कडाई ही एकमात्र उपाय
कोरोना संक्रमण के भारी खतरे को देखते हुए कोरोना से बचाव के लिए सरकार द्वारा निर्धारित उपाय योजना का पालन ही बीमारी से बचाव का मुख्य मार्ग है. सच तो यह है कि बीमारी एक बार पूरी तरह नियंत्रण में आ रही थी. लेकिन लोगों ने सामान्य नियमों का भी पालन नहीं किया.यही कारण है कि बीमारी ने फिर से अपना रूख अपना लिया है. इसके चलते जरूरी है कि हर कोई सरकार द्वारा निर्धारित उपायों का पूरी तरह पालन करे. यदि योग्य तरीके से पालन नहीं हो पाता है तो इसके अनेक दुष्परिणाम सामने आ सकते है. दिपावली के समय लोगों ने खरीददारी के लिए जो भीड़ मचाई थी. उसके कारण कोरोना का संक्रमण तेजी से हो गया है. हालाकि सरकार की ओर से बढ़ते संक्रमण के बाद भी लोगों को सावधान रहने की चेतावनी दी गई है. लेकिन उसका भी पालन नहीं किया गया.परिणामस्वरूप संक्रमण की नौबत बढ़ गई है. ऐसा नहीं कि प्रशासन ने लोगों को आगाह नहीं किया.प्रशासन बार-बार लोगों को मास्क पहनने और सोशल डिस्टेसिंग के निर्देश देता रहा है. लेकिन लोगों में बीमारी को लेकर जो भय होना चाहिए था.वह नहीं है. वे मनमाने ढंग से विचरण कर रहे है. सबसे ज्यादा जरूरी मास्क लगाना है. लेकिन पाया जारहा है कि अनेक लोग बिना मास्क के घूमते है. शहर में अनेक ऑटोचालक बिना मास्क के वाहन चलाते हुए दिखाई पड़ते है. इसी तरह अनेक नागरिक व विद्यार्थी भी बिना मास्क के विचरण कर रहे है. परिणाम स्वरूप जिला प्रशासन ने मास्क नहीं लगाने वालों पर जुर्माना २००से बढ़ाकर५०० रूपये कर दिया गया है. इसके अलावा सोशल डिस्टेसिंग व अन्य नियमों का पालन नहीं करनेवालों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है. इसका सार्थक असर भी दिखाई दे रहा है. अनेक लोग अब मास्क पहनकर ही घर के बाहर निकलते दिखाई दे रहे है.
प्रशासन का दायित्व है कि जो नियम लागू कर रहा है उसका सही अमल हो.इसके लिए कडाई से नियमों का पालन करना व लोगों को इसके लिए जनजागृत करना भी महत्वपूर्ण है. यदि जो लोग नियमों का पालन नहीं करते है उनके खिलाफ योग्य कार्रवाई की जानी चाहिए. कोरोना का संक्रमण होना हर किसी के लिए चिंता का विषय है. इसमें यदि रोजाना ५० से अधिक केस सामने आ रहे है. ऐसे में सावधानी अति आवश्यक हो गई है. यदि लोग स्वयं स्फूर्त होकर अपनी जांच कराते, समय पर आवश्यक उपाय योजना के अनुसार कार्य करते हो तो इस तरह बीमारी का दुबारा संक्रमण नहीं होता. बहरहाल यह जरूरी है कि हर कोई नियमों का पालन करे तथा अपने स्वास्थ्य के साथ साथ ओरों के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखे. देश के अनेक हिस्सों में कोरोना संक्रमण चरम पर है.राजधानी दिल्ली में तो मास्क न लगानेवालों के खिलाफ २ हजार रूपये जुर्माना तय किया गया है. जिसका असर राजधानी में देखने मिल रहा है. अब वहां पर अनेक लोग मास्क लगाकर ही विचरण कर रहे है. लेकिन यह सब तब हो रहा है जब बीमारी अपनी चरम पर पहुंच गई है. रोजाना १०० से अधिक लोगों की मृत्यु हो रही है. बढ़ती मृत्यु से पूरा देश चिंतित है. कोरोना का संक्रमण जो अभी कुछ राज्यो तक सीमित है वह अन्य राज्य में भी फैल सकता है. इसलिए सभी को अभी से ही उपाय योजना की ओर ध्यान देना होगा.
कोरोना संक्रमण रोकने के लिए उपाय योजना के साथ साथ जरूरी है कि नागरिक अपनी आंतरिक शक्ति पर भी ध्यान दे. इसके लिए आवश्यक प्राकृतिक सामग्रियों का इस्तेमाल रखना चाहिए . जिससे बीमारी के संक्रमण का खतरा टल सकता है. हालाकि सरकार ने कोरोना के मद्देनजर उपाय आरंभ कर दिए है. आंतरिक शक्ति बढ़ाने के लिए जरूरी है कि योग्य खान पान और अन्य सावधानी बरतनी चाहिए.
कोरोना का संक्रमण जब पहले दौर में था तब से ही जानकार नागरिको द्वारा योग्य उपाय योजना की मांग की जा रही थी. लेकिन इस बारे में विशेष ध्यान नहीं दिया गया.यही कारण है कि बीमारी का संक्रमण अब नये रूप से आरंभ हो रहा है. कुल मिलाकर कोरोना की दूसरी लाट हर किसी के लिए नुकसानदेह हो सकती है. इसके लिए अभी से ही योग्य सावधानी बरतना आवश्यक है. प्रशासन ने इस बारे में लोगों को जागरूक कर रहा है. लेकिन लोगों की लापरवाही का सिलसिला कायम रहने के चलते प्रशासन ने अब दंडात्मक कार्रवाई भी आरंभ कर दी है. हालाकि प्रशासन की स्थिति से लोगों में नाराजी आ सकती है. लेकिन प्रशासन का मुख्य लक्ष्य लोगों के स्वास्थ्य बनाए रखना है. इसके लिए कई बार कडे कदम भी उठाने पड़ते है. इस दृष्टि से प्रशासन का कडा होना स्वभाविक है. अभी से ही बरती जानेवाली सावधानी भविष्य के लिए सुखद साबित होगी. बेशक कडी कार्रवाई के कारण कुछ लोग दुखित हो लेकिन अधिकांश लोगों के लिए इस तरह की कार्रवाई आवश्यक है. नागरिको को अब जागरूक होकर कोरोना के साथ संघर्ष करना है. यह संघर्ष तभी संभव है जब हर कोई इस बात का ध्यान रखे कि उसे आवश्यक नियमो का पालन करना है. कडाई से नियमों का पालन करना ही इस बीमारी के बचाव का एकमात्र अस्त्र है.