संपादकीय

दैनिक अमरावती मंडल की 26 वीं वर्षगांठ व 27 वें वर्ष में पदार्पण पर विशेष संपादकीय

नई उमंग, नये जोश व नये उत्साह के साथ नई पारी की शुरूआत

देखते ही देखते पश्चिम विदर्भ के सर्वाधिक लोकप्रिय एवं सबसे अधिक पढे जानेवाले आपके अपने दैनिक अमरावती मंडल ने अपनी स्थापना के 26 वर्ष पूर्ण कर लिये हैं और आज 29 जून 2020 को हम अपनी स्थापना और शुरूआत की 27 वीं वर्षगांठ मनाते हुए अपने कार्यकाल के 27 वे वर्ष में प्रवेश करने जा रहे है. पीछे मुडकर देखें, तो 26 वर्ष का अरसा आज महज एक बीता हुआ लम्हा लगता है, लेकिन इसी एक लम्हे में जीवन के तमाम उतार-चढाव शामिल हैं. साथ ही जारी वर्ष की पिछली छमाही तो इतनी अधिक उथल-पुथल रही कि लगता है, अब मानों वक्त को कोरोना पूर्व व कोरोना पश्चात ऐसे दो कालखंडों में विभाजीत करना पडेगा. इसके साथ ही लॉकडाउन के दौरान विगत तीन माह तो मानों हमारे लिए बेहद कडी परीक्षा और कसौटी के रहे, किंतु जिस तरह आप सभी सुधी पाठकजनों से मिलते साथ व सहयोग हमारी ताकत बने रहे. इसी ताकत के बलबूते हमने अपने पाठकों से विश्वास एवं कसौटी के सभी मानकों पर खरा उतरने का प्रयास किया है. साथ ही अपने 26 वें वर्धापन दिवस पर आप सभी के इसी साथ और सहयोग को साक्षी मानकर संकल्प किया जा सकता है कि, वैश्विक महामारी के साथ जूझते हुए अब यहां से नये जोश, नये उत्साह, नई उमंग एवं नई आकांक्षाओं के साथ न्यू नॉर्मल होते हुए एक नई शुरूआत करते हैं.

29 जून 1994 यह तारीख अमरावती की पत्रकारिता में हमेशा याद रखी जायेगी. जब ताजा-तरीन खबरों के साथ ही विश्लेषणात्मक तथ्यों को पूरी निष्पक्षता एवं निर्भिकता के साथ पाठकों के बीच साझा करने हेतु बेहद सीमित संसाधनों के जरिये अमरावती शहर में अमरावती मंडल का प्रकाशन शुरू हुआ था. गांधी मशीन कही जाती ट्रेडल मशीन पर महज चार पन्नों के टैब्यूलाईड साईज अखबार के साथ शुरू हुआ यह सफर आज 12 पन्नों के फुल साईज बहुरंगीय अखबार तक आ पहुंचा है. साधनों को संपन्न बनाने के साथ-साथ विगत 26 वर्षों के दौरान अमरावती मंडल ने सीढी-दर-सीढी अपने कदम बढाते हुए नित नई उंचाईयों के लक्ष्य को छूने का प्रयास किया है. साथ ही प्रतिवर्ष किसी न किसी नई उपलब्धि के साथ अपने पाठकों की सेवा में हम प्रस्तुत हुए है. इस वर्ष भी अमरावती मंडल ने अपने इस क्रम को जारी रखा है. जैसा कि कहा जाता है चुनौतियां कितनी भी जटिल हो, किंतु यदि अपनों का साथ व सहयोग मिलता रहे, तो सभी मुश्किलों व दिक्कतों को पार किया जा सकता है. दैनिक अमरावती मंडल विगत 26 वर्षों के दौरान तमाम तरह की चुनौतियों और बाधाओं को पार करने के बाद आज जिस मुकाम पर है, वह आप सभी अपनों के स्नेह व सहयोग का प्रतिफल है. यह आप सभी सुधी पाठकजनों का स्नेह ही है, जिसकी बदौलत लगातार बदलते परिवेश, समाचारों को सबसे पहले पहुंचाने की प्रतिस्पर्धा तथा ईलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लगातार बढते प्रभाव के बावजूद दैनिक अमरावती मंडल की लोकप्रियता लगातार बरकरार है. साथ ही आपका यह स्नेह हमेें हमेशा खुद पर बढती जिम्मेदारियों का एहसास कराता है और हम लगातार उन जिम्मेदारियों के निर्वहन हेतु खुद को तैयार करते हैं.
यहां इस बात की ओर विशेष ध्यान दिया जा सकता है कि, इन दिनों तेजी से बदलते सूचना तकनीक तंत्रज्ञान के चलते सोशल मीडिया का स्वरूप हर दिन बदल रहा है और सोशल मीडिया ने जीवन के सभी क्षेत्रों में अपनी अच्छी-खासी दखल बना ली है. कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि, हमारे देश में प्रिंट मीडिया को पनपने व विकसित होने में 75 वर्ष से अधिक का समय लग गया, लेकिन सोशल मीडिया ने इसकी तुलना में बेहद कम समय में सभी लोगों के बीच अपनी जबर्दस्त पैठ बना ली. 135 करोड से अधिक आबादीवाले अपने देश में आज करीब 90 करोड से अधिक लोगों के पास मोबाईल हैंडसेट है. जबकि आज भी लगभग 18 करोड लोग भी भाषाई अखबार पढते हैं. ऐसे में देश में मध्यम स्तर के अखबारों के सामने खुद को टिकाये रखना एक बडी और गंभीर चुनौती है. यह माना कि, सोशल मीडिया, प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया इन तीनों का अपना विशेष महत्व है और लेकिन इन तीनों के महत्व का अलग-अलग आकलन कर पाना थोडा मुश्किल काम है. किंतु सोशल मीडिया की घुसपैठ के कारण प्रिंट मीडिया में, विशेषकर मध्यम स्तर के अखबारों में पूरे देश में उथल-पुथल की स्थिति बनी हुई है. जिससे हम भी अछूते नहीं हैं.

