संपादकीय

कुख्यातों पर शिकंजा

उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी के नेतृत्व वाली सरकार ने प्रदेश के बदमाशो के खिलाफ शिकंजा कसना आरंभ कर दिया है. इसके तहत अनेक कार्रवाई जारी है. पूर्वाचल में अतिक अहमद व मुख्तार अंसारी पर कार्रवाई करने के बाद योगी सरकार ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बदमाशों के खिलाफ कार्रवाई आरंभ कर दी है. कुख्यात मुन्ना बजरंगी की जेल में हत्या के आरोपी सुनील राठी पर प्रशासन ने शिकंजा कस दिया है. गैंगस्टर एक्ट के तहत सुनील राठी के टिकरी स्थित तीन मकान को कुर्क कर दिया गया है और एक वाहन को सीज कर दिया गया है. इससे पूर्व मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के नेतृत्ववाली सरकार ने कानपुर के कुख्यात विकास दुबे की संपत्ति नष्ट कर लोगों की विकास द्बारा हथियायी गई भूमि संबंधित किसानों को वापस करने का कार्य भी किया है. निश्चित रुप से उत्तर प्रदेश सरकार की यह कार्रवाई कानूनी व्यवस्था बनाये रखने में योगदान देंगी. क्योकि अब तक अपराधी तत्वों की गिरफ्तारी व बाद में जमानत पर मुक्तता जैसी बाते आसान थी. लेकिन वर्तमान योगी सरकार ने इन तत्वों के खिलाफ ठोस कदम उठाना आरंभ कर दिया है. केवल उन्हें गिरफ्तार करने तक अपने आप को सीमित नहीं रखा. बल्कि ऐसे तत्वों की संपत्ति भी नष्ट करने का बीडा उठाया है. इसका असर उन तत्वों पर अवश्य होगा. जो अब तक कानून से जरा भी भयभीत एवं मनमानी ढंग से लूटपाथ जैसी घटनाओं को अंजाम दे रहे थे. किसी की जमीन हथिया लेना तथा हत्या जैसे जघग्य अपराध इन तत्वों के जरिये हो रहे थे. लेकिन इन पर प्रशासन का नियंत्रण नहीं था. कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए प्रशासन को काफी जद्दोजहद करनी पडती थी. उसी समय से लोगों में यह चाह थी कि, ऐसे तत्वों के खिलाफ कडी कार्रवाई हो, बावजूद इसके कई दिनों तक असामाजिक तत्व अपनी कार्रवाईयों को अंजाम देते रहे है. उनका मनोबल इतना अधिक बढ गया है कि, पुलिस पर भी हमला करने से वे नहीं बच रहे थे. विकास दुबे के यहां प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर उसकी सारी अंचल संपत्ति नष्ट कर दी. इतना ही नहीं उसके सभी सहयोगियों को या, तो गिरफ्तार कर दिया गया है या फिर उनका ऐनकाउंटर हो गया है. आम तौर पर पाया जाता है कि, अपराधी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई का दौर सीमित समय के लिए जारी रहता है. लेकिन बाद में गतिविधियां शिथिल हो जाती है. ऐसे में असामाजिक तत्व पर प्रशासन का प्रभाव इतना अधिक कस उठता है कि, वे अपना कार्य बदलने को मजबूर हो जाते है. इस दिशा में मुख्यमंत्री योगी की सरकार ने अनेक सार्थक कदम उठाये है. भविष्य में उत्तर प्रदेश के लोगों को इसके परिणाम पता चलेगे. जब तक प्रांत में असामाजिक तत्व सक्रिय रहेगे. विकास कार्य के बारे में सोचा नहीं जा सकेगा. इसलिए सबसे पहले असामाजिक तत्व पर नियंत्रण करना आवश्यक है. मुख्यमंत्री योगी ने इस दिशा में कदम उठा लिये है. उन्होंने स्पष्ट रुप से कहा है कि, वे ऐसे तत्वों के खिलाफ योगी सरकार ठोस कदम उठाती रहेगी. मुख्यमंत्री योगी द्बारा अपराधियों को नष्ट करने को प्राथमिकता दी गई है. इसके चलते मुख्यमंत्री ने अनेक असामाजिक तत्व एवं अपराध सरगनाओं के खिलाफ अभियान जारी रखा है. कुछ असामाजिक तत्व अभी भी हिंसा एवं अपराधिक गतिविधियों को अंजाम दे रहे है. इसके चलते ठोस कदम उठाना अतिआवश्यक है. जब तक असामाजिक तत्व को इस बात का ऐहसास रहेगा कि, वे पुलिस प्रशासन व राजनीतिका दलों के सहयोग से अपनी मनमानी कर रहे है. जिससे जनसामान्य प्रभावित होता है. इसके चलते सबसे पहले अपराधियों का मनोबल तोडना अत्यंत जरुरी है. इसके लिए प्रशासन के साथ-साथ जनसामान्य को भी असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करना चाहिए. सामान्य नागरिक ऐसे तत्वों से बिना किसी विरोध के उनकी बात मान लेता है. तब असामाजिक तत्वों का हौसला और भी बढ जाता है. वर्तमान में योगी आदित्यनाथ के सरकार ने जो कदम उठाना आरंभ किया है निश्चित रुप से असामाजिक तत्वों के हौसले टूटेंगे. कुलमिलाकर असामाजिक तत्वों की कार्रवाईयां हर किसी के लिए घातक होती है. एक दिन पूर्व महाराष्ट्र के नागपुर में करीब ६ लोगों ने कार में सवार एक व्यक्ति की दिन-दहाडे हत्या कर दी. यह सब तभी संभव है जब असामाजिक तत्वों के हौसले बुलंदी पर रहते है. कानूनी व्यवस्था का उनमें खौफ नहीं रहता. लेकिन ठोस कार्रवाई की जाये तो वे भी भयभीत हो सकते है तथा अपनी कार्रवाईयां करने से पहले उन्हें कई बार सोचना होगा. जिन प्रांतों में कानून व्यवस्था असामाजिक तत्वों के कारण बिगडी हुई हं उन सभी राज्यां को मुख्यमंत्री योगी द्बारा जो कार्रवाई का सिलसिला आरंभ किया गया है. उस पर अनुसरण करना चाहिए. बहरहाल मुख्यमंत्री द्बारा योग्य कदम उठाये जा रहे है. अन्य राज्यों को भी इसका अनुसरण आवश्यक है. तभी ऐसे तत्वों पर रोक लगेगी.

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