंबित कर दो आरोेपियों को गिरफ्तार किया गया है. इस मामले में मुख्य आरोपी महंत सत्यनारायणदास फरार है. पुलिस ने उसके खिलाफ 25 हजार रूपये का ईनाम भी घोषित किया है. कहने को तो उत्तरप्रदेश मेें योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में सत्तारूढ सरकार माफियाओं व अपराधिक तत्वों को खोजकर उन्हें उनके अंजाम तक पहुंचा रही है. फिर भी नारी सुरक्षा के मामले में प्रदेश पिछडने लगा है. योगी आदित्यनाथ द्बारा सत्ता संभालने के बाद बदायूं में ही दो बहनों के साथ दुष्कर्म कर उनके शव पेड पर लटका दिए जाने की घटनाए हुई थी. इस घटना को लेकर काफी हंगामा हुआ था. इस बार भी दुष्कर्मियों ने बर्बरता की सभी सीमाएं लांघ दी. बदायूं जिले उघैती के मंदिर में हुई इस घटना के बारे में कोई जानकारी सामने आयी है. उसमें यह पता चला है कि तीन बच्चों की माता तथा 50 वर्षीय महिला रविवार की शाम मंदिर में पूजा करने के लिए गई थी. मंदिर में मौजूद महंत सत्यनारायणदास, उनका शिष्य वेदराम तथा चालक जसपाल के खिलाफ दुष्कर्म का आरोप लगा है. जिसमेें वेदराम और जसपाल को गिरफ्तार कर लिया गया है. महंत घटना के बाद से फरार है. इसके चलते पुलिस ने फरार महंत के खिलाफ जांच आरंभ कर दी है तथा उसके उपर 25 हजार रूपये का ईनाम घोषित किया है. निश्चित रूप से यह घटना प्रदेश की गरिमा को नष्ट करनेवाली है. इसके चलते जरूरी है कि मामले की सर्वांगीण जांच की जाए. उत्तरप्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर अब अनेक सवाल उठने लगे है. इस घटना की तरह मेरठ जिले के इंचौली थाना क्षेत्र अंतर्गत हुई है. इसमें बदमाशों ने 16 वर्षीय नाबालिग के साथ दुष्कर्म किया. इतना ही नहीं नाबालिग की आवाज बाहर न पहुंचे इसलिए डीजे बजाया गया. स्पष्ट है कि प्रदेश में असामाजिक तत्वों का सिलसिला आरंभ हो गया है. इस पर नियंत्रण के लिए सरकार को कडी मेहनत करनी होगी. सरकार चाहे तो इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए कडे से कडे दंड का प्रावधान किया जाना चाहिए.
दुष्कर्म की बढती वारदातों के लिए काफी हद तक कानून को ही जिम्मेदार माना जा सकता है. दुष्कर्म की घटना होने के बाद पुलिस द्बारा इस मामले की शिकायत दर्ज न करना अपने आप में शोकांतिका है. क्योंकि महिला संबंधी अपराध के मामलो को इतनी सहजता से नहीं लिया जा सकता. स्वयं केन्द्र सरकार का मानना है कि महिला संबंधी अपराधों को पुलिस को गंभीरता से लेने का निर्देश है. लेकिन बदायुं घटना मेें अव्वल तो मामला दर्ज नहीं किया गया. वरिष्ठ अधिकारियों से मिलने के बाद मामला दर्ज हुआ. लेकिन शव के पोस्टमार्टम के लिए 48 घंटे का समय व्यतीत किया गया. निश्चित रूप से इसमें संबंधित अधिकारियों की लापरवाही जिम्मेदार है. इसलिए अधिकारियों को केवल निलंबित कर देना ही पर्याप्त नहीं है. उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई भी होनी चाहिए. यदि तत्काल मामला दर्ज किया जाता तो आरोपी को भागने का अवसर मिला है. जिसके कारण वह भागने में सफल रहा. इस मामले में जो भी पुलिस कर्मी दोषी दिखाई देता है. उस पर दंडात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए. दुष्कर्म के अपराधों के लिए एक कारण यह भी है कि दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई नहीं होती. किसी भी समाज में महिलाओं के साथ जोर जबर्दस्ती किए जाने को सामान्य रूप से नही लिया जाता है. लेकिन पुलिस प्रशासन की ओर से इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया. यदि तत्काल मामला दर्ज किया जाता तोपुलिस आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार कर सकती थी. लेकिन यहां लापरवाही सामने आयी है. इस लापरवाही के लिए दोषी पुलिस कर्मियों को केवल निलंबित कर देना उचित नहीं. उनके खिलाफ इस हत्या व दुष्कर्म के सह आरोपी बनाने का कार्य किया जाना चाहिए. समाज में इस तरह की घटनाएं होना एक चिंता की बात है. हर बार इस तरह की घटनाएं होती है. इसके लिए जरूरी है कि दोषियों के खिलाफ कडे प्रावधान किए जाए.
दुष्कर्म की घटना न हो इसके लिए हर कोई चाहता है कि कडा कानून बने. विगत दिनों हैदराबाद में तीन बदमाशों एक महिला चिकित्सक के साथ न केवल दुष्कर्म किया बल्कि उसके शव को जला भी दिया. पुलिस ने इन आरोपियों को गिरफ्तार कर उनका कथित रूप से एनकाउंटर कर दिया. जिसको लेकर पूरे देश में जश्न मनाया गया. ऐसी हालत में यह स्पष्ट है कि जनसामान्य ऐसे दोषियों को नहीं बख्शता. वह चाहता है कि दुष्कर्मियों को कडी से कडी सजा दी जाए तभी इस तरह के मामले पर रोक लग सकेगी.

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