आज हम 26 वर्ष के हो गये हैं और 27 वें वर्ष में हमारा पदार्पण हो रहा है. वैश्विक परिप्रेक्ष्य में किसी अखबार के जीवन में 26 वर्ष का समय न काफी अधिक लंबा होता है, न छोटा होता है. किंतु हमारा यह मानना है कि, आधुनिक दौर में यह अपने आप में एक बेहद बडा अर्सा है. इस मौके पर अपने पाठकों के साथ अपने दिल की बात करना हमारी जिम्मेदारी है, ऐसा हम समझते हैं. विगत 26 वर्षों के दौरान हमने जो उपलब्धियां हासिल की है, वह सर्वविदित है. अखबार से जुडे हॉकर से लेकर संपादन के क्षेत्र से जुडे हर एक सदस्य की मेहनत के दम पर आज हम यहां तक पहुंचे हैं. हमें यह कहते हुए अभिमान होता है कि, 12 बडे पन्नों का शाम का हमारा अखबार आज राज्य में सबसे बडा सांध्य दैनिक अखबार है और देश में शाम के चुनिंदा अखबारों में हमारी गणना होती है. यह आप सभी के सहयोग एवं संयुक्त प्रयासों का प्रतिफल है. यहां हम इस बात का विशेष रूप से उल्लेख करना चाहेंगे कि, किसी भी समाचार पत्र का लक्ष्य स्वयं की सफलता ही नहीं, बल्कि जनमानस के विश्वास को कायम रखना भी है. अपितु जनमानस का विश्वास ही किसी समाचार पत्र की सफलता का सबसे बडा मानक है. विगत 26 वर्षों के दौरान अमरावती मंडल न केवल अमरावती शहर व जिले में, बल्कि समूचे संभागवासियों के विश्वास की कसौटी पर खरा उतरा है. किसी भी अखबार या चैनल के माध्यम से प्रसारित कोई भी समाचार हो अथवा सोशल मीडिया के माध्यम से जिज्ञासा उत्पन्न करनेवाली कोई भी चर्चा, उस पर कब तक विराम नहीं लगता, जब तक लोगों के हाथ में दैनिक अमरावती मंडल नहीं पहुंचता. अमरावती मंडल को पढने के बाद ही शहर व जिलावासी उस घटनाक्रम एवं चर्चा की पुष्टि करते है, इसे आपके अपने अखबार की विगत 26 वर्षों के दौरान हासिल की गई सबसे बडी उपलब्धि कहा जा सकता है और शायद यही वजह है कि, आज हमारा अखबार विभिन्न सरकारी कार्यालयों व व्यापारिक प्रतिष्ठानों से लेकर आम नागरिकों के घरों तक बहुतायत से पढा जाता है और आम नागरिकोें सहित महिलाओं व बच्चों में भी समसमान रूप से लोकप्रिय है.

