कडी कार्रवाई योग्य कदम
जिले में कोरोना का संक्रमण तीव्र गति से जारी है. बावजूद इसके नागरिको द्वारा कोरोना से बचाव के लिए जारी निर्देशों की उपेक्षा की जा रही है. कोरोना संक्रमण के आरंभ से ही मॉस्क लगाने की अनिवार्यता की गई है. लेकिन पाया जा रहा है कि अधिकांश नागरिक आज भी मॉस्क का उपयोग नहीं कर रहे है. कुछ लोग मॉस्क को लगा अवश्य रहे है लेकिन नाक व मुंह ढकने की बजाय गले में या कान पर मॉस्क लटकाए रहते हैे. जबकि जरूरी यह है कि मॉस्क नाक और मुंह को ढक सके, ऐसी स्थिति में लगाया जाना चाहिए. इस बारे में कई बार प्रशासन की ओर से सूचित भी किया गया. प्रशासन ने बार-बार आग्रह के बाद भी लोगों ने अब तक मॉस्क का सही उपयोग करना आरंभ नहीं किया है. जिसके कारण अब प्रशासन को ठोस भूमिका अपनानी पड़ रही है. प्रशासन ने मॉस्क न लगानेवाले लोगों के खिलाफ जुर्माना वसूली का अधिकार मनपा अधिकारियों के अलावा पुलिस एवं ट्रॉफिक पुलिस को भी दिया है. निश्चित रूप से अब मॉस्क न लगानेवालों को कडी कार्रवाई से गुजरना पड़ेगा. प्रशासन की ओर से कोरोना को नष्ट करने के लिए अनेक प्रयत्न जारी है. इसके लिए मरीजों की सुविधार्थ अस्पतालों में बिस्तर की संख्या बढ़ाई जा रही है.साथ ही अनेक स्थानों पर सैनिटाइजर का छिड़काव किया जा रहा है, ऐसें में जनता का सहयोग मिलना भी अति आवश्यक है. नागरिको से प्रशासन की केवल इतनी अपेक्षा है कि वे मॉस्क का उपयोग करे. साथ ही सोशल डिस्टेसिंग का पालन भी करे, ऐसा करने का लाभ स्वयं नागरिको को ही मिलेगा. अत: नागरिको का यह दायित्व है कि वे कोरोना संक्रमण के बीच कोरोना से बचाव के प्रशासन द्वारा दिए गये निर्देशों का पालन करे. यदि नागरिक इस बारे में तत्परता दिखाते है तो निश्चित रूप से बीमारी पर नियंत्रण अपने आप हो सकता है. इसलिए नागरिको को बाहर निकलते समय मॉस्क का उपयोग करना अति आवश्यक है. नागरिक स्वयं पहल कर मॉस्क का उपयोग आरंभ कर दे. प्रशासन द्वारा कार्रवाई किए जाने पर यदि लोग मॉस्क का उपयोग करते है तो वह उचित नहीं. इसलिए जरूरी है कि प्रशासन की कार्रवाई से पूर्व ही नागरिक जागरूक होकर अपनी जागरूकता का परिचय दे. इससे स्वयं नागरिक का लाभ होगा ही साथ ही जिस रफ्तार से कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है. उसे नियंत्रित किया जा सकेगा.
मॉस्क न लगानेवालों के खिलाफ कार्रवाई करते समय प्रशासन को इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि शहर में अनेक घुमंतू परिवार बिना किसी मॉस्क के शहर में घूम रहे है. इतना ही नहीं शाम के समय साइंस्कोर मैदान के सामने सैकड़ों की संख्या में घुमंतू सोशल डिस्टेसिंग की धज्जिया उड़ाते हुए पाए जा सकते है. इतना ही नहीं अनेक प्रतिष्ठानों के सामने घुमंतू के बालक भींख मांगते हुए दिखाई देेते है. इनमें से किसी के मुंह पर मॉस्क नहीं रहता. बेशक यह वर्ग स्वयं के खर्च से मॉस्क नहीं खरीद सकता. ऐसे में प्रशासन को चाहिए कि वह स्वयं मॉस्क की खरीदी कर सड़कों पर घूमनेवाले व सड़कों पर डेरा डाले बैठे घुमंतुओं को भी मास्क पहनने के लिए बाध्य करें. यदि इस ओर ध्यान नहीं दिया जाता है तो सामान्य नागरिको के लिए मॉस्क की बाध्यता कहां तक उचित है. वर्तमान में कोरोना का संंकट शहर में तीव्र रूप में दिखाई दे रहा है, ऐसे में सभी के साथ समान कार्रवाई की जानी चाहिए. संभव है. अनेक घुमंतू परिवार जुर्माना देने से मना करे तो उन्हें किसी क्षेत्र विशेष में ले जाकर विलगीकरण किया जाए. ऐसा करने से लोगों में प्रशासन की उदासीनता व कुछ हद तक पक्षपात की नीति के प्रति जो धारणा बनी है वह दूर हो सकती हैे अनेक फेरी वाले बिना मॉस्क के विचरण करते है. इससे उन ग्राहको की मानसिकता पर भी असर पडता है. जो नियमों का पालन करते हुए खरीददारी के लिए जाते है. जरूरी हैकि इस बारे में प्रशासन को योग्य कदम उठाना होगा. सोशल डिस्टेसिंग का जो आग्रह नागरिको के साथ किया जा रहा है. वैसा आग्रह बसों में यात्रा करनेवाले के साथ भी हो. प्रशासन ने बसों में पूरे आसन पर यात्रियों को ले जाने की अनुमति दी है. निश्चित रूप से इससे सोशल डिस्टेसिंग का पालन नहीं हो पायेगा. जरूरी है कि प्रशासन इस ओर भी ध्यान दे. अनेक बैंकों में एटीएम से रकम निकालने व पासबुक पर प्रिंट कराने के लिए एक ही कमरे में व्यवस्था की गई है. परिणामस्वरूप सीमित परिसर में दो-दो कतारे लगती है. इन कतारों में लोग एक दूसरे के समीप रहते है. इससे सोशल डिस्टेसिंग का पालन नहीं हो पा रहा है. जरूरी है कि प्रशासन इन सब बातों पर ध्यान दे. केवल सीमित वर्ग के लिए कार्रवाई का सिलसिला न रखे. सभी के साथ कडी कार्रवाई होनी चाहिए तभी इस बीमारी से बचाव हो सकता है.
कुल मिलाकर कोरोना का संक्रमण तीव्र रहने के कारण शहरवासियों को चिंता है. वे स्वयं चाहते है कि इस महामारी से मुक्ति मिले. इसके लिए नागरिको का सहयोग भी मिल रहा हैे. मॉस्क लगानेवालों की संख्या अधिक है. कुछ सीमित लोग ही नियमों का उल्लंघन कर रहे है, ऐसे में उनके खिलाफ कार्रवाई का होना अति आवश्यक है. अभिप्राय यह कि कोरोना का संक्रमण अब चरम पर पहुंच गया है. रोजाना सैकड़ों मरीज मिल रहे है. इसलिए योग्य कदम उठाया जाना आवश्यक है.