विगत 26 वर्षों के दौरान अमरावती मंडल ने पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी एक अलग व सफल पहचान बनायी है. पाठकोें के प्रति समर्पणभाव तथा समाचारों के प्रति निडरता, निष्पक्षता एवं प्रखरता की नीति के कारण अमरावती मंडल सभी की आंखों का तारा बना हुआ है. समाचारपत्र का कलेवर किसी भी राष्ट्रीय समाचार पत्र से कम ना रहे. इसलिए हमने समय-समय पर अनेकों परिवर्तन को आत्मसात किया. जिसके तहत आज अत्याधुनिक प्रिंटिंग मशीन का अमरावती मंडल का प्रकाशन हो रहा है. इसके साथ ही बदलते समय के साथ होनेवाले बदलाव को अंगीकार करते हुए हमने अमरावती मंडल को ई-पेपर का स्वरूप देकर उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जोड दिया है. इसके साथ ही तीन वर्ष पूर्व हमने बडे शहरों की संस्कृति के अनुरूप बहुआयामी सुविधाओं से युक्त अपने कार्यालय का शुभारंभ किया.

अमरावती मंडल को 26 वे वर्ष में पर्दापण हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण मुकाम है. विगत ढाई दशकों से अमरावती मंडल को प्राप्त उपलब्धियों की थाती को अपने साथ लिये हम नई संकल्पनाओं के साथ अपने पाठकों के समक्ष आ रहे है. पाठकों की राय और सहभागिता निश्चित रूप से समाचार पत्रों के लिए दिशादर्शक रहती है. इसलिए बीते कुछ वर्षों से अमरावती मंडल द्वारा समाचार, आलेख व फोटोग्राफी सहित सभी क्षेत्रों में अपने पाठकों का समय-समय पर सहयोग लिया जाता है. अपनी इस विकास यात्रा के दौरान अमरावती मंडल ने अपने पाठकों के लिए अनेकों प्रयोग किये है. जिसमें पाठकों का योग्य सहयोग मिलने से इन प्रयासों को आशातीत सफलता भी मिली है.

यहां यह विशेष तौर पर ध्यान दिलाया जा सकता है कि विगत अनेक वर्षों से दैनिक अमरावती मंडल द्वारा प्रति वर्ष नियमित रूप से दिपावली विशेषांक प्रकाशित करने का कार्य किया जा रहा है और इस विशेषांक के जरिये साहित्य से ओतप्रोत अंक पाठकों को दिया जा रहा है. विशेषांक का आकर्षक कलेवर, संग्रहणीय आलेख तथा प्रभावी तस्वीरों की प्रस्तुति का परिणाम है कि, आज अमरावती मंडल से राष्ट्रीय स्तर के अनेकों लेखक, कवि, व्यंगकार एवं व्यंगचित्रकार जुड गये है. जो प्रतिवर्ष दीपावली विशेषांक हेतु स्वयंस्फूर्त रूप से अपनी रचनाएं प्रेषित करते हैं. इसके साथ ही देश की राजधानी नई दिल्ली में भी राष्ट्रीय स्तर पर अमरावती मंडल के विशेषांकों को पुरस्कृत किया जा चुका है. विशेषांक के प्रकाशन की अटूट परंपरा अमरावती मंडल की ऐसी विशेषता है, जो उसके समाज के प्रति सांस्कृतिक व ऐतिहासिक जुडाव के साथ-साथ भविष्य को सजाने व संवारने में किये जानेवाले योगदान के प्रति आश्वस्त एवं अभिभूत करती है. समाज में विभिन्न विषयों पर लेखन करनेवाली कई प्रतिभाएं है, किंतु समाचारों की चकाचौंध में ऐसी प्रतिभाओं के मौलिक विचारों की प्रस्तूति लोकाभिमुख नहीं हो पाती. परिणामस्वरूप अंकुरित होते विचार आरंभ में ही कुंठित होकर थम जाते है. अमरावती मंडल ने ऐसी ही प्रतिभाओं को समाचार पत्र में प्रमुखता से स्थान दिया. जिससे अमरावती मंडल का स्वरूप बहुगुणी बन गया है.
अपनी स्थापना के शुभमुहूर्त से लेकर आज तक अमरावती मंडल ने वैचारिक प्रचार-प्रसार की परंपरा को पूरी शिद्दत के साथ आगे बढाया है और खबर यानी अखबार व अखबार यानी खबर इस मूलमंत्र पर चलते हुए अमरावती मंडल ने कलम से कभी समझौता नहीं किया. जिसके तहत सभी घटनाक्रमों को बिना किसी लागलपेट जस के तस प्रस्तुत करने का हम प्रयास करते आये हैं. चाहे इसके लिए अमरावती मंडल की टीम को अतिरिक्त श्रम ही क्यों न करना पडा हो. लेकिन पाठकों तक सही जानकारी पहुंचाने के अपने सिध्दांत पर अमरावती मंडल हमेशा अडिग रहा है तथा क्षणिक लोकप्रियता के लिए अमरावती मंडल ने कभी भी लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड नहीं किया. इसके साथ ही सामाजिक स्थितियों के प्रति भी अमरावती मंडल सदैव संवेदनशील रहा है तथा देश में घटित हो रहे घटनाक्रमों को प्रभावी एंगल से प्रस्तुत करने के साथ ही ऐसी घटनाओं को लेकर जनचैतन्य निर्माण करने का प्रयास भी अमरावती मंडल द्वारा किया गया है. इसके साथ ही सभी के लिए अमरावती मंडल की सम-समान नीति रही है. यहीं वजह है कि भाषा की एकता के स्वरूप को प्रबल करने के लिए अमरावती मंडल ग्रुप ने मराठी भाषा में प्रकाशित होनेवाले दैनिक मातृभुमि के संपादन का भी दायित्व संभाला है और आज यह मराठी समाचार पत्र भी सफलता की ओर अग्रसर है.

यह अमरावती मंडल की समर्पक व निष्पक्ष पत्रकारिता का ही नतीजा रहा कि, देश में शीर्षस्थ व अर्धन्यायिक संस्था प्रेस कौन्सिल ऑफ इंडिया में दैनिक अमरावती मंडल के संपादक लगातार दो बार चयनीत हुए. साथ ही राज्य सरकार द्वारा राज्य की विज्ञापन पुनर्विलोकन समिति में अमरावती मंडल के संपादक को शामिल किया गया है. इसके साथ ही अमरावती विभागीय अधिस्वीकृति समिति के अध्यक्ष के रूप में भी अमरावती मंडल के संपादक का चयन किया गया है. इसी तरह अखिल भारतीय मराठी पत्रकार संघ के अमरावती जिले के अध्यक्ष बनने का बहुमान भी अमरावती मंडल के संपादक को प्राप्त हुआ है. यह अमरावती मंडल के संपादक के साथ ही अमरावती मंडल की टीम की अभूतपूर्व उपलब्धि है. साथ ही अमरावती मंडल अब तक की अपनी तमाम उपलब्धियों को समाज की ओर से मिला अनुदान मानता है. हम ऐसी ही सोच व समझ को लेकर भविष्य में अपना सफर तय करने की आंकांक्षा से अनुप्रेरित है. साथ ही अब तक पाठकों का जो सहयोग हमें मिलता रहा है, उसके लिए हम बेहद कृतज्ञ है. आपसे मिलनेवाले स्नेह व सहयोग का सिलसिला आगे भी हरदम व हरकदम जारी रहे, 26 वर्ष के इस सफर और 27 वीं वर्षगांठ पर यही हमारी अपेक्षा है.

अपनी स्थापना एवं प्रारंभ के 26 वर्ष पूर्ण करने के अवसर पर हम पत्रकारिता के साथ जुडी एवं दिनोंदिन बढती एक त्रासदी की ओर भी सभी का ध्यान दिलाना चाहेंगे. इन दिनों लगभग सभी समाचार माध्यम असहमति के नाम पर लोगों, विशेषकर राजनीतिक दलों के आक्रोश के निशाने पर है. जिसके तहत अखबारों व अखबारोें के कार्यालयों तथा मीडिया कर्मियों पर हमले की घटनाएं आम हो चली है. याद दिला दें कि, अपनी पत्रकारिय जिम्मेदारियों के चलते ही देश सहित विश्व में प्रसार माध्यमों को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है. किंतु लोकतंत्र के नाम पर दुहाई देनेवाले लोग भी इस चौथे स्तंभ पर हमला करने से पहले आगे पीछे नहीं सोचते. विगत 26 वर्षों के दौरान अमरावती मंडल भी ऐसी घटनाओं से अछूता नहीं रहा. किंतु हर बार ऐसी घटनाओं के बाद हम और अधिक मजबूत हुए, क्योेंकि हमने अपने शैशवकाल में ही निष्पक्ष पत्रकारिता के प्रति कृतसंकल्प होते हुए ही यह तय किया था कि हम किसी भी तरह की अराजकता से नहीं डरेंगे और कभी भी अपने कर्तव्यपद से पीछे नहीं हटेंगे. यहां यह भी सर्वाधिक उल्लेखनीय है कि, दैनिक अमरावती मंडल के संपादक ने ही पश्चिम विदर्भ क्षेत्र पत्रकारों पर होनेवाले हमलों के खिलाफ निषेध प्रदर्शन कर ऐसी घटनाओं के खिलाफ एक मुहिम शुरू की थी. जिसकी वजह से कालांतर में सरकार को पत्रकार संरक्षण कानून के प्रभावी क्रियान्वयन पर विचार करना पडा.

अमरावती मंडल अपने प्रकाशन के पहले दिन से अपने पाठकों के समक्ष यथार्थ प्रस्तूत करता आया है और हमने विगत 26 वर्षों के दौरान अपनी इसी परिपाटी को कायम रखा है, जो आगे भी कायम रहेगी. हमने हमेशा समाज को सच का आईना दिखाया है और हम आगे भी यहीं करेंगे, क्योेंकि हमारी नजर में पत्रकारिता की प्रतिबध्दता यही है और हमारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के उस कथन पर पूरा विश्वास है कि, ‘सत्य परेशान तो हो सकता है, पर पराजित नहीं.’ इसी कथन को अंगीकार करते हुए हम सत्य की राह पर अग्रसर है और हमारी पूरी निष्ठा अपने पाठकों के प्रति है. इसी निष्ठा की बदौलत हम कोरोना जैसे संकटकाल के दौरान पूरे हौसले के साथ काम कर रहे हैं और इस दौरान हमने अपने पाठकोें सहित आम नागरिकों को कोरोना के प्रति जागरूक करने के साथ-साथ उन्हें इस बीमारी से संबंधित हर एक जानकारी से अपडेट किया. जिसके तहत दैनिक अमरावती मंडल ने ही पश्चिम विदर्भ क्षेत्र में सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म का सहारा लेते हुए सबसे पहले ब्रेकिंग न्यूज की परिपाटी शुरू की और सरकार व प्रशासन से मिलनेवाली हर एक अपडेट को सबसे पहले अपने पाठकों तक पहुंचाने का काम शुरू किया. इस प्रयास को आप सभी पाठकोें की ओर से भरपूर सराहना भी मिली. जिससे हमारा हौसला द्विगुणित हुआ है और इसी हौसले के बलबूते हम दोगुने जोश के साथ लॉकडाउन के दौरान ही काम करते आये हैं. साथ ही अब उम्मीद है कि, अनलॉक-1 व अनलॉक-2 के तहत आप और हम साथ मिलकर नये जोश, नई उमंग, नये उत्साह व नये हौसले के साथ न्यू नॉर्मल होते हुए एक नई पारी की नई शुरूआत करेंगे.

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